श्री रामचरितमानस अपमान पर भड़का दलित समाज, लोनी में दलित समाज के संयुक्त मोर्चा ने किया प्रदर्शन, जनआक्रोश रैली में स्वामी प्रसाद मौर्या और बिहार के मंत्री चंद्रशेखर की तस्वीर को चप्पलों से पीटा, कहा दी जाए फांसी, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और मौर्या  का शवयात्रा निकालकर फूंका पुतला, संगठन ने कहा हिंदुओं को विभाजित करने की साजिश कामयाब नहीं होंगे अधर्मी लोग
लोनी (बबलू गर्ग) रविवार को हजारों की संख्या में दलित समाज के लोगों द्वारा श्री रामचरितमानस के अपमान को लेकर लोनी के इंदिरापुरी से लोनी तिराहा तक जनआक्रोश रैली निकाली गई। 
रैली में सपा प्रमुख अखिलेश यादव, नेता स्वामी प्रसाद मौर्या और बिहार के शिक्षा मंत्री प्रोफेसर चंद्रशेखर के खिलाफ मुर्दाबाद और रामचरितमानस के सम्मान में दलित समाज मैदान में जैसे नारे लगाए गए और अखिलेश यादव एवं स्वामी मौर्या  का पुतला फूंककर रासुका के तहत कार्यवाही की मांग की। 
सुरक्षा के लिहाज से भारी संख्या में पुलिस बल भी मौजद रहा। लोनी इकाई, अखिल भारतीय दलित महापंचायत, उ.प्र., अखिल भारतीय निगम मजदूर अधिकार यूनियन, उ.प्र., जाटव महासभा, उ.प्र के पदाधिकारी और कार्यकर्ता, राजू जाटव, सूरजभान जाटव, सोनवीर जाटव, सतेंद्र वाल्मीकि, कालीचरण वाल्मीकि, लाल बहादुर गोड़, राजदीप तंवर, कमल माहौर, संजीव लोहरा, रमेश जाटव समेत हजारों की संख्या में शामिल रहें।

*"दलित समाज हिन्दू समाज का महत्वपूर्ण अंग है, श्रीराम और रामचरित मानस का अपमान दलित समाज का अपमान है"*

जनआक्रोश रैली में आक्रोशित भीड़ ने स्वामी प्रसाद मौर्या और चंद्रशेखर की तस्वीरों की चप्पल से पिटाई की गई। संयुक्त मोर्चा पदाधिकारी ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि भगवान श्रीराम दलित, पिछड़े और वंचितों के आदर्श है और भगवान राम ने हमें बराबर का सम्मान दिया है। हमारे समाज के भगवान वाल्मीकि ने भगवान राम को जन-जन को रामायण के माध्यम से दर्शन करवाया और तुलसीदास महाराज जी ने इसे सहज भाषा में सभी तक पहुंचाया, स्वामी प्रसाद मौर्या और प्रोफेसर चंद्रशेखर जैसे लोग समाज के नाम पर कलंक है। इनके द्वारा हिन्दू समाज को तोड़ने का षड्यंत्र किया जा रहा है जिसमें यह लोग कामयाब नहीं होंगे। भगवान राम ने स्वंय दलित माता के झूठे बेर खाये, भगवान राम ने हमारे समाज के त्रिकालदर्शी वाल्मिकी भगवान जी के चरण छुए। निषादराज को बराबर का स्थान दिया, आदिवासी जटायु जी का स्वंय भगवान ने अंतिम संस्कार किया जो भगवान पशु-पक्षियों तक से स्नेह रखते है उनकर बारे में समाज को गुमराह करने वाले पाप के भागीदारी बनेंगे।  
लोग प्रदेश के मुख्यमंत्री जी और प्रधानमंत्री जी से मांग करते है कि स्वामी प्रसाद मौर्या, प्रोफेसर चंद्रशेखर जैसे विधर्मियों से हिंदुओं के ग्रंथों की रक्षा हेतु कानून बनें, इनपर रासुका के तहत मुकदमा दर्ज हो और इनको फांसी दी जाए।

बबलू गर्ग
लोनी 

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