धर्म की रक्षा के लिये महाराणा प्रताप व गुरुगोविंद सिंह ने  सर्वस्य न्यौछावर कर दिया:- महेंद्र पाल आर्य


उतरौला(बलरामपुर) धर्म की रक्षा के लिये महाराणा प्रताप व गुरुगोविंद सिंह ने  सर्वस्य न्यौछावर कर दिया।वैदिक सँस्कृति की रक्षा के लिये आगे बढ़ना होगा नही तो यह देश फिर गुलाम हो जाएगा।समाज मे वैमनस्य का बीज बोया जा रहा है,छुआछूत, भेदभाव  का समाज बढ़ावा दिया जा रहा है।
               यह बात आर्यसमाज के 90वे वार्षिक उत्सव में धर्म रक्षा व राष्ट्र रक्षा के सम्मेलन में बोलते हुये आर्य विद्वान पंडित महेंद्र पाल आर्य ने कही।उन्हीने कहाकि मानव की एक जाति,जन्म से हर मनुष्य शूद्र पैदा होता है,शूद्र का अर्थ अज्ञानता से है।सारा ब्रह्माण्ड परमात्मा की संतान है प्राणी मात्र का कल्याण करना परमात्मा का स्वाभाविक गुण है।अंग्रेजी हुकूमत के सामने सबसे पहले स्वराष्ट्र की मांग ऋषि दयानन्द ने की।देश की आजादी की लड़ाई में जितनी यातनाये क्रांतिकारी को दिया गया उसका एक चौथाई यातना भी गांधी और नेहरू को नही उठानी पड़ी।राष्ट्र व वैदिक सँस्कृति की रक्षा के लिये आगे आना पड़ेगा नही तो फिर से गुलामी झेलनी पड़ेगी।समस्तीपुर के विद्वान दयानन्द सत्यार्थी ने कहाकि महाराणा प्रताप ने धर्म की रक्षा के लिये अपनी खुशियों को न्यौछावर कर दिया,गुरुगोविंद सिंह ने अपना सर्वस्य बलिदान कर दिया।पाखण्ड,छूआछूत, अंधविश्वास से उठे,एकेश्वरवादी बने अपने शुभकर्मों व मेहनत की कमाई से जीवन को सींचित करे,रामकृष्ण की संतान है हमे सदमार्ग पर चले।दयानन्द सत्यार्थी ने जिसको वतन से प्यार न होगा,जीने का उसको अधिकार न होगा,गीत सुनाकर मंत्रमुग्ध कर दिया।ठाकुर प्रसाद ने भजन के माध्यम से लोगो को लोगो को सामाजिक कुरीतियों से बचने का सन्देश दिया ।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने