एक प्रेरणादायक कहानी
"फूटा घडा"-----
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बहुत समय पहले की बात है, किसी गाँव में एक किसान रहता था। वह रोज़ भोर में उठकर दूर झरनों से स्वच्छ पानी लेने जाया करता था । इस काम के लिए वह अपने साथ दो बड़े घड़े ले जाता था जिन्हें वो डंडे में बाँध कर अपने कंधे पर दोनों ओर लटका लेता था,,,,,,,,,,,,,,,
उनमे से एक घड़ा कहीं से फूटा हुआ था ,और दूसरा एक दम सही था । इस वजह से रोज़ घर पहुँचते -पहुचते किसान के पास डेढ़ घड़ा पानी ही बच पाता था। ऐसा दो सालों से चल रहा था ,,,,,,
सही घड़े को इस बात का घमंड था कि वो पूरा का पूरा पानी घर पहुंचता है और उसके अन्दर कोई कमी नहीं है, वहीँ दूसरी तरफ फूटा घड़ा इस बात से शर्मिंदा रहता था कि वो आधा पानी ही घर तक पंहुचा पाता है और किसान की मेहनत बेकार चली जाती है ,फूटा घड़ा ये सब सोच कर बहुत परेशान रहने लगा और एक दिन उससे रहा नहीं गया । उसने किसान से कहा , “ मैं खुद पर शर्मिंदा हूँ ,और आपसे क्षमा मांगना चाहता हूँ
" क्यूँ " किसान ने पूछा , “ तुम किस बात से शर्मिंदा हो ?”उसने विनम्र भाव से कहा कि शायद आप नहीं जानते पर मैं एक जगह से फूटा हुआ हूँ और पिछले दो सालों से मुझे जितना पानी घर पहुँचाना चाहिए था बस उसका आधा ही पहुंचा पाया हूँ । मेरे अन्दर ये बहुत बड़ी कमी है और इस वजह से आपकी मेहनत बर्वाद होती रही है ," फूटे घड़े ने दुखी होते हुए कहा"
किसान को घड़े की बात सुनकर थोडा दुःख हुआ और वह बोला , कोई बात नहीं , मैं चाहता हूँ कि आज लौटते वक़्त तुम रास्ते में पड़ने वाले सुन्दर फूलों को देखो ,,
घड़े ने वैसा ही किया , वह रास्ते भर सुन्दर फूलों को देखता आया , ऐसा करने से उसकी उदासी कुछ दूर हुई पर घर पहुँचते –पहुँचते फिर उसके अन्दर से आधा पानी गिर चुका था। वो मायूस हो गया और किसान से क्षमा मांगने लगा ,
किसान बोला ,” शायद तुमने ध्यान नहीं दिया पूरे रास्ते में जितने भी फूल थे वो बस तुम्हारी तरफ ही थे । सही घड़े की तरफ एक भी फूल नहीं था । ऐसा इसलिए क्योंकि मैं हमेशा से तुम्हारे अन्दर की कमी को जानता था और मैंने उसका लाभ उठाया । मैंने तुम्हारे तरफ वाले रास्ते पर रंग -बिरंगे फूलों के बीज बो दिए थे । तुम रोज़ थोडा-थोडा कर के उन्हें सींचते रहे और पूरे रास्ते को इतना खूबसूरत बना दिया । आज तुम्हारी वजह से ही मैं इन फूलों को भगवान को अर्पित कर पाता हूँ ,और अपना घर सुन्दर बना पाता हूँ । तुम्हीं सोचो अगर तुम जैसे हो वैसे नहीं होते तो भला क्या मैं ये सब कुछ कर पाता ?
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सादर-- शुभ हों, जय हो, अपनी कमियों को भी जीत की वजह बनायें 🙏🌷🙏🌷
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