मथुरा।।
वृन्दावन।बाग बुंदेला स्थित किशोरवन में प्रख्यात संत हरिराम व्यास महाराज का 512 वां त्रिदिवसीय प्राकट्योत्सव विभिन्न धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ प्रारम्भ हो गया है।इस अवसर पर महाराजश्री द्वारा रचित "श्रीव्यास वाणी" का संतों द्वारा समाज गायन,बधाई एवं प्रवचन आदि के कार्यक्रम किए जा रहे हैं।
किशोरवन के सेवायत व्यास वंशोद्भव आचार्य घनश्याम किशोर गोस्वामी व भागवताचार्य जयकिशोर गोस्वामी ने कहा कि प्रख्यात संत हरिराम व्यास महाराज श्रीविशाखा सखी के अवतार थे।उन्होंने किशोरवन में साधनामय जीवन जीते हुए भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी की अलौकिक लीलाओं का दर्शन किया।साथ ही उन लीलाओं के आधार पर अनेकों पदों की रचनाएं की। "श्रीव्यास वाणी" उनका प्रख्यात ग्रंथ है।
वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व महंत मधुमंगल शरण शुक्ल ने कहा कि संत प्रवर हरिराम व्यास महाराज अपना राजसी वैभव त्याग कर भगवद साधना के लिए श्रीधाम वृन्दावन चले आए थे।उन्होंने यहां रहते हुए असंख्य व्यक्तियों को धर्म व अध्यात्म से जोड़ा।व्यासजी महाराज ब्रज के "हरित्रयी" संतों (स्वामी हरिदास महाराज, हरिराम व्यास महाराज व श्रीहित हरिवंश महाप्रभु) में से एक थे।चूंकि माघ कृष्ण पंचमी को व्यासजी का प्राकट्य हुआ था, इसलिए यह तिथि व्यास पंचमी के नाम से जानी जाती है।
इस अवसर पर हितकिशोर गोस्वामी, ललित किशोर गोस्वामी, उत्कर्ष किशोर गोस्वामी, डॉ. भागवत कृष्ण नांगिया एवं युवा साहित्यकार डॉ. राधाकांत शर्मा आदि उपस्थित रहे।संचालन आचार्य जयकिशोर गोस्वामी ने किया।
राजकुमार गुप्ता
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