गीला और सूखा कूड़ा अलग
नहीं करने पर देना होगा जुर्माना
- स्वच्छ
भारत मिशन (नगरीय) 4 मार्च से शुरू करेगा '10तक डोर
टू डोर अभियान'
का
तीसरा चरण
- नगरों को
स्वच्छ बनाने के लिए पहले किया गया जागरूक, अब सख्ती
बरतेगी प्रदेश सरकार
- अलग-अलग
श्रेणियों में ₹50
से लेकर ₹2000
तक के जुर्माने का किया गया है प्रावधान
- आगामी 4 मार्च
से 31
मार्च तक चलेगा इस अभियान का तीसरा चरण
- घर-घर
कूड़ा कलेक्शन के लिए 1 फरवरी से 31 मार्च
तक 3
चरणों में चल रहा है ‘10तक डोर टू डोर’ अभियान
- अभियान
के तहत प्रार्थना, सहमत और चालान तीन अहम पड़ाव
लखनऊ, 27 फरवरी।
यूपी को स्वच्छ बनाने के लिए योगी सरकार मिशन मोड में जुटी हुई है। प्रदेश के
नागरिकों को जागरूक करने के लिए कई अभियान भी चलाए गए हैं। लोगों से स्वच्छता के
प्रति सजग रहने को लेकर प्रार्थना भी की गई है और अब सख्ती बरतने की भी तैयारी है।
प्रदेश के समस्त नगरीय निकायों में अब कूड़े का पृथक्कीकरण न करने वालों के खिलाफ
कार्रवाई की जाएगी। स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) उत्तर प्रदेश के ‘10तक डोर
टू डोर’ अभियान के अन्तर्गत आगामी चार मार्च 2023 से
जुर्माना वसूला जाएगा। इसमें 50 रुपये से लेकर 2000 रुपये
तक का जुर्माना लिए जाने की व्यवस्था की जाएगी।
4 मार्च
से होगी कार्रवाई
राज्य मिशन निदेशक, स्वच्छ
भारत मिशन (नगरीय) नेहा शर्मा ने सभी नगर आयुक्तों एवं अधिशासी अधिकारियों को इसे
प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिए हैं। नेहा शर्मा ने बताया कि स्वच्छ भारत
मिशन (नगरीय) उत्तर प्रदेश द्वारा बीती 01 फरवरी से प्रदेश भर में 100 प्रतिशत
डोर-टू-डोर कलेक्शन और कूड़ा पृथक्कीकरण सुनिश्चित करने के लिए ‘10तक डोर
टू डोर’ अभियान की शुरुआत की गई। इस अभियान के तीन चरण हैं। पहला चरण प्रार्थना, दूसरा
सहमत था। दूसरा चरण आगामी 3 मार्च को पूरा होने जा रहा है। तीसरे और
अन्तिम चरण में चार मार्च से कूड़ा का पृथक्कीकरण न करने वालों के खिलाफ कार्यवाही
की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
अभियान से किया जाएगा सचेत
राज्य मिशन निदेशक नेहा
शर्मा ने साफ किया है कि निकाय के परिधि में स्थित गेटेड कालोनी, आर.डब्लयू.ए.
कालोनी एवं बल्क वेस्ट जनरेटर को ‘10तक डोर टू डोर’ अभियान के तीसरे चरण, चालान के
प्रावधानों से अवगत करायें एवं पोस्टर, बैनर, आई.ई.सी.
