उतरौला(बलरामपुर)
आजादी के अमृत महोत्सव कार्यक्रम की श्रृंखला में रविवार 11 दिसंबर को उतरौला विकास खंड के लालपुर जुनेद, हरनीडीह, मधपुर, उतरौला ग्रामीण, बकसरिया,जोगीबीर, मटयरिया, इमिलिया, कड़सर रसूलपुर चांद समेत सभी परिषदीय विद्यालयों में महाकवि सुब्रमण्यम भारती जी के जयंती के शुभ अवसर पर भारतीय भाषा उत्सव मनाया गया। 
खंड शिक्षा अधिकारी सतीश कुमार ने बताया कि सुब्रमण्यम भारती एक तमिल कवि थे, जिन्हें महाकवि भारतियार के नाम से भी जाना जाता है। वह एक कवि होने के साथ-साथ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में शामिल सेनानी, समाज सुधारक, पत्रकार तथा उत्तर भारत व दक्षिण भारत के मध्य एकता के सेतु के समान थे। प्रधानमंत्री द्वारा उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 'काशी तमिल संगमम' का उद्घाटन किया गया है। काशी तमिल संगम का मुख्य उद्देश्य उत्तर और दक्षिण भारत के ऐतिहासिक और सभ्यागत संबंधों के कई पहलुओं, ज्ञान और सांस्कृतिक परंपराओं को करीब लाना है और हमारी साझा विरासत की समझ पैदा करना है। इससे राष्ट्रीय एकता को मजबूती मिलेगी।
महाकवि सुब्रमण्यम भारती के जन्मदिन के अवसर पर विकास खंड के सभी परिषदीय विद्यालयों में विविध कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें महान कवि सुब्रमण्यम भारती के साहित्य एवं व्यक्तित्व की चर्चा की गई। 
भारत में बोली जाने वाली विभिन्न भाषाओं के बारे में छात्र-छात्राओं को विस्तार पूर्वक बताया गया एवं राष्ट्रीय एकता में विभिन्न भारतीय भाषाओं के योगदान पर वृहद चर्चा की गई।
असगर अली
उतरौला 

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