*खबर में है दम तो लिखेंगे हम*
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👉 *बिना मान्यता के चल रहा निजी विद्यालय, कार्रवाई नहीं*
आशीष सिंह
फतेहपुर
👉 *बिना मान्यता के निजी स्कूल चल रहा है। जिला प्रशासन के सख्त आदेशों के बावजूद भी अनेक निजी स्कूल बिना मान्यता के बेरोकटोक संचालित हो रहे है। कई स्कूल संचालकों ने आठवीं की मान्यता होने के बाद भी 12 वीं तक की कक्षाएं संचालित कर रखी है तो कई स्कूल छप्परों और टीन शेडों के नीचे चल रहे है। बिना मान्यता के चल रहे निजी स्कूल संचालकों द्वारा विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। फर्जीबाडा करके संचालित स्कूलों के जानकारी में होने के बावजूद शिक्षा विभाग का रवैया हैरान करने वाला है। विभाग के अधिकारियों की जानकारी में मामला होने के बाद भी क्षेत्र में संचालित फर्जी तरीके से संचालित शिक्षण संस्थाओं की ना सूची बनाई है और ना ही ऐसे स्कूलों के खिलाफ कोई कार्यवाही की जा रही है। जबकि जिले में अनेक स्थानों पर फर्जी शिक्षण संस्थाएं खोलकर छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड किया जा रहा है। जबकि विभागीय गाइड लाइन के अनुसार बिना मान्यता के स्कूल संचालित नहीं किया जा सकता, मान्यता से अधिक कक्षाएं नहीं चलाई जा सकतीं। लेकिन निजी विद्यालय संचालक राइट टू एजुकेशन के नियमों को बलाए ताक रखकर धज्जियां उड़ा रहे हैं।*
👉 *700 विद्यार्थियों का भविष्य आधार में*
👉 *भिटौरा शिक्षा क्षेत्र के जलालपुर इटौली गांव में सरदार बल्लभ भाई पटेल पूर्व माध्यमिक नामक निजी विद्यालय है। यहां लगभग 700 छात्र-छात्राओं का दाखिला है। स्कूल बिना मान्यता के संचालित किया जा रहा है। विद्यालय द्वारा राइट टू एजूकेशन के निर्देशों का पालन करने में गंभीर अनियमितता बरती जा रही है। मानक विहीन भवन होने के बाद भी विद्यालय को आठवीं तक की मान्यता दी गई है। लेकिन यहां 12 वीं तक कि कक्षाएं चलाई जा रही है। स्कूल में विद्यार्थियों को शेड के नीचे व टाट,पल्ली में जमीन में बैठाकर पढ़ाया जा रहा है। जिसमें कभी भी हादसा होने की आशंका बनी रहती है।*
आठवीं की मान्यता, सालों से चल रही 12 वी तक कक्षाएं
स्कूल संचालक आठवीं की मान्यता लेकर कई साल से 12 वीं कक्षा तक के छात्र-छात्राओं के प्रवेश लेकर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा है। विभागीय सूत्रों की मानें तो स्कूल के पास अबतक आठवीं कक्षा तक की ही मान्यता है और कक्षा 12 वीं तक चलाया जा रहा है। ऐसा मुमकिन नही है कि इतने बड़े पैमाने पर धांधलेबाजी होने की शिक्षा विभाग के अधिकारियों को जानकारी नही है।*
👉 *मार्कशीट और टीसी के लिए दूसरे स्कूलों के रहमोकरम पर रहना पड़ता निर्भर*
बिना मान्यता के 12 वीं तक कक्षाएं चलकर शिक्षा के नाम पर बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ एवं मोटी फीस वसूल रहे है। स्कूल के पास छात्रों को बैठाने के लिए भवन का न तो माकूल इंतजाम है और न ही पेयजल, टॉयलेट आदि की सुविधा। यहां तक कि छात्र-छात्राओं को अध्ययन प्रमाण-पत्र एवं टीसी देने के लिए दूसरे स्कूलों के रहमो करम पर निर्भर रहना पड़ता है।*
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