दिनांक
२३ नवंबर २०२२ को एमिटी फ़ूड एंड एग्रीकल्चर फाउंडेशन एमिटी यूनिवर्सिटी के
तत्त्वाधान में केले की खेती से सम्बंधित एक दिवशीय कार्यशाला का आयोजन किया गया
जिसमे सीतापुर, बाराबंकी
एवं बहराइच जिले से लगभग २० किसान उपस्थित रहे जो हमारे एमिटी एवं नाबार्ड के
प्रोजेक्ट से जुड़े है
इस
कार्यशाला में कृषि वैज्ञनिको द्वारा केले की फसलों में लगने वाले पनामा विल्ट
बीमारी और उनमे लगने वाले कीटो के बारे में जानकारी तथा उनका प्रबंधन,
मृदा से सम्बंधित, सिंचाई से सम्बंधित और केले में सहफसलो के बारे में
प्रशिक्षण दिया गया डिपार्टमेंट की निदेशक डॉ शालिनी सिंह विषेन ने एमिटी आर्गेनिक फार्म के बारे में
बताया जहा आर्गेनिक विधि द्वारा केले की फसल एवं सब्जियों की खेती की जाती है
कार्यशाला
का उद्देश्य प्रदेश सर्कार की नीतियों के अनुसार किसानो की आय बढ़ने एवं उनकी फसलों
को सुरक्षित करना है तथा प्रशिक्षण देकर किसानो को सशक्त बनाना है
इस
अवसर पर डॉ शालिनी सिंह विषेन (डायरेक्टर एमिटी फ़ूड एंड एग्रीकल्चर फाउंडेशन),
डॉ कमर रहमान (डीन रिसर्च एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ ),
विंग कमांडर डॉ अनिल कुमार तिवारी (सहायक प्रति उप कुलपति
एमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ), प्रो डॉ सुनील धनेश्वर (प्रति उप कुलपति एमिटी यूनिवर्सिटी
लखनऊ), डॉ टी.
दामोदरन (कार्यवाहक प्रमुख वैज्ञानिक ICAR-CSSRI लखनऊ), श्री अमित कुमार सिंह (पौध संरक्षण अधिकारी CIPMC
लखनऊ), डॉ के. के. श्रीवास्तव (प्रधान वैज्ञानिक ICAR-CISH
लखनऊ), डॉ शैलेन्द्र सिंह (वैज्ञानिक के वी के सीतापुर),
डॉ वी. के. चंदेल (EX
HOD उद्यान विभाग नरेंद्र देव यूनिवर्सिटी
अयोध्या) श्री
बद्रीश तिवारी (जे आर एफ नाबार्ड प्रोजेक्ट), श्री अभिनव पाल (जे आर एफ सी एस टी प्रोजेक्ट),
श्री प्रदुम्न वर्मा एवं श्री प्रभात वर्मा आदि मौजूद
रहे।
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