औरैया // यातायात माह की मंगलवार से शुरुआत हो गई है नियमों से लोगों को जागरूक किया जा रहा है, पर समाधान नहीं होता है हालात यह है कि शहर में न तो ट्रैफिक सिग्नल हैं और न ही सड़क पर जेब्रा क्रॉसिंग। अवैध वाहन स्टैंड और अनाधिकृत वाहन पार्किंग भी जाम के लिए मुसीबत बने हुए हैं सिर्फ कागजी कार्रवाई करते हुए अभियान पूरा किया जा रहा है ऐसे में सड़क दुर्घटनाओं को रोकना और जागरुकता अभियान भी बेमकसद साबित होता है नवंबर माह को यातायात माह के रूप में मनाया जाता है। ताकि लोगों को यातायात नियमों के प्रति जागरूक करते हुए सड़क हादसों में कमी लाई जा सके। यातायात माह आते जाते रहे, लेकिन, शहर में यातायात की व्यवस्था नहीं बदल सकी। शहर के सबसे व्यस्ततम चौराहा सुभाष चौक, जेसीस चौराहा, दिबियापुर तिराहा पर ट्रैफिक व्यवस्था चरमराई हुई है सुभाष रोड से लेकर दिबियापुर रोड पर वाहनों का आवागमन अधिक होने के कारण अक्सर जाम की स्थिति रहती है। रोक के बाद भी इन मार्गों पर अवैध वाहन स्टैंड लगे हैं कुछ चौराहों पर लगे सीसीटीवी कैमरे भी खराब पड़े हैं नगर पालिका, लोक निर्माण विभाग, परिवहन विभाग, पुलिस विभाग को दी गई जिम्मेदारियां नहीं निभाई जा रही है इसकी बानगी खुद शहर के चौराहे व सड़कें बनी हुई हैं नगर पालिका व लोक निर्माण विभाग उदासीन शहर में यातायात व्यवस्था दुरुस्त रहे, इसके लिए सड़क सुरक्षा की बैठकों में कई बार मुद्दे उठे जिसमें सड़कों पर ब्रेकर, जेब्रा क्रासिंग बनवाने, खराब सड़कें मरम्मत कराने, सिग्नल, संकेतांक लगाने के निर्देश नगर पालिका व पीडब्ल्यूडी विभाग को दिए गए, लेकिन अफसरों ने इसे भी अनदेखा कर रखा है शहर में कहीं पर भी इन नियमों का पालन नहीं हो रहा है आड़े तिरछे वाहनों के चलने और पैदल राहगीरों को परेशानी उठानी पड़ती है और खतरा बना हुआ है।
औरैया :- सिर्फ कागजों पर चलता है अभियान, समस्याओं का समाधान समय पर नहीं होता।
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