सुविधाशुल्क न मिलने पर शहरी आवास की किस्त रोकने एंव निरस्त करने को लेकर डीएम से शिकायत
पूरी जांच होने के बाद ही शहरी आवास स्वीकृत होते हैं
इन्ही कारणों से पूर्व परियोजन अधिकारी हो चुके है बर्खास्त
बलरामपुर । पूरी जांच पड़ताल के बाद ही स्वीकृत होते हैं शहरी उसके बावजूद
शहरी आवास योजना में सुविधा शुल्क न मिलने पर आवास की किस्त रोकने एंव निरस्त करने की
जिलाधिकारी से शिकायत की गई है।
भाजपा जिला मीडिया प्रभारी डीपी सिंह 'बैस' ने जन सम्पर्क के दौरान नगरवासियों द्वारा शिकायत मिलने पर जिलाधिकारी को पत्र लिखकर अवगत कराया था कि शहरी आवास योजना में डूडा विभाग के सर्वेयर*
*द्वारा 10 फीसदी सुविधा शुल्क की मांग की जा रही है सुविधा शुल्क न देने पर फर्जी रिपोर्ट लगाकर दूसरी,तीसरी किस्त को रूकवा दिया जाता है और निरस्त भी कर के परेशान किया जाता है
भाजपा मीडिया प्रभारी ने बताया कि लोगों द्वारा अवगत कराया गया है एवं प्रमाण भी दिए गए हैं कि परियोजना अधिकारी सर्वेयर के माध्यम से वसूली कर अपने सहेली के खाते में पैसा मंगाती हैं और फिर कंफर्म करती हैं अपने व्हाट्सएप पर मंगाकर तभी उन लोगों के पत्रावली स्वीकृत कराए जाते हैं परियोजना अधिकारी अधिकांश बाहर रहती हैं डूडा के कर्मचारी सूरज शर्मा के द्वारा परियोजना अधिकारी के हस्ताक्षर भी बनाते रहते हैं हस्ताक्षर बना लेने पर परियोजना अधिकारी द्वारा सूरज शर्मा को शाबाशी भी दी जाती है। जिला मीडिया प्रभारी डीपी सिंह बैस ने साक्ष्य देते हुए जिलाधिकारी से इस संदर्भ में संज्ञान लेकर प्रकरण की तथा परियोजना अधिकारी की अथाह संपत्ति जांच कराने की मांग की है तथा कठोर कार्रवाई किए जाने का अनुरोध किया है
पूर्व में भी इसी
प्रकार छ:सात लोगों पर एफ आई आर करा दिया गया था। जांच में दोषी पाये जाने पर परिजोजना अधिकारी बर्खास्त किये गये थे।
सरकार द्वारा गरीबों को खुले आसमान में न रहना पड़े इसके लिए नि:शुल्क आवास दिया जाता है जबकि विभाग द्वारा गरीबों को परेशान किया जाता है।
उमेश चन्द्र तिवारी
हिंदी संवाद न्यूज
बलरामपुर
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