खुटहन। आत्महत्या को विवश करने तथा धमकी देने के आरोपित एडवोकेट की नहीं हो सकी गिरफ्तारी

खुटहन,जौनपुर। मेढ़ा गांव निवासी युवक को आत्महत्या करने के लिए विवश‌ करने वाले व बगल गांव गजेन्द्रपुर के एक ब्यक्ति को फोन पर धमकी देने वाले एडवोकेट और उनकी महिला मित्र पर शासन के दबाव के चलते भले ही पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। लेकिन घटना को सप्ताह भर से अधिक बीत जाने के बाद किसी भी आरोपित को पुलिस हिरासत में नहीं ले पाई है। हालांकि पुलिस का दावा है कि बहुत जल्द गिरफ्तारी कर ली जाएगी।

ज्ञात हो कि गत 3 नवंबर को मेढ़ा गांव निवासी दीपक दूबे उर्फ आकर्ष ने अपने कमरे में तमंचा से गोली मार खुद को उड़ा दिया था। पीएम के बाद शव को घर लाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया। घटना में एक नया मोड़ बीते 6 नवंबर को तब आया जब गजेन्द्रपुर गांव निवासी सुनील मिश्रा को एडवोकेट राजनाथ यादव व उनकी महिला मित्र बिजय लक्ष्मी गौतम ने फोन कर धमकी दिया। फोन पर जातिगत टिप्पणी करते हुए कहा दीपक दूबे को तमाम फर्जी मुकदमे लाद उसे आत्महत्या को मजबूर कर दिया। वैसे तुम्हारे साथ भी करूंगा। फिलहाल इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित आडियो का हिन्दी संवाद पुष्टि नहीं करता है। आडियो प्रसारित होते ही इसे शासन प्रशासन ने भी संज्ञान में ले लिया। सुनील मिश्रा की तहरीर पर छह नवंबर को ही पुलिस ने विभिन्न धाराओं में एडवोकेट व उसकी महिला मित्र पर केस दर्ज कर लिया। इसी मामले को लेकर गत सात नवंबर को अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा रा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित राजेन्द्र नाथ त्रिपाठी मेढ़ा गांव पहुंच गए। उन्होंने मृतक के स्वजनों से मुलाकात के बाद आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर दर्जनों कार्यकर्ताओं संग खुटहन चौराहे पर पहुंच धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। घंटों तक चली नारेबाजी के बीच मौके पर एसडीएम शाहगंज व क्षेत्राधिकारी भी पहुंच गए। आश्वासन के बाद धरना प्रदर्शन तो समाप्त कर दिया गया। इधर कई दिन बीत जाने के बाद भी गिरफ्तारी न होने से पीड़ित पक्ष में नाराजगी है। उधर प्रभारी निरीक्षक इंस्पेक्टर किशोर कुमार चौबे का कहना है कि आईपीसी धारा 306 के तहत आरोप लगाने वाले का बयान दर्ज नहीं हो सका है। जिसके चलते गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है।

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