गतिविधियों आदि के माध्यम से चालान के विषयगत सचेत करना सुनिश्चित किया जाए।
निरीक्षण के लिए गठित होगी
टीम
नेहा शर्मा ने सक्षम
अधिकारियों व कर्मचारियों को निर्देशित किया है कि 4 मार्च
से 31
मार्च 2023
तक सुनियोजित तरीके से प्रतिदिन नगर निगम, नगर
पालिका परिषद,
नगर
पंचायत के प्रत्येक वार्ड में हाउसहोल्ड
का निरीक्षण कर सोर्स सेगीग्रेशन का अनुपालन न करने वालों पर चालान/ कार्रवाई
कराना सुनिश्चित करें। आईईसी गतिविधियों में निरन्तरता बनाए रखते हुए सोर्स
सेग्रीगेशन का अनुपालन न करने वाले बल्क वेस्ट जनरेटर, गेटेड
कालोनी एवं आर.डब्लूयूए. कालोनी पर चालान किए जाने हेतु अपर नगर आयुक्त नगर निगम व
अधिशासी अधिकारी नगर पालिका परिषद/नगर पंचायत द्वारा टीम का गठन कर चालान कराना
सुनिश्चित कराया जाए।
हेल्पलाइन 1533 का
प्रचार प्रसार
निदेशक नेहा शर्मा ने
बताया कि आम जनमानस भी डोर टू डोर की सेवाएं न प्राप्त होने की दशा में शिकायत
दर्ज करा सकते हैं। इस परिस्थिति में स्वच्छ भारत मिशन (नगरीय) की हेल्पलाइन 1533 पर
शिकायत कराई जा सकती है। अधिकारियों को इस हेल्पलाइन सेवा का व्यापक प्रचार प्रसार
करने के भी निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही निकाय/संस्था के कर्मचारी द्वारा
सेग्रीगेटेड वेस्ट न इकट्ठा करने की दशा में अथवा सेग्रीगेटेड वेस्ट को मिक्स करते
हुए पाये जाने पर संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए निर्देश दिए हैं।
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शिव की नगरी में जुटेंगे
संसार के दिग्गज, ग्रैंड वेलकम की तैयारी में योगी सरकार
- अंतरराष्ट्रीय
स्तर की बैठकों के लिए तैयार हुई काशी
- विश्व की
सबसे प्राचीन नगरी को अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस कर रही योगी सरकार
वाराणसी, 27 फरवरी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संसदीय क्षेत्र अंतरराष्ट्रीय बैठकों के लिए पूरी
तरह से तैयार हो गया है। यहां होने वाले जी 20 समिट के
लिए शहर को आकर्षक ढंग से सजाया जा रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश
पर दुनिया के 20
ताकतवर देशों के प्रतिनिधियों को काशी में अनूठे आतिथ्य का अवसर मिलेगा। इसके लिए
वाराणसी प्रशासन की ओर से तैयारियों को अंतिम रूप देने का काम तेज गति से चल रह
है।
वाराणसी में जी -20 की 6 बैठकें
प्रस्तवित हैं। जी -20 शिखर सम्मेलन की सभी बैठक अप्रैल ,जून और
अगस्त में होने वाली हैं। पहला मौका होगा जब दुनिया के 20 ताकतवर
देशों के समूह जी-20 के प्रतिनिधि काशी में जमा होंगे। साथ ही दुनिया
की अर्थव्यवस्था को गति देने के साथ अन्य विषयों पर मंथन करेंगे। वाराणसी में इसकी
बैठक अप्रैल से शुरू होगीं। इसके लिए शहर के विभिन्न मार्गों का सौंदर्यीकरण करते
हुए जी-20
के लोगो से सजाया जा रहा है। साथ ही जी-20 देशों के फ्लैग और उनकी
संस्कृतियों से जुड़े विभिन्न पहलुओं की तस्वीरें भी सड़क के किनारे दीवारों पर
उकेरी जा रही हैं।
वाराणसी में जी -20 बैठकों
की तारीख
- एग्रीकल्चर
वर्किंग ग्रुप की मीटिंग 17-19 अप्रैल को होगी
- यूथ 20 समिट
इंगेजमेंट ग्रुप लेवल मीटिंग 13 -15 जून
- डेवलपमेंट
वर्किंग ग्रुप मीटिंग " 16 -17 -अगस्त
- डेवलपमेंट
वर्किंग ग्रुप मीटिंग मिनिस्टीरियल लेवल 18 अगस्त
- ज्वाइंट
लेवल एंड फॉरेन,
मिनिस्टीरियल
लेवल 19
अगस्त
- सस्टनेबल
फाइनेंस वर्किंग ग्रुप मीटिंग 28 -29 अगस्त
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योगी सरकार त्रेतायुगीन
