वृन्दावन।सेवाकुंज क्षेत्र स्थित ठाकुर श्रीराधा दामोदर मन्दिर में मन्दिर के निकुंजलीला प्रविष्ट आचार्य निर्मलचन्द्र गोस्वामी महाराज का सप्तम तिरोभाव महोत्सव अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ।सर्वप्रथम संतों एवं विद्वानों की उपस्थिति में पूज्य गुरुदेव महाराजश्री की प्रतिमा का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पूजन-अर्चन कर समस्त अतिथियों ने अपने भाव प्रकट किए।
मंदिर के सेवायत आचार्य कनिका प्रसाद गोस्वामी महाराज (बड़े गोस्वामी महाराज) ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव पूज्य निर्मलचंद्र गोस्वामी महाराज धर्म व अध्यात्म जगत की बहुमूल्य निधि थे। महाराजश्री का समूचा जीवन संत,ब्रजवासी,निर्धन, निराश्रित आदि की सेवा में समर्पित रहा।महाराजश्री लोक हित में किए गए कार्यों के लिए सदैव ही याद किए जाते रहेंगे।
ब्रज सेवा संस्थान के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी एवं प्रमुख समाजसेवी पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन निर्मलचंद्र गोस्वामी महाराज गौडीय सम्प्रदाय के प्रमुख विद्वान व ठाकुर श्रीराधा दामोदर लाल जू महाराज के परम उपासक थे।उन्होंने आजीवन षट गोस्वामियों में से एक श्रील जीव गोस्वामी की परम्पराओं का पूर्ण समर्पण एवं निष्ठा के साथ निर्वाह किया।
श्रीमज्जगदगुरू स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज व श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज ने कहा कि निकुंज लीला प्रविष्ट निर्मलचंद्र गोस्वामी महाराज ने गौडीय सम्प्रदाय व ठाकुर श्रीराधा दामोदर मन्दिर के प्रचार-प्रसार व संरक्षण के लिए युद्ध स्तर पर कार्य किए।उनके द्वारा किए गए सदप्रयासों से गौडीय सम्प्रदाय न केवल संवर्धित हुआ है,बल्कि उसकी प्रतिष्ठा एवं गौरव में सदैव वृद्धि हुई है।
इस अवसर पर माथुर-वृन्दावन नगर निगम के उप-सभापति पंडित राधाकृष्ण पाठक, राधारमण मंदिर के सेवाधिकारी वैष्णवाचार्य पद्मनाभ गोस्वामी,वैष्णवाचार्य दिनेशचंद्र गोस्वामी ,महंत डॉ. अधिकारी गुरुजी महाराज, सिंहपौर हनुमान मंदिर के महंत सुन्दरदास महाराज,लालू शर्मा, सतीश कुमार गौतम, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त कर महाराजश्री को अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित की।संचालन पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने किया।महोत्सव में पधारे सभी आगंतुक अतिथियों को मंदिर के सेवायत आचार्य दामोदर चंद्र गोस्वामी ने ठाकुरश्री राधा दामोदर महाराज का चित्रपट, पटुका प्रसादी माला आदि भेंट कर एवं शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया।महोत्सव के समापन पर संत, ब्रजवासी, वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारा आदि हुआ।
राजकुमार गुप्ता
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