*अक्टूबर तक तैयार हो जाएगा राम जन्मभूमि मंदिर का ग्राउंड फ्लोर, जनवरी 2024 में होगी प्राण प्रतिष्ठा*
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अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य अपनी पूरी गति से चल रहा है। शुक्रवार को राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि चूंकि जनवरी 2024 को मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होनी है इसलिए इसका ग्राउंड फ्लोर अक्टूबर 2023 तक बन जाएगा।
ऐसा इसलिए ताकि मकर संक्रांति जनवरी 2024 को गर्भ गृह में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम संपन्न किया जा सके। मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपतराय (Champat Rai) के मुताबिक अगस्त 2023 तक राम मंदिर का ग्राउंड फ्लोर का निर्माण कार्य पूरा हो जाएगा और अगले साल जनवरी में मकर संक्रांति के पर्व पर मंदिर के गर्भ गृह में राम लला को भव्य कार्यक्रम में विराजमान करवाया जाएगा।
अक्टूबर से मकर संक्रांति के बीच मंदिर के फिनिशिंग कार्य के साथ राम लला के गर्भ गृह में विराजमान करवाने के कार्यक्रम की तैयारी कर ली जाएगी। चंपतराय के मुताबिक निर्माण कार्य में लगी टाटा इंजिनियरिंग और लार्सन एंड टूब्रो कंपनियों की निर्माण गति टाइम स्केल के मुताबिक ही चल रही है। चंपत राय ने बताया कि 170 पिलर खड़े किए जा रहे हैं जो 13 फुट ऊंचे हो गए हैं। इनकी ऊंचाई 19 फुट होने के बाद 1 फुट मोटी बीम रखने के साथ छत निर्माण का काम शुरू हो जाएगा।
मंदिर के चारों तरफ 800 मी लंबाई और 40 फीट की चौड़ाई में परकोटा बन रहा है। जिसमें 14 फुट का मंदिर का परिक्रमा मार्ग भी बनेगा। इसके अलावा मंदिर में करीब 7 हजार मूर्तियां बनेंगी उसके साथ ही परकोटा व परिक्रमा मार्ग की दीवारों पर भी प्रभु राम के जीवन प्रसंग से जुड़े करीब 100 चित्र पत्थरों पर उकेरे जाएंगे। राम लला की मूर्ति के निर्माण का काम भी जल्द शुरू हो जाएगा। यह प्रतिमा साढ़े पांच फुट ऊंची होगी। यह मूर्ति खड़ी मुद्रा में और पत्थर की होगी। इसके निर्माण की डिजाइन तीन मूर्ति निर्माण विशेषज्ञों की टीम तैयार कर रही है।
उन्होंने बताया कि रामनवमी पर प्रभुराम के जन्म के समय दोपहर 12 बजे प्रतिमा के ललाट पर सूर्य देव की किरणें पड़े इसको लेकर सीबीआरआई की टीम ने पहला परीक्षण कर लिया है। अब ट्रस्ट के पास मंदिर के ग्राउंड फ्लोर का निर्माण पूरा करने के लिए 10 माह का समय बचा है। जिसमें परकोटा परिक्रमा मार्ग, पावर स्टेशन, मंदिर में आंतरिक व बाह्य लाइटिंग 6 देवी देवताओं के मंदिरों का परकोटा में निर्माण, यात्री सुविधा केंद्र का निर्माण, मंदिर को जोड़ने वाले गेट आदि का निर्माण कार्य पूरा करना है। इसमें से परकोटा पावर स्टेशन व यात्री सुविधा केंद्र के भी निर्माण शुरू कर दिए गए हैं।
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