मेरे लिए आज खुशी का दिन है । मै खुश हूं कि दुनिया के अधिकांश इंडेक्स में लुढ़कने के बावजूद भारत कम से कम नेताओं की लोकप्रियता में तो तमाम नेताओं से आगे है। ताज़ा खबर है कि प्रधानमंत्री माननीय नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर लोकप्रियता के मामले में खुद को साबित कर दिया है । उनके नाम और ब्रांड का जलवा पूरी दुनिया में है. ग्लोबल लीडर्स में मोदी का नाम सूची में शीर्ष पर है।उन्होंने जो बाइडेन, ऋषि सुनक जैसे नेताओं को लोकप्रियता के मामले में बहुत पीछे छोड़ दिया है ।
दरअसल भारत नेतागीरी के क्षेत्र में जितना काम करता है उतना अगर दूसरे क्षेत्रों में करे तो दूसरे इंडेक्सों में कभी नीचे न रहे। लेकिन सवाल प्राथमिकता का है।हम यानि भारत खुशी के इंडेक्स में आठ साल पहले 85 वें स्थान पर थे।आज लुढ़ककर 146 पर आ गए हैं। भूखमरी के इंडेक्स में हम 51 से लुढ़के तो 70 वें स्थान पर आ गए। नागरिक आजादी के मामले में हम आठ साल बाद 106 से उतरकर 150 वें स्थान पर खिसक आए, किंतु नेतागीरी में हमारी चमक लगातार बढ़ रही है।
लोकप्रिय ग्लोबल लीडर्स की नई सूची में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व के कई नेताओं को पीछे छोड़ शीर्ष स्थान हासिल किया है ।बिजनेस इंटेलिजेंस कंपनी, मॉर्निंग कंसल्ट के ताजा सर्वे के मुताबिक़ मोदीजी अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन इंग्लैंड के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक सहित 22 देशों के नेताओं को पीछे छोड़कर सबसे लोकप्रिय वैश्विक नेता के रूप में उभरे हैं। पीएम मोदी ने 78 प्रतिशत रेटिंग के साथ सर्वे में टॉप किया है ।
आपको हैरानी होगी कि हर इंडेक्स में लुढ़कने वाले भारत ने नेतागीरी में छलांग लगाई है।सर्वे की लिस्ट सूची के अनुसार, पीएम मोदी 78 फीसदी की लोकप्रियता रेटिंग के साथ शीर्ष पर हैं। दूसरे स्थान पर मेक्सिको के राष्ट्रपति लोपेज ओब्रेडोर हैं जिन्हें 68 फीसदी रेटिंग मिली है ।लोकप्रियता सूची में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज 58 फीसदी पाकर तीसरे स्थान पर हैं।
भारत आठ साल में खुशी, लैंगिक समानता, लोकतंत्र,मानव संसाधन,प्रेस की आजादी, जैसे तमाम विषयों में लगातार नीचे की तरफ गया है किन्तु नेताओं की लोकप्रियता के इंडेक्स में कभी नहीं लुढ़का। लोकप्रिय नेताओं की सूची में इटली की प्रधानमंत्री जियोर्जिया लोकप्रियता सूची में 52 फीसदी की रेटिंग के साथ चौथे स्थान पर हैं। ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को 50 फीसद की रेटिंग मिली है और वो लिस्ट में पांचवें स्थान पर है।
मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री जी को इस उपलब्धि के लिए संसद में बधाई दी जाना चाहिए। कहा जाता चाहिए कि मोदी जी कम से कम एक इंडेक्स में तो भारत का मान बढ़ाने में कामयाब रहे। मंहगाई, बेरोजगारी, भुखमरी, बीमारी और बड़े पैमाने पर चोरी -चकारी के रहते लोकप्रियता हासिल करना आसान काम नहीं है।56 इंच का सीना चाहिए इसके लिए।
देश का हर प्रधानमंत्री कम से कम 18 घंटे काम करता है। मोदी जी भी करते हैं,।वे हमेशा खुद को, सरकार को और अपनी पार्टी को इलेक्शन मोड में रखते हैं। भले ही हम युद्ध के लिए हर समय तैयार हों या न हों लेकिन इलेक्शन के लिए हर समय तैयार रहते हैं। लोकप्रियता का यही मूलमंत्र है।
आजकल भी संसद माननीय गौतम भाई अदाणी के मामले को लेकर खौल रही है किन्तु प्रधानमंत्री जी एकदम शांत हैं। संकट के समय शांत रहने का चमत्कार कोई योगी या चौकीदार , कोई फकीर ही कर सकता है। मोदी जी को भले ही विश्व शांति के लिए नोबल पुरस्कार नहीं मिला हो लेकिन सरकार को ,देश को उन्हें भारत रत्न दे देना चाहिए। नेहरू, इंदिरा गांधी की तरह। बाद में क्या पता कोई मेरी तरह इस मामले में उदारता से सोचे या न सोचे?
मै पिछले चार दशकों से लोकप्रिय होने के लिए पापड़ बेल रहा हूं, लेकिन आजतक कामयाब नही हो रहा। कारण साफ है कि मैं 18 घंटे काम नहीं करता।मेरा कोई हनुमान नहीं, कोई बिभीषण नहीं। कोई चम्मच नहीं, कोई अंधभक्त नहीं। कुछ हजार आभासी और वास्तविक मित्र हैं। शत्रुओं की गणना कभी मैंने की नहीं। जबकि लोकप्रियता के लिए मित्र,शत्रु,चमचे,भगौने सब लगते हैं। बहरहाल लोकप्रिय प्रधानमंत्री जी को मेरी तरफ से लख-लख बधाईयां।
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