गोरखपुर  अक्षय (ऑवला) नवमी
हिंदू धर्म में कार्तिक मास का काफी अधिक महत्व है। क्योंकि इस माह में कई बड़े व्रत त्योहार आते हैं। इसी तरह कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अक्षय नवमी या आंवला नवमी के नाम से जानते हैं। इस दिन भगवान विष्णु के साथ आंवले के पेड़ की विधिवत पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस आंवले के पेड़ में श्री हरि विष्णु वास करते हैं। 
 इसी कारण अच्छे स्वास्थ्य और सुख-समृद्धि के लिए आंवले के पेड़ की पूजा करते हैं। इसके साथ ही सपरिवार पेड़ के नीचे बैठकर सात्विक भोजन करते हैं। 
माना जाता है कि इस दिन आंवला के पेड़ की पूजा करने के साथ-साथ इस व्रत कथा का पाठ अवश्य करना चाहिए। ऐसा करने से भगवान विष्णु के साथ-साथ मां लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं। स्वास्थ्य के लिए आंवले को बेहद फायदेमंद माना जाता है। आंवले में तमाम औषधीय तत्‍व पाए जाते हैं, जो कई रोगों से बचाने में मददगार हैं। आयुर्वेद में आंवले को कुदरत का वरदान माना गया है।
आंवला विटामिन-सी, कैल्शियम,एंटीऑक्‍सीडेंट्स, आयरन,पोटैशियम जैसे तमाम पोषक तत्‍वों का खजाना है । आंवला में मौजूद गुण शरीर की इम्‍यूनिटी बढ़ाते हैं और साथ ही कई बीमारियों को

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