समाज में रह रहे दिव्यांगजन तथा आम जन के बीच जो खाई है उसे मिटाने में विशेष शिक्षा बहुत ही अहम किरदार अदा कर रही है। सरकार तथा गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा दिव्यांगजन को मुख्य धारा से जोड़ने के लिये सतत प्रयास किया जा रहा है , इन्ही प्रयासों का नतीजा है कि आज बहुत से दिव्यांग लोग उन कार्यों को बखूबी अंजाम दे पा रहे हैं जिनकी कल्पना नही की सकती थी । भारतीय पुनर्वास परिषद द्वारा संचालित विभन्न विधाओं में संचालित पाठ्यक्रमों द्वारा दिव्यांगजन को मुख्य धारा की शिक्षा में जोड़ने में मदद मिल रही है। इसकी कड़ी में जनपद के चेहरी स्थित विशेष स्कूल आईटीएम में दिव्यांग छात्रों को विगत सात वर्षो से विशेष शिक्षा के माध्यम से मुख्य धारा की शिक्षा से जोड़ा जा रहा है तथा दिव्यांगजन के शिक्षण हेतु प्रशिक्षण के कार्यक्रम व पाठ्यक्रम भी संचालित किये जा रहे हैं। आईटीएम के प्राचार्य श्री अवनीश कुमार मिश्र ने बताया कि ऐसे अभिभावक जिनके घर या परिवार में किसी भी प्रकार का कोई दिव्यांग बच्चा है तो उसे कतई तौर पर निराश न हों बल्कि उसे सामान्य जीवन देने का पूरा प्रयास करें, आपके सच्चे प्रयास तथा उचित मार्गदर्शन से बच्चे को अन्य सामान्य बच्चों के ही तरह जीवन मिल सकता है। अन्य सामान्य बच्चों की तरह दिव्यांगजन को भी समय से विद्यालय में प्रवेश दिलायें , प्रयास करें ऐसे विद्यालय में प्रवेश दिलायें जहाँ पर विशेष शिक्षा का प्रशिक्षक उपलब्ध हों क्योंकि सही प्रशिक्षण ही आपके बच्चे की आधारशिला है। दिव्यांगजन को कभी भी ऐसे नामों से न पुकारें जिससे उनको बुरा लगे या वे खुद को कमतर समझें क्योंकि ऐसे परिस्थिति में बच्चा हीन भावना से ग्रसित हो जाएगा और मनोबल गिर जायेगा। एक बार मनोबल गिर जाने के बाद उसे सामान्य परिस्थिति में वापिस लाना बड़ा कठिन होगा।
समाज को भी अपनी जिम्मेदारियों को समझते हुए विशेष बच्चों को विशेष अवसर देना चहिए न कि उन्हें अवसरों से वंचित करना चाहिए। दिव्यांगजन हमारी और समाज की ज़िम्मेदारीयों के हकदार हैं न कि अभिशाप हैं। अभी भी बहुत से दिव्यांग जन सिर्फ इसलिए नहीं आगे बढ़ पा रहे हैं क्योंकि उन्हें सही मार्गदर्शन और उचित संसाधन समय से मुहैया नही हो पा रहा है।
अंत मे एक बार फिर समाज तथा सभी अन्य संबंधित संस्थाओ से आग्रह है कि सच्चे मन से दिव्यांगजन को स्वीकार करें एवं उन्हें आगे बढ़ने का अवसर दें साथ ही साथ उन्हें मुख्यधारा से जोड़ने में प्रयासरत रहें।
उमेश चंद्र तिवारी
हिंदी संवाद न्यूज
उत्तर प्रदेश
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