उ0प्र0 अनुसचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन डॉ0 लालजी प्रसाद निर्मल ने सर्किट हाउस, जनपद वाराणसी में प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित किया
प्रधानमंत्री जी और मुख्यमंत्री जी ने महत्वाकांक्षी योजनाओं को जमीनी स्तर पर पहुँचाकर अनुसूचित जातियों के लिए आर्थिक सशक्तीकरण हेतु बड़ा कदम उठाया

उ0प्र0 अनुसचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन ने
जनपद वाराणसी की तहसील राजातालाब के बेहड़ा पावर हाउस
मुसहर बस्ती में मुसहर समाज के लोगों को सम्बोधित किया

प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी अनुसूचित जाति के
नागरिकों के लिए विघ्नविनाशक के रूप में अवतरित हुए

प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, सौभाग्य योजना,
प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत मिशन जैसी परिवर्तनगामी योजनाओं
के माध्यम से अनुसूचित जाति के लोगों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया

लखनऊ: 01 नवम्बर, 2022: भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने महत्वाकांक्षी योजनाओं को जमीनी स्तर पर पहुँचाकर अनुसूचित जातियों के लिए आर्थिक सशक्तीकरण हेतु बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री जी द्वारा संचालित स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत शौचालय निर्माण की कार्यवाही ने सदियों से चली आ रही हाथ से मैला उठाने की प्रथा पर पूर्णतः विराम लगा दिया है। प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना (पी0एम0 अजय) अनुसूचित जातियों का सामूहिक आर्थिक सशक्तीकरण कर सदियों से चले आ रहे दंश को समाप्त करेगी।
उ0प्र0 अनुसचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन डॉ0 लालजी प्रसाद निर्मल ने आज जनपद वाराणसी के सर्किट हाऊस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह विचार व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि अब उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की योजनाएं प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना के नाम से जानी जाएंगी। इस योजना के अन्तर्गत अनुसूचित जाति बाहुल्य गावों में प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना संचालित होगी। अनुसूचित जाति बाहुल्य क्षेत्रों में समूहों/क्लस्टर के रूप में अनुसूचित जाति के उद्यमी बनाने हेतु आय-सृजक योजनाएं चलायी जाएंगी। आय-सृजन हेतु आवश्यक निर्माण भी कराये जायेंगे। पी0एम0 अजय योजना के तहत अनुसूचित जाति के छात्रों हेतु नये छात्रावासों का निर्माण होगा तथा पुराने छात्रावासों का नवीकरण/सुदृढ़ीकरण कराया जाएगा।
डॉ0 निर्मल ने बताया कि उ0प्र0 अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की योजनाओं में पात्रता हेतु अभी तक ग्रामीण क्षेत्रों में वार्षिक आय सीमा 47,080 रुपये तथा शहरी क्षेत्रों में 56,460 रुपये तथा अनुदान की धनराशि 10,000 रुपये निर्धारित थी। जुलाई 2018 में मुख्यमंत्री जी ने आय सीमा एवं अनुदान सीमा में वृद्धि करने हेतु भारत सरकार से अनुरोध किया था। केन्द्र सरकार ने व्यापक मंथन करके अब पात्रता हेतु आय सीमा और अनुदान में बड़ा बदलाव किया है। इन योजनाओं में अब वार्षिक आय को सीमामुक्त (सभी के लिए) करते हुए 2.50 लाख रुपये से कम वार्षिक आय के लोगों को योजनाओं में प्राथमिकता देने की व्यवस्था की गयी है। अनुदान राशि 10,000 के स्थान पर अब सहायता राशि 50,000 रुपये प्रति लाभार्थी दी जायेगी।
डॉ0 निर्मल ने बताया कि अनुसूचित जाति के व्यक्तियों को उद्यम स्थापित करने के लिए लाभपरक परियोजनाओं के माध्यम से उनका आर्थिक सशक्तीकरण किया जायेगा और इस हेतु अनुसूचित जाति के व्यक्तियों के क्लस्टर/समूहों/समितियों का चयन किया जायेगा। इन समूहों द्वारा प्रस्तुत परियोजनाओं के सफल संचालन के लिए उनकी समयबद्ध प्रशिक्षण की व्यवस्था की गयी है। व्यक्तिपरक परियोजनाओं की जगह दलितों के समूहों को उद्यमी बनाया जायेगा।
