*छत्तीसगढ़ किसान सभा (CGKS)*
*(अ. भा. किसान सभा – AIKS से संबद्ध)*
*नूरानी चौक, राजातालाब, रायपुर, छग*
*वीसीए के नाम पर बिजली दरों में बढ़ोतरी का विरोध किया किसान सभा ने, कहा : प्रति परिवार 620 रुपयों का पड़ेगा बोझ, बढ़ेगी महंगाई भी*
रायपुर। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने वीसीए की आड़ में बिजली दरों में बढ़ोतरी का विरोध किया है। किसान सभा ने कहा है कि इस बढ़ोतरी को मिलाकर इस वित्तीय वर्ष में अभी तक 1.24 रूपये प्रति यूनिट की वृद्धि हो चुकी है और इससे आम जनता की स्थिति और बदतर होगी। बिजली दरों में इस वृद्धि से महंगाई भी तेजी से बढ़ेगी।
आज यहां जारी एक बयान में छत्तीसगढ़ किसान सभा के अध्यक्ष संजय पराते और महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा कि बिजली सुधारों के नाम पर एक ओर आम जनता के लिए क्रॉस सब्सिडी को खत्म किया जा रहा है और दूसरी ओर बिजली कंपनियों के भ्रष्टाचार और नाकामियों का बोझ उस पर डाला जा रहा है। सरकारी विभागों और निजी उद्योगों पर हजारों करोड़ रुपयों का बिजली बिल बकाया है, इसको वसूलने के बजाय कोयले की बढ़ती कीमतों के नाम पर आम जनता पर बोझ डाला गया है। कुल मिलाकर, इस वित्तीय वर्ष में ही अभी तक बिजली दरों में 34% से अधिक की वृद्धि हो चुकी है।
उन्होंने कहा कि इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल में बिजली दरों में 10 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई थी, फिर जुलाई में प्रति यूनिट 12 पैसे विद्युत ऊर्जा प्रभार बढ़ाया गया, फिर अगस्त में आयातित कोयले के नाम पर प्रति यूनिट 30 पैसों की, फिर अक्टूबर में वीसीए के नाम पर 23 पैसे और अब 49 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है। इस प्रकार पिछले 9 माह में ही बिजली दरों में 1.24 रूपये प्रति यूनिट की वृद्धि हुई है। इस वृद्धि से औसतन प्रति व्यक्ति 124 रूपये और प्रति परिवार 620 रूपये प्रति माह का भार पड़ा है, जो आम जनता की आर्थिक क्षमता से बाहर है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 90% परिवारों की औसत मासिक आय 10000 रूपये से भी कम है और पिछले दो वर्षों में महंगाई के कारण उनके घरेलू बजट में 50% से ज्यादा की वृद्धि हुई है।
किसान सभा नेताओं ने कहा कि वीसीए के नाम पर बिजली दरों में इन बढ़ोतरियों से विद्युत नियामक आयोग की सार्थकता और प्रासंगिकता ही खत्म हो चुकी है। किसान सभा ने राज्य सरकार से अपील की है कि आम जनता के हित में इस वृद्धि को फौरन वापस लें।
*संजय पराते*
अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ किसान सभा
(मो) 094242–31650
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*(English version of the statement)*
*Chhattisgarh Kisan Sabha (CGKS)*
*(Affiliated to All India Kisan Sabha – AIKS)*
*Noorani Chowk, Rajatalab, Raipur, Chhattisgarh*
*Press Release : 30.12.2022*
*Kisan Sabha opposed the increase in electricity rates in the name of VCA, said: Rs 620 per family will be burdened, inflation will also increase*
Raipur. Chhattisgarh Kisan Sabha has opposed the increase in electricity rates under the guise of VCA. Kisan Sabha has said that including this increase, there has been an increase of Rs 1.24 per unit so far in this financial year and this will worsen the condition of the people. With this increase in electricity rates, inflation will also increase rapidly.
In a statement issued here today, Chhattisgarh Kisan Sabha President Sanjay Parate and General Secretary Rishi Gupta said that in the name of power reforms, cross subsidy for the common people is being abolished on the one hand and on the other hand, the burden of corruption and failures of power companies is being imposed on the public. Government departments and private industries owe thousands of crores of electricity bills, instead of recovering it, the common people has been burdened in the name of rising coal prices. Overall, there has been an increase of more than 34% in electricity tariffs in this financial year so far.
He said that in this financial year, the power rates were increased by 10 paise per unit in April, then in July the electric energy charge was increased by 12 paise per unit, then in August by 30 paise per unit in the name of imported coal, then In October, VCA has been increased by 23 paise and now by 49 paise per unit. Thus, in the last 9 months, the electricity rates have increased by Rs 1.24 per unit. This increase has resulted in an average burden of Rs 124 per person and Rs 620 per family per month, which is beyond the economic capacity of the poor people. It is worth mentioning that the average monthly income of 90% families in the state is less than Rs 10,000 and their household budget has increased by more than 50% in the last two years due to inflation.
Kisan Sabha leaders said that with these hikes in electricity rates in the name of VCA, the importance and relevance of the Electricity Regulatory Commission has ended. Kisan Sabha has appealed to the state government to withdraw this increase immediately in the interest of the common people of the state.
*Sanjay Parate*
President, Chhattisgarh Kisan Sabha
(M) 094242–31650
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