फाइलेरिया, काला –जार उन्मूलन को लेकर हुई चर्चा  

रायबरेली, 12 नवंबर 2022 
एम्स में पाथ संस्था के सहयोग से नेगलेक्टेड ट्रॉपिकल डिजीज (एनटीडी) पर कार्यशाला का आयोजन किया गया | इस मौके पर फ़ाइलेरिया औ काला-जार बीमारियों पर चर्चा की गई | 
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) से डाक्टर नित्यानंद ठाकुर ने कालाजार के खत्म करने के लिए डब्ल्यूएचओ की रणनीति एवं प्रक्रिया पर चर्चा किया। 
पाथ संस्था से डॉ. शोएब अनवर ने बताया कि फाइलेरिया बीमारी के बारे में चर्चा करते हुए बताया कि फाइलेरिया एक मच्छर से फैलने वाली बीमारी है जो हाथीपांव, हाइड्रोलसील और शरीर के अन्य अंगों के असामान्य रूप से बड़े होने के लक्षण के रूप में नज़र आती है। हाथीपांव होने पर इसका कोई इलाज नहीं है और जिला रायबरेली में काफी संख्या में इस बीमारी से संक्रमित लोग हैं।
पाथ से डॉ. इलहाम ज़ैदी ने बताया कि फाइलेरिया से बचने के लिए साल में एक बार जब एमडीए राउंड होता है तो दवा का सेवन जरूर करें, पाँच साल तक लगातार साल में एक बार दवा का सेवन करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है क्योंकि यह एक लाइलाज बीमारी है | इसका अभी तक कोई इलाज नहीं ढूंढा जा सका है।
एम्स रायबरेली की डीन डॉ. नीरज कुमारी ने एनटीडी एवं फाइलेरिया के विषय में परिचय दिया। 
कम्युनिटी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. भोला नाथ ने सुल्तानपुर व रायबरेली जिले में एमडीए के प्रभाव पर की गई रिसर्च पर खुलासा किया।
इस कार्यक्रम में सभी विभागों के प्रोफेसर, डॉक्टर्स, नर्सिंग ऑफिसर एवं एमबीबीएस के छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने