गोंडा। जमीन घोटाले के राज से अब राज्यस्तरीय एसआईटी खोलेगी। जिले में अब तक 47 मामले सामने आ चुके हैं। जिनकी स्थानीय स्तर पर गठित मंडलीय एसआईटी तफ्तीश कर रही थी। बीते दिनों ने इनमें से 36 मामले राज्य स्तरीय एसआईटी को ट्रांसफर हो चुके हैं। पुलिस महानिरीक्षक ने डॉ. उपेंद्र अग्रवाल ने अब 11 और मामलों की विवेचना स्टेट लेवल की यूपी एसआईटी से कराने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। भूमि घोटाले में पांच प्रमुख आरोपियों की गिरफ्तारी हो चुकी है। सिविल लाइन क्षेत्र में तीन एकड़ सरकारी जमीन पर कब्जे के मामले में सांसद बृजभूषण शरण सिंह के भतीजे सुमित भूषण सिंह के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद से मामला और तूल पकड़ रहा है। अब तक जमीन घोटाले में दर्ज हो चुके 47 मामलों में 11 मामलों की जांच मंडल स्तर पर गठित एसआईटी कर रही थी। ऐसे में कई स्तर पर जांच की जरूरत थी, जिसके कारण पहले 36 मामलों को एसआईटी भेजा जा चुका था। अब उसी की तरह के 11 और मामले उजागर हुए तो उनकी जांच भी एसआईटी को ही भेजे जाना जरूरी बताया जा रहा है। शासन की एसआईटी से जांच कराने से स्थानीय स्तर पर किसी तरह का दबाव नहीं बन सकेगा। इसके साथ ही शासन की निगरानी में जांच पूरी होगी। इधर, जमीन घोटाले से जुड़े लोगों के माथे पर सिकन बढ़ गई है। इनसेट
कीमती जमीन के बैनामे में मिला था पहला फर्जीवाड़ा
- जिले के उपनिबंधक कार्यालय में जमीन फर्जीवाड़े की शिकायत की जांच में फर्जीवाड़े का एक मामला सामने आने पर तत्कालीन सब रजिस्ट्रार सुधा यादव ने कोतवाली नगर में कलावती निवासी नंदौर परसपुर समेत 14 लोगों के खिलाफ कोतवाली नगर में जालसाजी का केस दर्ज कराया था। इसके बाद सहायक महानिरीक्षक (स्टांप) मनोज कुमार श्रीवास्तव ने जांच की तो एक के बाद एक मामले सामने आए। पूरी जांच में कुल 47 मामले पकड़ में आए थे। इसमें से सभी मामलो में कोतवाली नगर में तत्कालीन प्रभारी सब रजिस्ट्रार सौरभ सिंह समेत तकरीबन दो सौ लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई थी।

आईजी ने लगातार रखी नजर
पुलिस अब तक बृजेश अवस्थी निवासी भदुआ तरहर समेत पांच लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। मामले की जांच पहले अपराध शाखा के निरीक्षक कर रहे थे। बाद में आईजी ने एसआईटी का गठन कर तकरीबन 12 मामलो की तफ्तीश एसआई को सौंप दी थी। जिसका पर्यवेक्षण आईजी स्वयं कर रहे थे। अब आईजी ने 47 में से 36 मुकदमों की तफ्तीश राज्य स्तरीय एसआईटी से कराने को शासन को प्रस्ताव भेजा था। इसके बाद 36 मुकदमे राज्य स्तरीय एसआईटी को ट्रांसफर कर दिए गए हैं। आईजी ने 11 मुकदमों के ट्रांसफर के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा है। 36 मुकदमे राज्यस्तरीय एसआईटी को ट्रांसफर कर दिए गए हैं। 11 मुकदमों के स्थानांतरण के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। मामले में सभी बिंदुओं पर गहनता से तफ्तीश कराई जाएगी।

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