कब तलक  यूं  धर्म के नाम पर वंचित करते  जाओगे
एक  गुबार मन में छुपा है 
एक तूफान मन में उठा है 
हां आज मेरा सैलाब शांत है 
पर मेरी गहराइयों का आकलन मत करो 
एक गुबार मन में छुपा है
 एक तूफान मन में उठा है 
 तुम अगर सत्ता नवीस हो तो क्या हुआ 
हां मेरे गुबार को छुपा  सकते नहीं हां मेरे उफान को दवा  सकते नहीं
 गलतियां अगर तुम करोगे गलतियां अगर तुम करोगे
 उन गलतियों को मैं लिखूंगा 
और तुम्हें चेताऊंगा 
लेकिन आज गलतियों को चेताने  वालों को यूं  दबाते जाओगे 
फिर कब तलक तुम राज अपना यू चलाते जाओगे 
 खैर जो भी हुआ उन गलतियों से सबक लो 
और देखो मान जाओ 
और देखो मान जाओ 
कुछ थोड़ा सा सबक लो 
छोड़ जाओ गलतियों का दोहराना
 छोड़ जाओ यू हमें तुम्हारा दबाना कब तलक तुम कलम के 
कब तलक तुम कलम के 
सच के पैरोंकारों को दबाओगे
 अब भला तुम कब तलक ऐसे ही सरकार चलाओगे
 यूं भला तुम सोचते नहीं क्या कर रहे हो तुम गलतियां 
क्यों भला तुम धर्म में कब तलक उलझाओगे 
 आज धर्म कोई मुद्दा नहीं ना बहस की बात है- 2
आज जो कुछ जानना है और समझने की बात है
 कब तलक तुम उनसे यूं नजरें चुराओगे 
 आज जो कुछ जानना है और जो समझना है 
कब तलक तुम उनसे यूं नजरें चुराओगे 
 हां समझना पड़ेगा तुम्हें
 हां समझना पड़ेगा तुम्हें 
मानवीय सभ्यता की जरूरतों को हां समझना पड़ेगा
 तुम्हें मानवीय सभ्यता की जरूरतों को
 कब तलक तुम शिक्षा -स्वास्थ्य और रोजगार से वंचित करते जाओगे 
कब तलक यह धर्म का पिटारा कब तलक यह धर्म का पिटारा से राज पाते   जाओगे
 या अभी भी है गुमान के धर्म ही   सत्ता चलाते  जाओगे
 खैर  समझाना नहीं चेतावनी देना मेरा काम है 
खैर समझाना नहीं चेतावनी देना मेरा काम है 
कब तलक तुम मेरे काम में अड़चन लाओगे -2
यह चेतावनी भी कमजोर नहीं
 ना कहीं से मैं कमजोर हूं 
यहां मेरे मैं से तात्पर्य 
यहां मेरे में से तात्पर्य उन 100 करोड़ लोगों से है 
जिन्हें तुम धर्म के नाम पर कब तलक वंचित करते जाओगे
 जिन्हें तुम धर्म के नाम पर कब तक बन चित करके जाओगे
 

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने