क्षय रोग से अब परेशान होने की आवश्यकता नहीं है:- डॉ0 विकास वर्मा
टीबी के मरीजों को डरने की जरूरत नहीं
पयागपुर दर्जनों क्षय रोगियों को लिया गोद,
मरीजों को पोषण किट की गई वितरित।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पयागपुर अधीक्षक डॉ विकास वर्मा ने बताया क्षेत्र के दर्जनों क्षय रोगियों को पोषण सामग्री उपलब्ध कराने एवं क्षय रोग के प्रति लोगों में जागरूकता लाने के उद्देश्य से क्षेत्र के रोगियों को स्वास्थ्य कर्मियों ने पोषण किट का वितरण कर गोद लिया क्षय रोग को समूल मिटाने एवं क्षय रोगियों को समुचित पोषण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से चलाये जा रहे अभियान के तहत क्षय रोगियों को गोद लेकर उन्हें समुचित पोषण हेतु पौष्टिक सामग्री उपलब्ध कराने का स्वास्थ्य विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी बहराइच डॉ सतीश कुमार सिंह के निर्देशों के अनुपालन में आज
इसी कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को 15 क्षय रोगियों को गोद लिया गया। प्राप्त जानकारी के अनुसार क्षेत्र के लाभार्थियों को चिकित्साधिकारी व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा गोद लिया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अधीक्षक डा विकास वर्मा ने क्षय रोगियों को पोषण किट वितरित करते हुए कहा कि क्षय रोग से अब परेशान होने की आवश्यकता नहीं है क्योंकि अब क्षय रोग का इलाज संभव है।
सरकारी योजना की दी गई जानकारी
दवाइयों और समुचित पोषण सामग्री लेने से क्षय रोग जड़ से समाप्त हो जाता है। इस अवसर पर उपस्थित बीपीएम सीएचसी पयागपुर अनुपम शुक्ल ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए क्षय रोग को समूल नष्ट करने के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही निश्चय पोषण योजना के बारे में क्षय रोगियों को जानकारी दी गई। इस अवसर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अधीक्षक ने क्षेत्र के सभी समाज सेवियों, सरकारी कर्मचारियों, शिक्षकों से आगे आकर क्षय रोगियों को गोद लेने की अपील की गई।
कार्यक्रम में 04 महिला 11 पुरुष को लिया गया गोद
चिकित्सा अधिकारी डॉ शरद भारती डॉ अब्दुल वाहिद ठाकुर प्रसाद यादव रमेश चंद्र मनोज कुमार प्रवीण उपाध्याय के द्वारा पोषण सामग्री में मूंगफली दाना, गुड़, चना, दलिया, सत्तु, सोयाबीन सहित अन्य पौष्टिक सामग्री वितरित की। इस अवसर पर अधीक्षक डॉ वर्मा ने बताया कि क्षेत्र से क्षयरोग को पूरी तरह से समाप्त करने एवं क्षय रोगियों को समुचित पोषण एवं दवाइयां उपलब्ध कराने के लिए क्षेत्र के चिन्हित क्षय रोगियों को विश्व क्षय दिवस के अवसर पर गोद लेने का निर्णय लिया गया था। इसके तहत अब तक दर्जनों क्षय रोगियों को गोद लिया जा चुका है।
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