सबरीन बनी प्रधानमंत्री तो शाकिर बने उप-प्रधानमंत्री, प्राथमिक विद्यालय उपरौहला में प्रधानमंत्री संग मंत्रिमंडल ने लिया शपथ, बाल-संसद हुआ गठित 


उतरौला(बलरामपुर)
बच्चों की शिक्षा में रुचि, उनके सीखने के स्तर को बढ़ाने एंव उनमे नेतृत्व की क्षमता का विकसित करने के उद्देश्य से आज प्राथमिक विद्यालय उपरौहला में बाल-संसद चुनाव में जीते हुए पदाधिकारियों को खण्ड शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार जी द्वारा माला पहनाकर बधाई दिए| 
इसी क्रम में खंड शिक्षा अधिकारी एवं पीरामल फाउंडेशन की प्रोग्राम लीडर जया लक्ष्मी एवं पिंकी , प्रधानाध्यापिका श्रीमति रुचि भदौरिया एवं समस्त विद्यालय परिवार की दिशानिर्देश में शपथ दिलाकर कार्यभार सौपा गया|
बाल-तंत्र में लोक तंत्र का उद्देश्य लिये विद्यालय स्तरीय बाल संसद का गठन किया जा रहा हैं जिससे बच्चों की नेतृत्व क्षमता एवं अभिमुखता की कुशलता विकसित हो सकें एवं विद्यालय में सामुदायिक सहभागिता को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भी उतरौला विकासखंड के प्राथमिक विद्यालय उपरौहला में संसद गठित किया गया| आपको बता दें कि प्रत्येक माह के दूसरे एवं चौथे शनिवार को प्रधानमंत्री की अध्यक्षता एवं प्रधानाध्यापक/ अध्यापक के दिशानिर्देश में बैठक करायी जाएगी जिसका मुद्दा विद्यालय एवं निपुण भारत संबंधित बच्चों के सिखने- सिखाने के माहौल को विकसित करना रहेगा | 
बलरामपुर जनपद में जिलाधिकारी एंव बेसिक शिक्षा विभाग के नेतृत्व में और पीरामल फाउंडेशन के सहयोग से मॉडल स्कूल कार्यक्रम की शुरुआत की गयी है जिसके अंतर्गत स्कूलों को मॉडल स्कूल के रूप में विकसित किया जायेगा। इसी क्रम में विद्यालय में बच्चों की नियमित उपस्थिति बनाये रखने के लिए एवं समुदाय में लोगो को शिक्षा के प्रति जागरूक करने तथा बच्चो में नेतृत्व एवं तार्किकता आधारित सोच को विकसित करने के उद्देश्य से बाल- संसद का आयोजन पूरी प्रक्रिया द्वारा जिसके अंतर्गत स्वेच्छा से उम्मीदवार का चयन कर नामित पर्चा द्वारा उम्मीदवार का चयन एवं प्रचार-प्रसार करने पाश्चात्य चयनित तिथि को इ. वी. एम. एप द्वारा चुनाव कराया गया जिससे बच्चों में वोट एवं मतदान के प्रति जागरूकता को भी सुनिश्चित करना है|
प्रचार प्रसार के दौरान दिनेश जो कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार थे, अपने शब्दों मे अपनी जनता रूपी छोटे भाई बहन से कहते है कि, " भाईयों और बहनों मुझे अपना कीमती वोट देकर अपना मंत्री बनाए,  जितने के बाद मैं आपके विद्यालय में पार्क बनवा दूँगा जैसा कि जब मैं जालंधर अपनी नानी के घर जाता हूँ तो वहाँ खेलने जाता हूँ"| दिनेश के इस भाषण को सुनते हुए रुचि मैडम ने कहाँ कि सरकारी विद्यालयों के बच्चों को अवसर एवं प्लेटफॉर्म की आवश्यकता होती हैं, जो अगर इन्हें मिले तो ये बहुत आगे जा सकते हैं |

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