जौनपुर। नहीं थम रहा डेंगू मलेरिया का का प्रकोप
जौनपुर। जिले भर में विगत कई महीने से मच्छर जनित डेंगू-मलेरिया का प्रकोप नहीं थम रहा है। घरों व आसपास गड्ढों में मच्छर पनप रहे हैं, लेकिन इसके प्रति पालिका प्रशासन गंभीर नहीं है। खानापूर्ति के लिए फागिंग और एंटीलार्वा का छिड़काव कराया गया है। जबकि जांच में मलेरिया के अब तक मलेरिया और डेगू के तमाम केस सामने आ चुके हैं।
डेंगू का मच्छर घरों व आसपास गड्ढों में पानी भरने पर उसमें अंडे देता है। अंडे सात दिन के अंदर लार्वा में तब्दील हो जाते हैं। इसके चार दिन के बाद लार्वा वयस्क मच्छर में तब्दील हो जाता है। डेंगू का मच्छर दिन में ही घरों में काटता है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से डेंगू-मलेरिया का खतरा भी बढ़ गया है। लेकिन इसके प्रति अभी तक न तो पालिका प्रशासन गंभीर है और न ही स्वास्थ्य विभाग सजग नजर आ रहा है। नगर समेत किसी भी नगर निकाय व ग्रामीण क्षेत्र में फागिंग व एंटीलार्वा का छिड़काव नहीं कराया गया है। इसके चलते डेंगू-मलेरिया के पांव पसारने की आशंका बनी हुई हैं।जिला संचारी रोग नियंत्रण के लिए अभियान चलाया गया, लेकिन सब कागजों तक सीमित रहा। डेंगू-मलेरिया के लक्षण व बचाव -रोगी को तेज बुखार आना व कंपकपी लगना। -जोड़ों व मांसपेशियों में दर्द की शिकायत होना। -रोगी के शरीर की त्वचा पर लाल चकत्ते हो जाना। -भूख न लगना और रोगी को उल्टी होना। -आंखों के पीछे व सिर में दर्द की शिकायत। बचाव -घर के कूलर, बर्तनों व आसपास पानी एकत्र न होने दें। -घर की नियमित सफाई करते रहे। -घर व आसपास में मच्छरों का लार्वा नष्ट के लिए एंटीलार्वा का छिड़काव कराना चाहिए। -रात को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करना चाहिए। -बीमारी के लक्षण दिखाई देने पर तुरंत अस्पताल में मरीज को दिखाया जाना चाहिए।
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