डॉ0 निर्मल ने बताया कि लाभार्थियों के प्रोजेक्ट बनाने के लिए प्रशिक्षण दिलाने तथा उनके उद्यम पर निगरानी रखने के लिए पी0आई0यू0 (प्रोजेक्ट इम्प्लीमेण्टेशन यूनिट) की व्यवस्था राज्य और जनपद स्तर पर की गयी है, जिसमें प्रोजेक्ट ऑफिसर, प्रोजेक्ट टेक्निकल असिस्टेंट, प्रोजेक्ट कम्प्यूटर असिस्टेंट तथा राज्य स्तर पर स्टेट को-ऑर्डीनेटर एवं स्टाफ की व्यवस्था की गयी है। इन लाभार्थियों के उत्पादों को बाजार प्रदान करने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गयी है। इस हेतु बड़े-बड़े उद्यमी समूहों से संवाद भी किया जा रहा है।
डॉ0 निर्मल ने बताया कि प्रदेश में 6,171 अनुसूचित जाति बाहुल्य गावों को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित किये जाने की व्यवस्था की गयी है, जिसमें सारी सुविधाएं उपलब्ध रहेंगी। सरकार द्वारा प्रत्येक चयनित गांव में 20 लाख रुपये की राशि से विकास कार्य कराये जायेंगे और अवशेष कार्य विभिन्न विभागों के माध्यम से कराये जायेंगे। इन गावों में क्लस्टर के रूप में चिन्हित लाभार्थियों को उद्यम लगाने हेतु आवश्यक निर्माण भी कराया जायेगा।
डॉ0 निर्मल ने बताया कि प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना के अन्तर्गत प्रदेश में 06 नये बाबू जगजीवन राम छात्रावासों का निर्माण कराया जायेगा तथा वर्तमान में निर्मित/संचालित 261 बाबू जगजीवन राम छात्रावासों में से मरम्मत योग्य छात्रावासों के मरम्मत का कार्य कराया जायेगा। छात्रावासों के निर्माण हेतु प्रति अंतःवासी 03 लाख रुपये का व्यय सरकार द्वारा वहन किया जायेगा। फर्नीचर हेतु 5,000 रुपये प्रति अंतःवासी की दर से धनराशि उपलब्ध करायी जायेगी। बालिका छात्रावासों के निर्माण हेतु उन क्षेत्रों का प्राथमिकता दी जायेगी जहां बालिकाओं की साक्षरता दर कम है।
डॉ0 निर्मल ने बताया कि बालिका छात्रावासों में महिला सुरक्षा गार्ड और महिला छात्रावास अधीक्षिका की नियुक्ति की जायेगी। पुराने छात्रावासों की मरम्मत हेतु 50 अंतःवासी छात्रों की क्षमता वाले छात्रावासों के लिए 05 लाख रुपये, 100 अंतःवासी छात्रों की क्षमता वाले छात्रावासों के लिए 10 लाख रुपये तथा 150 अंतःवासी छात्रों की क्षमता वाले छात्रावासों के लिए 15 लाख रुपये खर्च किये जायेंगे। अनुसूचित जाति के लिए आजादी के बाद पहली बार दलित आर्थिक एजेण्डा के रूप में स्टैण्ड-अप इण्डिया योजना के बाद प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना लागू की गयी है, जो अनुसूचित जाति के लोगों को आर्थिक रूप से सशक्त करेगी।
वाराणसी भ्रमण के दौरान उ0प्र0 अनुसचित जाति वित्त एवं विकास निगम के चेयरमैन डॉ0 लालजी प्रसाद निर्मल ने जनपद की तहसील राजातालाब के बेहड़ा पावर हाउस मुसहर बस्ती में मुसहर समाज के लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी एवं मुख्यमंत्री जी अनुसूचित जाति के नागरिकों के लिए विघ्नविनाशक के रूप में अवतरित हुए हैं। इन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना, मुख्यमंत्री आवास योजना, सौभाग्य योजना, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, स्वच्छ भारत मिशन जैसी परिवर्तनगामी योजनाओं के माध्यम से अनुसूचित जाति के लोगों के कल्याण का मार्ग प्रशस्त किया है। अब प्रधानमंत्री अनुसूचित जाति अभ्युदय योजना तथा मुख्यमंत्री अभ्युदय योजना के माध्यम से अनुसूचित जाति के लोग शिक्षा और रोजगार में युगान्तकारी बदलाव की दिशा में आगे बढ़ेंगे तथा बड़े रोजगारी बन सकेंगे।
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