राजकुमार गुप्ता
मथुरा।।वृन्दावन।सेवाकुंज गली स्थित श्रीकृष्ण बलराम मन्दिर में प्रख्यात गौडीय संत श्रीमद् भक्ति वेदांत नारायण स्वामी महाराज का 102 वां आविर्भाव महोत्सव संतों-विद्वानों व भक्तों की उपस्थित में अत्यंत श्रद्धा व धूमधाम के साथ सम्पन्न हुआ। प्रातः काल महाराजश्री की प्रतिमा का वैदिक मंत्रोच्चार के मध्य अभिषेक व पूजन-अर्चन किया गया।साथ ही भजन संकीर्तन का भी आयोजन सम्पन्न हुआ।
इस अवसर पर आयोजित संत-विद्वत संगोष्ठी में श्रील भक्ति वेदांत स्वामी मधुसूदनाचार्य गोस्वामी महाराज (विश्वबन्धु) व श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव श्रीमद् भक्ति वेदांत नारायण स्वामी महाराज की गौडीय सम्प्रदाय के लिए अनेकों देनें हैं।उनके द्वारा मथुरा में श्रीकेशव गौडीय मठ और वृंदावन में श्रीरूप सनातन गौडीय मठ व श्रीकेशव गौडीय मठ आदि की स्थापना की गई।
ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने व प्रमुख समाजसेवी पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि श्रीमद् भक्ति वेदांत नारायण स्वामी महाराज अनेकानेक सद्गुणों की खान थे।बरसाना के प्रख्यात संत व वाणीकार नारायण भट्ट ने महाराज श्री की विद्वत्ता व संतत्व से प्रभावित होकर उन्हें "योगाचार्य" की उपाधि से अलंकृत किया था।
भक्ति वेदांत साधु महाराज व भक्ति वेदांत दामोदर महाराज ने कहा कि संत प्रवर श्रीमद् भक्ति वेदांत नारायण स्वामी महाराज गौडीय सम्प्रदाय की बहुमूल्य निधि थे।उन्होंने गौडीय सम्प्रदाय के संस्कृत व बांग्ला भाषा में लिखे 100 से भी अधिक ग्रंथों का हिन्दी में अनुवाद किया।बाद को इन ग्रंथों का विश्व की विभिन्न भाषाओं में अनुवाद हुआ।
आविर्भाव महोत्सव में पंडित रामनिवास गुरुजी (गोवर्धन), भक्तिमयूर भिक्षु महाराज,स्वामी विष्णु महाराज, स्वामी गोकुलानंद महाराज, तमालकृष्ण ब्रह्मचारी, गोविंद महाराज,वरिष्ठ पत्रकार भोलेश्वर उपमन्यु, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा,आचार्य ईश्वरचंद्र रावत,पंडित जयगोपाल शास्त्री, ध्रुव गोस्वामी महाराज, प्रेमप्रदीप दास, रविकुमार शर्मा, राजू व राधानाथ दास आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।संचालन डॉ. गोपाल चतुर्वेदी ने किया।इसके अलावा संत-ब्रजवासी-वैष्णव सेवा एवं वृहद भंडारा भी हुआ।
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