उत्तर प्रदेश/श्रीमद् भागवत कथा में प्रवचन करते हुए कथावाचक श्री पुरुषोत्तम दास जी महाराज ने बताया कि अहंकार के चलते ब्रजवासियों को कष्ट पहुंचाने की मंशा से राजा इंद्र द्वारा कराई गई अतिवृष्टि से गिरिराज को उठाकर न केवल उनकी रक्षा की और इंद्र पर कृपा करके उनके अहंकार को नष्ट किया। उन्होंने बताया कि जिस प्रकार से अच्छी तरह से बनाई गई खीर में नींबू रस गिर जाने से खीर फट जाती है और बेकार हो जाती है।
उसी प्रकार से सारी अच्छाइयां होने के बाद भी मनुष्य को यदि अहंकार हो जाए तो उसकी सारी अच्छाइयां बेकार हो जाती हैं।
फ्रैंड्स कॉलोनी गाजियाबाद में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में भक्तों की भीड़ एकत्र रही।
समय-समय पर धार्मिक अनुष्ठान कराते रहें
कथावाचक ने भागवत का प्राण कहा जाने वाला पावन रास पंचाध्याई को सुंदर गीतो के माध्यम से बड़ा सुंदर मनोहारी चित्रण किया। जिससे सभी श्रोता मंत्र मुग्ध हो गए। पावन रास में भाग लेने के लिए गोपियों के साथ भगवान भोले नाथ भी घर परिवार को छोड़कर आ गए थे। कथावाचक ने अपने वाचन में लगातार भक्तो को गौसेवा,धार्मिक एवं सांस्कृतिक क्रियाकलाप,यज्ञ आदि का समय समय पर आयोजन करने के लिए प्रेरित किया।
उमेश चंद्र तिवारी
9129813351
हिंदी संवाद न्यूज
उत्तर प्रदेश
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