जन सहभागिता और विभागीय समन्वय से हो सकता है बेहतर वॉटर शेड मैनेजमेंट : डॉ. चतुर्वेदी
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटरशेड कंपोनेंट-2 के अंतर्गत दो दिवसीय राज्यस्तरीय अभिमुखीकरण कार्यशाला आरंभ
लखनऊ : 16 दिसंबर, 2022
राज्य स्तरीय नोडल एजेंसी, परती भूमि विकास विभाग द्वारा प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना वाटरशेड कंपोनेंट-2 के अंतर्गत दो दिवसीय राज्यस्तरीय अभिमुखीकरण कार्यशाला का शुभारंभ आज कृषि विभाग के अपर मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव सिंचाई द्वारा किया गया।
डॉ. राम मनोहर लोहिया ऑडिटोरियम, परिकल्प नगर तेलीबाग में आयोजित कार्यशाला के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि अपर मुख्य सचिव कृषि डॉ. देवेश चतुर्वेदी ने कहा कि वॉटर शेड मैनेजमेंट के कार्यक्रम को जन सहभागिता के साथ-साथ पारदर्शिता से किया जाना आवश्यक है। जन सहभागिता तथा विशेषज्ञों की किसानों तक पहुंच भूमिगत जल स्तर को बढ़ाने तथा बचाने में मददगार साबित होगी।
श्री चतुर्वेदी ने कहा कि सिंचाई विभाग को अन्य संबंधित विभागों से समन्वय स्थापित कर वॉटर शेड मैनेजमेंट का कार्यक्रम क्रियान्वित करना चाहिए इसमें मुख्य रूप से ग्राम विकास, पंचायती राज, दूरसंचार पशुपालन, वन, सिंचाई, भूमि-संरक्षण आदि विभागों से बेहतर समन्वय किया जाना चाहिए। यह कार्य किसानों की आय को दुगुना करने के साथ-साथ कृषि में विविधता बढ़ाने उत्पादन तथा उत्पादकता को बेहतर बनाने में कारगर साबित होगा।
विशिष्ट अतिथि प्रमुख सचिव सिंचाई श्री अनिल गर्ग ने कहा कि वाटर शेड विकास-प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना 2.0 का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से किया जाए तो यह कृषि, पर्यावरण, जल-संरक्षण तथा जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने में सहायक हो सकता है। अपर कृषि निदेशक श्री वीके सिसोदिया ने अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर परती भूमि विकास विभाग के मुख्य कार्यपालक अधिकारी श्री हरि प्रताप शाही, संयुक्त कृषि निदेशक जगदीश कुमार तथा कई अन्य कृषि व मृदा क्षेत्र के विशेषज्ञ उपस्थित थे।
संपर्क सूत्र - डॉ. मनोज चंद्रा
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