राजकुमार गुप्ता
 मथुरा।।
वृन्दावन।केशीघाट स्थित श्रीजानकी वल्लभ मन्दिर का त्रिदिवसीय पाटोत्सव व वार्षिकोत्सव जगद्गुरु स्वामी अनिरुद्धाचार्य महाराज के पावन सानिध्य में विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ सम्पन्न हुआ।प्रातः काल ठाकुर श्रीजानकी वल्लभ महाराज का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पंचामृत से महाभिषेक किया गया।साथ ही श्रीसम्प्रदाय के विभिन्न धर्मग्रंथों का पाठ संतों व विप्रों के द्वारा किया गया।इसके अलावा 108 दीपों से ठाकुर विग्रह की विशेष आरती की गई।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत सम्मेलन में संत प्रवर स्वामी गोविंदानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि जगद्गुरु स्वामी भगवानदासाचार्य महाराज श्रीरामानुज सम्प्रदाय की बहुमूल्य निधि थे।उन्होंने अपने आराध्य देव जानकी वल्लभ लाल, लक्ष्मी वैंकटेश, हनुमंत लाल, ब्रह्मऋषि देवराहा बाबा आदि की प्रतिमाएं अत्यंत श्रद्धा के साथ अपने आश्रम में प्रतिष्ठित की थीं।उन्ही सब का पाटोत्सव यहां हम सभी प्रतिवर्ष मनाकर स्वयं को बडभागी महसूस करते हैं।
आचार्यकुटी पीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामप्रपन्नाचार्य महाराज व स्वामी रघुनाथाचार्य महाराज ने कहा कि जगद्गुरु स्वामी भगवानदासाचार्य महाराज ने अपने श्रीरामानुज सम्प्रदाय के उन्नयन व संवर्धन के लिए अनेक ठोस व व्यवहारिक कार्य किए।जिससे श्रीरामानुज सम्प्रदाय  गौरांवित हुआ है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व पंडित रमेश चंद्राचार्य महाराज ने कहा कि जगदगुरू स्वामी भगवानदासाचार्य सहजता, सरलता, उदारता, परोपकरिता आदि अनेकों सद्गुणों को खान थे।यदि हम लोग उनके किसी एक गुण को भी अपने जीवन में धारण कर लें तो हमारा कल्याण हो सकता है।
संत-विद्वत सम्मेलन में संस्कृत के प्रकांड विद्वान डॉ. गिरिराज प्रसाद शास्त्री,श्रीनाभापीठाधीश्वर स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज,पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ, आचार्य रामधनी शास्त्री, पंडित राजाराम मिश्र,आचार्य रामसुदर्शन मिश्र, डॉ. रामकृपालु त्रिपाठी, आचार्य महेश भारद्वाज, संत सेवानंद ब्रह्मचारी, मुकेश शास्त्री, अनुज शास्त्री, अनूप अग्रवाल, डॉ. राधाकांत शर्मा, रामनारायण पुजारी, गोविंद ब्रह्मचारी, रवि कुमार, दुर्गेश कुमार, रामजी वर्मा आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन आचार्य यशोदानंदन शास्त्री (लालजी महाराज) ने किया। रात्रि को ठाकुर जानकी वल्लभ महाराज की गाजे बाजे के साथ भव्य शोभायात्रा निकाली गई।जिसका नगर वासियों ने आरती उतारकर व पुष्पवर्षा करके भावभीना स्वागत किया।संत ब्रजवासी वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारा भी हुआ।

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