2,30,720 बच्चों के नियमित टीकाकरण का लक्ष्य
रायबरेली, 14 फरवरी 2023
मीसल्स रूबेला(एमआर) उन्मूलन एवं नियमित टीकाकरण में गुणात्मक सुधार एवं सुदृढ़ीकरण के उद्देश्य से विशेष टीकाकरण पखवारा 13 फरवरी से शुरू हुआ है जोकि 24 फरवरी तक चलेगा | इस संबंध में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित हुई |
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह ने बताया कि शून्य से पाँच साल तक की आयु के बच्चों को 12 जानलेवा बीमारियों से बचाने के नियमित टीकाकरण किया जाता है | इससे पहले नौ से बीस जनवरी तक यह पखवारा आयोजित हुआ | विशेष टीकाकरण पखवारे का तीसरा चरण 13 से 24 मार्च को चलाया जाएगा |
मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि 13 फरवरी से शुरू हुए पखवारे में 1272 टीम और इतने ही टीकाकरण सत्रों के माध्यम से शून्य से पाँच साल तक की आयु के 2,30,720 बच्चों का नियमित टीकाकरण किया जा रहा है |
विशेष टीकाकरण पखवारा के लिए दिसंबर माह में हेडकाउंट सर्वे किया गए था जिसके तहत कुल 6, 06,729 घरों का सर्वे किए गया | जिसमें एक शून्य से एक साल के 62,358 बच्चे, एक से दो साल के 69,082 बच्चे और दो से पाँच साल की आयु के 1,54,882 के बच्चों का सर्वे किया गया |
पहले चरण (9 से 20 जनवरी) के अभियान में डीपीटी , हिपेटाइटिस बी और हिब (पेन्टावेलेंट-1) टीके का लक्ष्य 3729 था जिसके सापेक्ष 3785 बच्चों का टीकाकरण किया गया | पेन्टावेलेंट-2 टीके का लक्ष्य 3631 था जिसके सापेक्ष 3762 बच्चों का टीकाकरण किया गया | वहीं पेन्टावेलेंट-3 टीके का लक्ष्य 3507 था जिसके सापेक्ष 3580 बच्चों का टीकाकरण किया गया |
एमआर-1 टीके के 4602 लक्ष्य के सापेक्ष 4760 बच्चों का और एमआर-2 टीके के 4839 के लक्ष्य के सापेक्ष 4945 बच्चों का टीकाकरण किया गया | मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि पहले चरण के पखवारे में लक्ष्य से अधिक बच्चों का टीकाकरण हुआ | हमारा प्रयास है कि इस पखवारे में भी हम लक्ष्य से अधिक बच्चों का टीकाकरण करें |
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डा. अरुण कुमार वर्मा ने बताया कि विशेष टीकाकरण पखवारा के दौरान टीकाकरण सत्र 394 उपकेन्द्र एवं 27 मुख्य केंद्रों पर लगेंगे | इस पखवारे में 321 एएनएम और 2700 आशा कार्यकर्ता प्रतिभाग करेंगी |
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने अपील की कि सभी अभिभावक बच्चों का टीकाकरण कराएं और जीवन सुरक्षित बनायेँ |
इस मौके पर जिला स्वास्थ्य शिक्षा एवं सूचना अधिकारी डी.एस.अस्थाना, सहयोगी संस्था विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ़, यूएनडीपी और सीफार के प्रतिनिधि उपस्थित रहे |
12 जानलेवा बीमारियाँ हैं- गलघोंटू, काली खांसी, खसरा, निमोनिया, वायरल डायरिया, दिमागी बुखार, टिटेनस, टीबी, हेपेटाइटिस बी, पोलियो, रूबेला और जापानी इन्सेफेलाइटिस |
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