वैभवशाली रामनगरी को अलौकिक रूप देने में जुटी
प्राचीन सूर्य कुंड के
कायाकल्प का कार्य अंतिम दौर में
मार्च में पूरा कर लिया
जाएगा सूर्य कुंड का कार्य
अयोध्या 27 फरवरी।
भगवान श्री राम की नगरी अयोध्या का पुराना वैभव वापस लौट रहा है। 2024 अयोध्या
में राममंदिर के उद्घाटन से पहले योगी आदित्यनाथ सरकार त्रेतायुगीन वैभवशाली
रामनगरी को अलौकिक रूप देने के प्रयास में जुटी है। राम की पैड़ी के बाद योगी
सरकार रामनगरी से 4 किलोमीटर दूर दर्शन नगर में स्थित सूर्य कुंड का
भी सौंदर्यीकरण कर रही है जिसका काम तकरीबन पूर्ण हो चुका है और मार्च तक इसे
अंतिम रूप दे दिया जाएगा।
अयोध्या के आसपास जो
पौराणिक स्थल हैं उनको विकसित किया जा रहा है। उसी में सबसे पहले सूर्य कुंड को
विकसित किया जा रहा है और यह कार्य मार्च में पूरा कर लिया जाएगा। योगी सरकार की
मंशा है कि अयोध्या में व्यापार बढ़ाने के लिए पर्यटकों को कम से कम अयोध्या में 3 दिन
रोका जाए ताकि वो 3 दिन तक भ्रमण कर सके और खरीदारी भी कर सके।
अयोध्या के प्राचीन मठ, मंदिर और कुंडों को भी देख सके। साथ हीउनके
बारे में जान सके।
राम के राज्याभिषेक पर
अयोध्या आये थे सूर्य देव
सूर्य कुंड पर राम
राज्याभिषेक के समय सूर्य देव के धरती पर अवतरण की जो कहानी है जिसे सूर्य कुंड की
वैभव गाथा जोड़ी जाती हैं। सूर्यकुंड के देखे बिना उनकी अयोध्या की यात्रा पूर्ण
नहीं होगी इसका मुझे पूर्ण विश्वास है।भगवान राम की नगरी में एक से एक प्रसिद्ध
जगह है सूर्य कुंड की मान्यता है कि जब भगवान राम का राज्याभिषेक हो रहा था, तब उस
समय सारे देवता अयोध्या आए थे और उनमें सूर्य देवता भी थे. सूर्य देवता दर्शन नगर
के पास रुके थे,
जिसको
आज सूर्य कुंड के नाम से जाना जाता है और वहां पर सूर्य देवता का एक मंदिर भी है.
सूर्य कुंड के मंदिर को पुरानी पद्धति यानी कि चूना और गुड़ के माध्यम से बनाया जा
रहा है।उसके ऊपर आधारित एक लाइट एंड साउंड शो के रूप में सूर्य कुंड पर प्रदर्शित
किया जाएगा।
अयोध्या के नगर आयुक्त विशाल सिंह ने दावा किया
कि अयोध्या आने वाले जो भी श्रद्धालु और पर्यटक आएंगे उन्हें इसकी पूरी जानकारी
मिलेगी। फूड कोर्ट से लेकर बैठने तक की यहाँ सुविधा होगी। सूर्य कुंड को खूबसूरत
बनाने के लिए यहां चार भव्य गेट बनाए गए हैं। फूड कोर्ट बनकर तैयार हैं। सूर्य
कुंड पर आने वाले श्रद्धालुओं को ना तो पूजा पाठ की कोई समस्या होगी और ना ही
बैठने की कोई समस्या होगी और ना ही खाने पीने की कोई समस्या होगी। यहाँ स्थित
सूर्य मंदिर का जीर्णोद्धार कर दिया गया है। जल्द यहां पूजन अर्चन शुरू हो जाएगा।
सूर्य कुंड की अपनी महिमा है, होली के बाद किसी भी समय इसका उद्घाटन भी किया
जा सकता है।
सूर्य कुंड देखकर
प्रफुल्लित होंगे श्रद्धालु
इस बारे में जिलाधिकारी
नीतीश कुमार ने कहा कि जब भी श्रद्धालु सूर्य कुंड जाएंगे तो इस जगह को देखकर
प्रफुल्लित हो जाएंगे सूर्य कुंड में काफी बेहतर तरीके से लाइट एंड साउंड की
व्यवस्था की गयी है। सूर्य कुंड का लगभग 90% काम पूरा
हो चुका हैं मार्च में इसे पूरा कर लिया जाएगा।
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विकास रैंकिंग में बरेली
मंडल प्रथम, सहारनपुर
ने भी बाजी मारी
उत्तर प्रदेश कार्यक्रम
क्रियान्वयन विभाग ने जारी की विकास रैंकिंग
मुख्यमंत्री की प्राथमिकता
के विकास कार्यों में बरेली की प्रदेश में अलग पहचान
बरेली मंडल में 979 सोलर
फोटोवॉल्टिक सिंचाई पंप लगे
प्रधानमंत्री जन आरोग्य
