उत्तर प्रदेश/भारत के राष्ट्रीय खेल हॉकी के उत्थान में आजादी के पहले से लगतार अपना अभूतपूर्व योगदान देने वाले जनपद बलरामपुर में वर्ष 1938से अबतक प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्तर की हाकी प्रतियोगिता का आयोजन बलरामपुर के राज परिवार और आजादी के बाद से स्थानीय जनता के सहयोग से किया जा रहा है ।बलरामपुर का राज परिवार जनपद के शिक्षा साहित्य संस्कृति खेल में गुलामी के दौर से लेकर अबतक लगातार अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
बताते चलें भारत का ओलंपिक में हाकी ने तिरंगा आधा दर्जन से ज्यादा बार स्वर्ण जीतकर लहराया है जिसमे बलरामपुर की मिट्टी को माथे पर लगाने वाले खिलाड़ियों का योगदान बराबर रहा है एक जमाना हुआ करता था जब लकड़ी की हाकी न होने की दशा में खिलाड़ी बेहया और अन्य लकड़ियों के टेढ़े हाकी नुमा उपकरण से हाकी खेला करते थे ।बलरामपुर को देशकी हाकी की नर्सरी की उपाधि भी मिल चुकी है।
इसमें खेलों के आयोजनकर्ता का विशेष योगदान है हालाकि अब युवा पीढ़ी का धीरे धीरे हाकी के प्रति प्रेम बेहद होता जा रहा है।
लेकिन राज परिवार और महाविद्यालय प्रशासन आमजन के सहयोग से इस हाकी खेल में लगातार आयोजन नए कलेवर में करते हुए इस खेल के संवर्धन में हरसाल नए अध्याय लिख रही है।
हाकी आयोजन सचिव डा राजीव रंजन और प्राचार्य डा जे पी पांडे ने बताया की इस बार के इस अखिल भारतीय हाकी के फाइनल खेल में विजेता को पचास हजार से बढ़ाकर पिचहत्तर हजार एवम उपविजेता को तीस हजार से बढ़ाकर इक्यावन हजार धनराशि कर दी गई है।
वहीं इस 26 से शुरू हो रहे अखिल भारतीय हाकी टूर्नामेंट के दौरान ओलंपियन सुबोध खांडेकर, जगतनारायन श्रीवास्तव, व युवा खिलाड़ी शफीकुर्रहमान को सम्मानित किया जाएगा।
उमेश चंद्र तिवारी
9129813351
हिंदी संवाद न्यूज
बलरामपुर
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