मथुरा।।
वृन्दावन।परिक्रमा मार्ग स्थित ललिता आश्रम में आश्रम के संस्थापक प्रख्यात धर्माचार्य स्वामी दीनदयालु पाण्डेय महाराज का 90 वर्ष की आयु में गोलोक गमन के उपलक्ष्य में श्रृद्धांजलि सभा संपन्न हुई।जिसमें अपने उद्गार के माध्यम से महराजश्री को श्रृद्धांजलि देते हुए उमाशक्ति पीठाधीश्वर स्वामी रामदेवानंद सरस्वती व स्वामी त्रयंबकेश्वर चैतन्य महाराज ने कहा कि पूज्य स्वामी दीनदयालु महाराज धर्म व अध्यात्म जगत की बहुमूल्य विभूति थे।उन्होंने अपनी तेजस्वी वाणी के द्वारा उन्होंने विश्वभर में समस्त धर्म ग्रंथों का प्रचार-प्रसार कर धर्म व अध्यात्म जगत की जो अभूतपूर्व सेवा की है,उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता।
मथुरा-वृन्दावन नगर निगम के उपसभापति पंडित राधाकृष्ण पाठक व आचार्य रामनिहोर त्रिपाठी महाराज ने कहा कि हमारे सदगुरुदेव पूज्य स्वामी दीनदयालु पाण्डेय महाराज अपनी 90 वर्ष की आयु में भी श्रीमद्भागवत व अन्य धर्मग्रंथों की कथाओं के माध्यम से सनातन धर्म की सेवा में पूर्ण निष्ठा व समर्पण भाव से जुटे हुए थे।उनकी दिनचर्या आज भी उनके तमाम शिष्यों के लिए एक आदर्श है।जिसे हम सभी को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व प्रमुख समाजसेवी पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ ने कहा कि स्वामी दीनदयालु पाण्डेय महाराज धर्म सम्राट स्वामी करपात्री महाराज के प्रमुख शिष्य थे।उन्ही की सद्प्रेरणा से उन्होंने अपना समूचा जीवन अध्यात्म की सेवा के लिए समर्पित किया।वे सहजता, सरलता, उदारता व परोपकारिता की प्रतिमूर्ति थे।
श्रृद्धांजलि सभा में विश्वविख्यात भागवताचार्य कृष्णचंद्र शास्त्री ठाकुरजी महाराज, आचार्य चतुरनारायण पाराशर महाराज,शिवकुमार पाण्डेय, हरिहर पाण्डेय, शशांक पाण्डेय, भरत पाण्डेय, लखन पाण्डेय, प्रमुख समाजसेवी योगेश द्विवेदी, पंडित रामनिवास गुरुजी, युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा, राजकुमार शर्मा, शिवांश भाई मिश्र, आचार्य पीठाधीश्वर यदुनन्दनाचार्य, कपिलदेव उपाध्याय, पंडित व्यासनंदन शास्त्री, ईश्वरचंद्र रावत व जयगोपाल शास्त्री आदि ने भी अपने विचार व्यक्त कर महाराजश्री को अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित की।
संचालन आचार्य रामनिहोर त्रिपाठी ने किया।
राजकुमार गुप्ता
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know