*👉मिल्कीपुर सीएचसी पर तैनात लिपिक नहीं आता कार्यालय, लोगों को दिक्कत*
*अयोध्या*
मिल्कीपुर सीएचसी पर अव्यवस्थाओं का बोलबाला है। सीएचसी अधीक्षक सहित अन्य कर्मी ज्यादातर अस्पताल से गायब ही रहते हैं। सीएचसी पर केवल दलालों का ही रुतबा देखने को मिलता है। यही वजह है कि स्वास्थ्य केन्द्र पर आने वाले मरीजों को असुविधाओं से रूबरू होना पड़ता है।
पिछले 7 मार्च से लेकर 10 मार्च 2022 तक हुए प्रशिक्षण दिया गया था। यह प्रशिक्षण अपर जिला रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु)/मुख्य चिकित्सा अधिकारी द्वारा दिया गया था। प्रशिक्षण के बाद एमसीटीएस ऑपरेटरों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर पोर्टल पर कार्य करने के लिए तैनाती की गई थी। सीएमओ द्वारा बीते 8 मार्च को सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों के अधीक्षकों को पत्र भेजकर निर्देशित किया था कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीन होने वाले समस्त संस्थागत जन्म एवं मृत्यु को 21 दिन के भीतर सीआरएम पोर्टल पर पंजीकृत करके लाभार्थियों को प्रमाण पत्र निर्गत किया जाए। लेकिन स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक एवं स्वास्थ्य पर्यवेक्षक के पद पर तैनात डीपी यादव के मनमानी के चलते ऑपरेटरों द्वारा जन्म व मृत्यु प्रमाणपत्रों को न बनवा कर स्वयं बनाया जा रहा है।
बताते चलें कि स्वास्थ्य पर्यवेक्षक डीपी यादव के अवकाश पर होने से विगत एक महीने से कार्यालय में ताला लटक रहा है। वहीं कार्यालय में लिपिक के पद पर चंद्रभूषण तिवारी की तैनात हैं लेकिन उनके कभी दर्शन नहीं होते हैं।
इसके कारण कार्यालय में ताला बंद रहता है। जिससे आशा बहू तथा स्थानीय लोगों को जन्म, मृत्यु तथा गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण ना होने से खाते में सरकार द्वारा दी जाने वाली धनराशि नहीं पहुंच रही है। लोगों ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक अहमद ए हसन किदवई की मिलीभगत से लिपिक का प्रतिमाह का वेतन निकाला जा रहा है।
कार्यालय में विगत दिनों से लिपिक के अभाव में ताला लटक रहा है। जनपद में डेंगू का कहर चौतरफा जारी है लेकिन यहां उपचार की कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
एक टिप्पणी भेजें
If you have any doubts, please let me know