विकाश निषाद ब्यूरो चीफ अंबेडकर नगर की रिपोर्ट
जलालपुर ,अंबेडकर नगर । नगर निकाय चुनाव में विभिन्न पार्टियों से नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी ठोक रहे प्रत्याशी नेताओं की गणेश परिक्रमा कर रहे हैं, वही कुछ अध्यक्ष पद एवं वार्डों से दावेदारी ठोक रहे प्रत्याशी लगभग सभी पार्टियों का गणेश परिक्रमा कर टिकट लेने के फिराक में लगे हुए हैं। चुनाव के मद्देनजर छूट भैया नेताओं की बाढ़ आ गई है थोक भाव में अपनी जेब में वोट बैंक का दावा करने वाले लोग संभावित प्रत्याशियों के इर्द-गिर्द मंडराने लगे हैं । इस बार नगर निकाय चुनाव में अध्यक्ष पद के लिए प्रत्याशियों का भरमार लगा हुआ है । कुछ प्रत्याशी ऐसे भी हैं कि जनता के सुख-दुख में सहभागी बनकर अपनी इमेज को अलग पहचान दे दिए हैं जो नगर पालिका में अध्यक्ष पद के कुर्सी पर बैठकर जनसेवा करना चाहते हैं। जन चर्चा है कि इस बार का चुनाव जलालपुर नगर पालिका का महिला सीट होने से त्रिकोणीय लड़ाई नजर आ रही है। विभिन्न दलों से जहां टिकट लेने के लिए एक से दो प्रत्याशी हैं । वही अब तक जनता की नजरों से ओझल रहे तमाम कर्मठ इमानदार और जुझारू दावेदार सत्ताधारी पार्टी से टिकट लेने के लिए आधा दर्जन से अधिक भावी प्रत्याशी के रूप में नेताओं की गणेश परिक्रमा लगाते दिखाई दे रहे हैं। आपको बता दें कि सपा से नदीम अंसारी , अबुल बशर अंसारी,बसपा से पूर्व चेयरमैन कमर हयात की पत्नी मौजूदा पालिकाध्यक्ष तथा बसपा नेता हाजी अब्दुल करीम की पत्नी, आजाद समाज पार्टी से जिला अध्यक्ष प्रवीण यादव की माता टिकट की लाइन में है, वहीं भाजपा से भाजपा नगर अध्यक्ष संजीव मिश्र की पत्नी पूनम मिश्रा, नगर महामंत्री कृष्ण गोपाल गुप्ता की पत्नी ज्योति गुप्ता, व्यापार मंडल जिलाध्यक्ष राजेश कुमार मिश्र की पत्नी, पूर्व प्रधान फराज खान की पत्नी , पूर्व प्रधान राम गोपाल गुप्ता की पत्नी , सीमा गुप्ता महिला मोर्चा नगर अध्यक्ष टिकट लेने की दावेदारी ठोक रहे हैं, निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में इब्ने अब्बास (गुलशन ब्रदर्स) की पत्नी , कंचन जायसवाल माता बृजेश जायसवाल , रमेश यादव की पत्नी मैदान में हैं । अब देखना यह है कि नगर निकाय चुनाव में कमल का फूल खिल पाएगा ? या कोई पार्टी फिर से अपनी जीत दर्ज कर लेती है । इस पर भी बातचीत शुरू हो गई है । हालांकि किसी भी पार्टी ने अभी तक अधिकृत रूप से प्रत्याशी के नाम की घोषणा नहीं की है फिर भी टिकट की लाइन में खड़े लोगों ने अपने टिकट पक्का मानकर चुनाव प्रचार में भी पूरी शक्ति झोंक दिया है जबकि कुछ प्रत्याशी वोटकटवा की भूमिका निभाने की जुगत में हैं।
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