आढ़तियों की खरीद के कारण सरकारी क्रय केंद्र सूने पड़े हैं पहली एक नवम्बर से अब तक सात किसानों से मात्र 74 कुन्तल धान की खरीद हो पाई है। जबकि उतरौला क्रय केंद्र पर ढाई हजार क्विंटल के लक्ष्य के विपरीत 74 क्विंटल की खरीद हो पाई है। क्षेत्र भर में धान की भरपूर पैदावार होने के बाद भी किसान अपनी उपज लेकर क्रय केंद्र पर नहीं आ रहे हैं। सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की खरीद का समर्थन मूल्य 2040 रुपये है जबकि आढ़ती किसानों से 1750 रुपये में धान खरीद रहे हैं। किसान लगभग तीन सौ रुपये प्रति क्विंटल का घाटा उठाने के लिए तैयार हैं। इसका प्रमुख कारण यह है कि आढ़ती किसानों के घर जाकर उपज खरीद रहे हैं,साथ ही क्रय केंद्रों की तमाम दिक्कतें।
क्रय केंद्र प्रभारी निरंकार सिंह का कहना है कि वह किसानों के घर जाकर भी धान खरीदने के लिए तैयार हैं बशर्ते कम से कम मौके पर 100 से 150 क्विंटल उपज मौजूद हो। हांलाकि क्षेत्र में खेतों में उपज की कटान लगभग खत्म हो गई है।हालाकि किसान गेंहू की बुआई की तैयारी में जुटे हुए हैं।
असगर अली
उतरौला
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