पिछले दो वर्षों में ईंट के दाम बढ़ने के कारण लोगों को अपना मकान बनाने के लिए महंगाई का सामना करना पड़ रहा है, ईंट भट्ठा संचालकों का कहना है कि ईंट को पकाने के लिए प्रयुक्त होने वाले कोयले की कीमत में दोगुना बढ़ोतरी होने से ईंट के दाम बढ़ाने पड़े हैं ।
साथ ही साथ गांव से लेकर शहर तक हो रहे निर्माण कार्यों में भी इसका असर पड़ रहा है, वर्ष 2019 में ईंट का दाम दस हजार रुपये प्रति ट्रॉली था जिसमें 2000 ईंट होती थी, जो कि वर्ष 2020 में 12 हजार हो गया था ईंट की कीमत में अचानक आए दिन बढ़ोतरी के कारण इस समय 16000 रुपये प्रति ट्रॉली हो गया है, ईंट भट्ठा संचालक अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि ईंट पकाने में प्रयुक्त होने वाले कोयले के दाम एक वर्ष के दौरान दोगुनी हो गई है, इससे ईंट निर्माण की लागत बढ़ गई है, जो कोयला 11 हजार रुपये प्रति मीट्रिक टन मिलता था वह आज 20 हजार रुपये मीट्रिकटन मिल रहा है जिस कारण ईंटों के दामों में बढ़ोतरी करना पड़ रहा है,
ईंट खरीददार राधेश्याम का कहना है कि जब घर बनाना शुरू किया था तब ईंट सस्ती थी लेकिन अब बेतहाशा मूल्य वृद्धि के कारण मकान निर्माण पूर्ण करने की हिम्मत नहीं हो पा रही है,
ईंट का सरकारी मूल्य कम होने और बाजार दर अधिक होने के कारण सरकारी निर्माण कार्यों पर भी असर पड रहा है,
ठेकेदार भी अब सरकारी मूल्य और बाजार मूल्य में काफी अन्तर होने के कारण विकास कार्यों को कराने से कतरा रहे हैं।
पी डब्ल्यू डी जेई का कहना है कि A क्लास ईंट का मूल्य 12000 रुपये प्रति ट्रालि जब कि B क्लास ईंट का मूल्य 11 हजार रुपये प्रति ट्राली शासन के निर्देश पर विभाग द्वारा निर्धारित किया गया है ।
असगर अली
उतरौला
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