शत्रु सम्पत्तियों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए गृह विभाग की निगरानी में प्रदेशव्यापी कार्रवाई शुरू की जाए: मुख्यमंत्री

शत्रु सम्पत्ति की सुरक्षा, निगरानी व प्रबन्धन के लिए प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किया जाए

सीमावर्ती गांवों एवं जनपदों की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासतों की बेहतर ब्राण्डिंग करते हुए पर्यटन विकास की सम्भावनाओं को आकार दिया जाए

सीमावर्ती क्षेत्रों में निवासरत सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों व अर्धसैनिक बलों के जवानों को ‘सरहद के सिपाही’ के रूप में पहचान देते हुए यहां की व्यवस्था को सुचारु रखने में आवश्यकतानुसार सहयोग लिया जाए

पुलिस परिक्षेत्र के बाद अब प्रदेश के हर जिले में एक साइबर क्राइम थाने की स्थापना की आवश्यकता, राज्य स्तर पर संयुक्त साइबर को-ऑर्डिनेशन टीम गठित की जाए

महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के संकल्प की पूर्ति में ‘सेफ सिटी परियोजना’ अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हो रही

स्मार्ट सिटी परियोजना अन्तर्गत स्थापित इण्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेण्ट सिस्टम से शहरों की सुरक्षा व्यवस्था स्मार्ट हुई

अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबन्धन करते हुए अधिकाधिक शहरों को ‘सेफ सिटी’ के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना तैयार करें, इस प्रकार प्रथम चरण में उ0प्र0 17 सेफ सिटी वाला पहला प्रदेश हो सकेगा

लखनऊ: 02 नवम्बर, 2022

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में स्थित शत्रु सम्पत्तियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी आवश्यक है। कतिपय स्थानों पर अतिक्रमण की भी सूचना है। ऐसे में सभी शत्रु सम्पत्तियों की अद्यतन स्थिति की रिपोर्ट तैयार की जाए। इन्हें अतिक्रमण से मुक्त कराने के लिए गृह विभाग की निगरानी में प्रदेशव्यापी कार्रवाई शुरू की जाए। शत्रु सम्पत्ति की सुरक्षा, निगरानी व प्रबन्धन के लिए प्रमुख सचिव स्तर के अधिकारी को नोडल अधिकारी के रूप में तैनात किया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि अन्तर्राज्यीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित गांवों को ‘वाइब्रेंट’ बनाने के लिए हमें नियोजित प्रयास करने की आवश्यकता है। सीमावर्ती गांवों एवं जनपदों की सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक विरासतों की बेहतर ब्राण्डिंग करते हुए यहां पर्यटन विकास की सम्भावनाओं को आकार दिया जाना चाहिए। स्कूली बच्चों, एन0सी0सी0, एन0एस0एस0 के कैडेट/स्वयंसेवकों को इन क्षेत्रों का भ्रमण कराये जाना चाहिए। इन क्षेत्रों में निवासरत सेवानिवृत्त सैन्य कर्मियों व अर्धसैनिक बलों के जवानों को ‘सरहद के सिपाही’ के रूप में पहचान देते हुए यहां की व्यवस्था को सुचारु रखने में आवश्यकतानुसार सहयोग लिया जाना भी उचित होगा। सीमावर्ती जिलों में केन्द्र व राज्य सरकार की जनहितकारी योजनाओं का 100 प्रतिशत संतृप्तिकरण सुनिश्चित कराया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एन0सी0आर0बी0) द्वारा देश में आपराधिक घटनाओं, दुर्घटनाओं की वास्तविक स्थिति प्रदर्शित करने वाला दस्तावेज तैयार किया जाता है। क्रिमिनल प्रोसीजर (आईडेण्टीफिकेशन) एक्ट 2022 के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए राज्य स्तर पर एक नोडल अधिकारी की तैनाती की जाए। प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित करें कि एन0सी0आर0बी0 के पास शुद्ध, वास्तविक और समयबद्ध आंकड़ों की उपलब्धता हो।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि साइबर सिक्योरिटी के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए पुलिस परिक्षेत्र के बाद अब प्रदेश के हर जिले में एक साइबर क्राइम थाने की स्थापना की आवश्यकता है। यह थाना स्थानीय सुविधानुसार जिलों के रिजर्व पुलिस लाइन में स्थापित किया जा सकता है। राज्य स्तर पर संयुक्त साइबर को-ऑर्डिनेशन टीम गठित की जाए। इस टीम में पुलिस विभाग के अलावा साइबर विशेषज्ञों को भी शामिल किया जाए। विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर प्रस्तुत करें।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि महिला सुरक्षा, सम्मान व स्वावलम्बन के संकल्प की पूर्ति में ‘सेफ सिटी परियोजना’ अत्यन्त उपयोगी सिद्ध हो रही है। प्रदेश में इस परियोजना के माध्यम से लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के अन्तर्गत मॉडर्न कण्ट्रोल रूम, पिंक पुलिस बूथ, आशा ज्योति केन्द्र, सी0सी0टी0वी0 कैमरे, महिला थानों में परामर्शदाताओं के लिए हेल्प डेस्क, बसों में पैनिक बटन व अन्य सुरक्षा उपायों को लागू करने में सहायता मिली है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि स्मार्ट सिटी परियोजना के अन्तर्गत स्थापित इण्टीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेण्ट सिस्टम से शहरों की सुरक्षा व्यवस्था स्मार्ट हुई है। अन्तर्विभागीय समन्वय के साथ कन्वर्जेंस के माध्यम से वित्तीय प्रबन्धन करते हुए अधिकाधिक शहरों को ‘सेफ सिटी’ के रूप में विकसित करने की कार्ययोजना तैयार करें। इस प्रकार प्रथम चरण में उत्तर प्रदेश 17 सेफ सिटी वाला पहला प्रदेश हो सकेगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में मादक पदार्थों के अवैध निर्माण, खरीद-फरोख्त और ड्रग ट्रैफिकिंग के विरुद्ध अभियान को और तेज करने की आवश्यकता है। इस दृष्टि से संवेदनशील जिलों में सतर्कता और इण्टेलीजेंस को और बेहतर करना होगा। अन्तर्राज्यीय व अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर चौकसी बढ़ाई जाए। ड्रग माफिया के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के महत्वपूर्ण सरकारी और निजी भवनों, औद्योगिक प्रतिष्ठानों, धर्म स्थलों, तीर्थ स्थानों, न्यायालयों, मेट्रो रेल आदि की पुख्ता सुरक्षा के लिए ‘उत्तर प्रदेश विशेष सुरक्षा बल’ का गठन किया गया है। केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल की तर्ज पर यू0पी0एस0एस0एफ0 को सशक्त एवं प्रोफेशनल बनाए जाने की आवश्यकता है। इस सम्बन्ध में गृह विभाग द्वारा आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित की जाए।
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