योजना के अंतर्गत 1834436 गोल्डन कार्ड के तैयार
27 फरवरी, बरेली।
प्रदेश के समग्र विकास में जुटी योगी सरकार के प्रयासों के परिणाम सामने आने लगे
हैं। अब विकास परक योजनाएं सिर्फ कुछ जनपदों तक ही सीमित न रहकर प्रदेश के सभी 75 जनपदों
तक पहुंच रही हैं। इसी का नतीजा है कि सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में मंडलों
की श्रेणी में बरेली मंडल ने पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। उत्तर
प्रदेश कार्यक्रम क्रियान्वयन विभाग ने सरकार की विकास परक योजनाओं में अव्वल
मंडलों और जनपदों की लिस्ट जारी है।
प्रदेश की विकास रैंकिंग
में बरेली मंडल के साथ सहारनपुर मंडल ने भी बाजी मारी है। साथ ही वाराणसी, लखनऊ और
मेरठ टॉप फाइव मंडल में शामिल हैं। वहीं जनपदों की श्रेणी में बरेली मंडल के बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर
और पीलीभीत जनपद प्रथम स्थान पर आए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा है
प्रदेश के सभी मंडल और जनपद समान गति से आगे बढ़ें। शासन योजनाओं का लाभ बिना किसी
भेदभाव के समाज सभी वर्गों को प्राप्त हो। इस कड़ी में बरेली मंडल के सभी जनपदों
में लोक कल्याणकारी योजनाओं और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट को ठीक ढंग से धरातल पर
उतारा गया है।
किसनों की लागत को कम करने
के लिए सीएम योगी अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा दे रहे हैं। इसके लिए 979 सोलर
फोटोवॉल्टिक सिंचाई पंप बरेली मंडल में स्थापित किए गए। इसके अलावा 827109
कृषकों का पोर्टल पर डाटा फीड कर उन्हें योजना से सीधे लाभान्वित कराया गया। गौ
संरक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत बरेली मंडल में 61383 गोवंश
पशुओं को संरक्षित किया गया। मुख्यमंत्री निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना
में 16816
पशुओं को इच्छुक पशुपालकों के सुपुर्द किया गया।
प्रधानमंत्री जन आरोग्य
योजना के अंतर्गत बरेली मंडल में 1834436 गोल्डन कार्ड बनाकर प्रदेश में
शानदार प्रदर्शन किया गया। कमिश्नर बरेली संहिता समद्दार ने बताया कि मुख्यमंत्री
की प्राथमिकता वाले कार्य मंडल के चारों जिलों में प्राथमिकता के साथ कराए जा रहे
हैं। इसी वजह से चारों जिलों की प्रदेश में रैंकिंग प्रथम है। इसके लिए शासन स्तर
से सभी जिलाधिकारियों को बधाई देकर उनका उत्साहवर्धन किया है।
496 हेल्थ
एंड वैलनेस सेंटर दे रहे घर के पास स्वास्थ्य सेवाएं
कमिश्नर बरेली मंडल
संयुक्ता समद्दार ने बताया कि 2019- 20 तक लक्षित 496 हेल्थ
एंड वैलनेस सेंटर बरेली मंडल में क्रियान्वित किए गए हैं। इससे लोगों को घर के पास
में ही स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं। वह गंभीर बीमारियों की भी जांच करा कर
निशुल्क दवाई प्राप्त कर रहे हैं। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत
बरेली मंडल में 15870 समूह का गठन कराया गया। इससे 172480
परिवार सीधे लाभान्वित हो रहे हैं।
1894
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह कराए गए बरेली मंडल
1894 सामूहिक
विवाह बरेली मंडल में कराए गए। जहां अधिकारियों ने कन्यादान किया। इसमें बरेली में
238, बदायूं
में 807, पीलीभीत
में 552 और
शाहजहांपुर में 297 सामूहिक विवाह संपन्न हुए। इसके अलावा बरेली मंडल
में 26 नदी, नहर और
सड़कों पर सेतु का निर्माण कराया गया। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत 51 नई
सड़कों, 89 पुरानी
