राजकुमार गुप्ता
वृन्दावन।गौशाला नगर क्षेत्र स्थित श्री गोलोक धाम आश्रम में ठाकुर श्रीराधा गोलोक बिहारी महाराज का 31वां पाटोत्सव धर्मरत्न स्वामी गोपालशरण देवाचार्य महाराज के पावन सानिध्य में अत्यंत श्रद्धा एवं धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ।इस अवसर पर ठाकुरजी का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य पंचामृत से अभिषेक किया गया।साथ ही उन्हें नवीन पीत पोशाक धारण कराकर उनका भव्य श्रृंगार किया गया।इसके अलावा उन्हें 56 भोग निवेदित किए गए।
गोलोकधाम पीठाधीश्वर धर्मरत्न स्वामी गोपालशरण देवाचार्य महाराज ने कहा कि श्रीधाम वृन्दावन की भूमि अत्यंत पावन व समृद्ध है।क्योंकि यहां के कण-कण में लीला पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण व उनकी आल्हादिनी शक्ति श्रीराधा रानी की चरण रज विद्यमान हैं।इसीलिए इस भूमि पर हमने 30 वर्ष पूर्व ठाकुर गोलोक बिहारी महाराज के मंदिर की स्थापना की थी।इस मन्दिर से देश-विदेश के असंख्य भक्तों व श्रृद्धालुओं की आस्था जुड़ी हुई है।
ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि धर्मरत्न स्वामी गोपालशरण देवाचार्य महाराज धर्म व अध्यात्म जगत की बहुमूल्य विभूति हैं।इन्होंने श्रीकृष्ण भक्ति की लहर को समूचे विश्व में प्रवाहित कर असंख्य व्यक्तियों का कल्याण किया है और कर रहे हैं।उनके द्वारा विश्वभर में श्रीराधा कृष्ण के 108 मन्दिर बनाने का जो संकल्प लिया हुआ है, वो अति प्रशंसनीय है।इससे न केवल प्रभु भक्ति अपितु सनातन धर्म का भी अत्यधिक प्रचार-प्रसार होगा।
इससे पूर्व "महावाणी" का संतो व विप्रों के द्वारा संगीतमय सामूहिक गायन किया गया।साथ ही होली के पदों, भजनों व रसियाओं का गायन किया गया।तत्पश्चात बधाई गायन हुआ।जिसमें रुपए, कपड़े, मेवा-मिष्ठान, फल, बर्तन आदि लुटाए गए।इस अवसर पर इत्र, गुलाब जल व फूलों की होली खेली गई।
महोत्सव में डॉ. भागवत कृष्ण नांगिया, ब्रज रस रसिक चंदन महाराज, भागवताचार्य हरिमोहन गोस्वामी, राधारमण गोस्वामी, शास्त्रीय गायक पंडित कामोध मिश्रा, बाबा राधारमण दास, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, राहुल गोस्वामी, हरिदासी संत रासबिहारी दास, गौरव शंकर उपाध्याय, पंडित श्रीकांत, मुकुंद शरण, लोकेंद्र आदि की उपस्थिति विशेष रही। महोत्सव का समापन संत ब्रजवासी वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारे के साथ हुआ।
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