जौनपुर। आस्था का केंद्र है नगर का यह शिव मंदिर

1977 में हुई थी मंदिर की स्थापना,शिवरात्रि व सावन माह में उमड़ता है आस्था का जनसैलाब

मुंगराबादशाहपुर,जौनपुर। कस्बे में अति प्राचीन शिव मंदिर सैकड़ों वर्षों से श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र बना हुआ है। मंदिर में सावन व शिवरात्रि के अलावा हर दिन भगवान शिव का अभिषेक किया जाता है। सोमवार के दिन सुबह शाम भगवान शिव की भव्य आरती होती है। जिसमें सैकड़ों भक्तों का तांता लगा रहता है। मान्यता है कि सैकड़ों वर्ष पहले नगर के व्यापारी शिवालय ऊमरवैश्य को भगवान शिव की मंदिर बनाने का स्वप्न आया। जिन्होंने 1877 में मंदिर की स्थापना की। प्रदेश व क्षेत्र के कई कर्मकांडी पंडितों ने मंदिर के स्थापना के दिन कई देव स्थलों की मिट्टी व कई नदियों का जल लाकर भगवान के शिवलिंग पर जलाभिषेक किया गया। मंदिर में प्रमुख देवताओ में  भोलेनाथ शिवलिंग रूप में बाय और कार्तिक दाएं और गणेश मध्य माता अशोक सुंदरी विराजमान हैं। मंदिर के बाहर हिस्से में हनुमान जी बाएं और काल भैरव और दाएं और कालसर्प की मूर्ति स्थापित है। विद्वान पंडित अभिषेक शुक्ला ने बताया कि सावन के हर सोमवार को विशेष पूजा अर्चना के बीच रुद्राभिषेक होता है शिवरात्रि व नाग पंचमी के दिन विशाल भंडारे का आयोजन होता है जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं।सावन माह में जलाभिषेक के लिए आने वाले कांवरियों को किसी प्रकार की समस्या ना हो इसके लिए विशेष व्यवस्था की जाती है। मंदिर की स्थापना 1877 हुआ। 2022 में पूर्ण मंदिर के जीर्णोद्धार का कार्य शुरू हो गया है जो अब तक कार्य प्रगति पर है। शिवरात्रि के पावन पर्व पर मंदिर का भव्य सजावट शुरू हो गया है। जिसके दर्शन पूजन के लिए क्षेत्र के इस दिन भक्तों का अपार भीड़ होती है। फिलहाल मुंगरा बादशाहपुर नगर का शिव मंदिर आस्था का केंद्र बना हुआ है।

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