उतरौला(बलरामपुर) प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मानापार बहेरिया में दो माह से महिलाओं के प्रसव की सुविधा शुरू हुई है लेकिन इस केन्द्र पर तैनात स्टाफ नर्स तरबगंज तहसील क्षेत्र की निवासिनी होने से वह केंद्र से नदारद रहती है।
स्टाफ नर्स के नदारद रहने से इस केन्द्र पर मात्र एक महिला का प्रसव हो पाया है। इस प्रसव केंद्र के अक्सर बंद रहने से प्रसव पीड़ित महिलाएं दस किमी दूर उतरौला अथवा तीस किमी दूर जिला मुख्यालय के अस्पतालों की शरण लेनी पड़ती है।
विकास खण्ड उतरौला क्षेत्र में स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में शासन ने दो माह पहले इस केन्द्र पर हेल्थ एवं बेलनेस सेन्टर बनाकर महिलाओं के प्रसव का इन्तजाम कर दिया और एक स्टाफ नर्स की तैनाती कर दी। शासन की मंशा थी कि इस केन्द्र के आसपास स्थित पच्चीसों ग्राम पंचायत की महिलाओं को प्रसव की सुविधा मिल सके और उन्हें उतरौला अथवा बलरामपुर जिला मुख्यालय पर प्रसव के लिए न जाना पड़े वहीं क्षेत्र की महिलाओं को निजी अस्पतालों का सहारा न लेना पड़े। शासन की मंशा पर उस समय पानी फिर गया जब इस केन्द्र पर तैनात की गई स्टाफ नर्स गोण्डा जनपद की तरबगंज तहसील क्षेत्र की निवासिनी होने से अक्सर केंद्र पर न रहकर अपने घर पर रहती है। उनके नदारद रहने से इस केन्द्र का प्रसव केंद्र बंद रहता है। इस केन्द्र का प्रसव केंद्र बंद रहने से महिलाओं को प्रसव के लिए दस से तीस किमी दूर जाना पड़ता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मानापार बहेरिया के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डा ए के खान ने बताया कि इस केन्द्र पर दो माह में मात्र एक महिला का प्रसव कराया गया है।
महिलाओं को प्रसव कराने के लिए केंद्र पर एक स्टाफ नर्स की तैनाती विभाग ने कर रखी है। इस केन्द्र पर महिलाओ के प्रसव कराने आने पर उनका प्रसव कराया जाता है।
असगर अली
उतरौला
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