सड़कों की मरम्मत कराई गई। महात्मा गांधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना मनरेगा
में 139.26 लाख
किया गया।
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मंडलायुक्त स्तर की समिति
करेगी अटल आवासीय विद्यालय के पात्र बच्चों की मैपिंग
सीएम योगी का निर्देश- अटल
आवासीय विद्यालय के निर्माण कार्य को करें तेज
सीबीएसई और आईसीएसई पैटर्न
पर जुलाई माह से प्रारंभ हो जाएगा सत्र
बच्चों के शारीरिक और मानसिक
स्वास्थ्य के लिए योग और प्राणायाम कराया जाएगा
27 फरवरी, लखनऊ।
प्रदेश के निराश्रित, आर्थिक रूप से कमजोर और श्रमिकों के बच्चों के
भविष्य को बेहतर बनाने के लिए योगी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। प्रदेश के सभी 18 मंडलों
में बन रहे बोर्डिंग स्कूल, अटल आवासीय विद्यालय में प्रवेश के लिए
मंडलायुक्त स्तर की एक समिति पात्र बच्चों का चयन करेगी। इस समिति में जिलाधिकारी, संयुक्त
शिक्षा निदेशक,
बेसिक
शिक्षा अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य के तौर पर शामिल रहेंगे। एक उच्च
स्तरीय बैठक में निर्माणाधीन इन विद्यालयों के निर्माण कार्यों की समीक्षा करते
हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह निर्देश दिए हैं।
नवोदय विद्यालय की तर्ज पर
बन रहे इन अटल आवासीय विद्यालयों में सीबीएसई पैटर्न पर जुलाई माह में सत्र
प्रारंभ कर दिए जाएंगे। जिन मंडलों में विद्यालय का निमार्ण कार्य धीमी गति से चल
रहे हैं वहां तेज गति से योजना को आगे बढ़ाए जाने का निर्देश दिया गया है। सत्र
प्रारंभ होने से पहले ही विद्यालय में पद के अनुरूप शैक्षिक योग्यता और व्यवहारिक
ज्ञान-कौशल का विधिवत परीक्षण करते हुए प्राचार्य और शिक्षकों का चयन कर लिया जाएगा।
साथ ही सफाईकर्मियों और सुरक्षाकर्मियों का प्रबंध भी तय समय में सुनिश्चित कर
लिया जाएगा।
सत्र प्रारंभ करने के साथ
ही छात्रावास में बच्चों के लिए पूरी समय-सारणी तैयार कराई जाएगी। प्रातःकाल उठने
से लेकर रात्रि विश्राम का कार्यक्रम तय होंगे। बच्चों के शारीरिक और मानसिक
स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए उन्हें योग और प्राणायाम कराया जाएग। साथ ही बच्चे
देश प्रेम की भावना से ओत प्रोत हों इसके लिए विद्यालय में राष्ट्रगीत का गायन
अनिवार्य रूप से कराया जाएगा। इन विद्यालयों में प्रवेश लेने वाले बच्चे पढ़ाई के
साथ-साथ खेल-कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़चढ़कर हिस्सा लें इसका भी ध्यान
रखा जाएगा। इसके लिए स्वाध्याय और अन्य कार्यक्रमों का समय निर्धारित किया जाएगा।
सभी मंडलों में स्थापित
कराए जा रहे एक हजार छात्रों की क्षमता वाले अटल आवासीय विद्यालय में प्रदेश में
पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बालक-बालिकाओं, आर्थिक
रूप से कमजोर बच्चों, कोरोना काल में निराश्रित हुए बच्चों तथा
मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (सामान्य) के लिए पात्र बच्चों को कक्षा 06 से 12वीं तक
संस्कारपरक गुणवत्तापूर्ण आवासीय पठन-पाठन की व्यवस्था होगी। यहां पठन-पाठन के
साथ-साथ विद्यार्थियों के बहुआयामी विकास के सभी अवसर उपलब्ध होंगे। परिसर के भीतर
ही शिक्षकों का आवास और छात्रावास भी होगा। यहां खेल स्टेडियम भी होंगे और कौशल
विकास केंद्र भी स्थापित किए जाएंगे। यह आवासीय संस्थान विद्यार्थी के समग्र
व्यक्तित्व विकास का उत्कृष्ट केंद्र होगा।
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