जौनपुर। अपनों की याद अमेरिका से जौनपुर खींच लाई,परिवार को पाया तो छलके खुशी के आंसू

करीब 6 दशक पहले मां-बाप के साथ अमेरिका चला गया था शख्‍स. अचानक चढ़ा वतन वापसी का खुंमार तो अपनों से मिलने जौनपुर पहुंचा पत्‍नी संग शख्‍स.   

जौनपुर। करीब छह दशक पहले मां-बाप के साथ अमेरिका गए एक शख्‍स को अपने वतन वापसी का खुंमार चढ़ा तो किसी की एक न सुनी। शख्‍स अपनी पत्‍नी के साथ घर का पता पूछते-पूछते जौनपुर के मछलीशहर पहुंच गया। आखिर में परिवार की तलाश होने पर उसकी खुशी का ठिकाना न रहा। परिवार के सदस्‍यों से मिलकर गदगद हो गया। अब अमेरिका से लौटा दंपत्ति परिवार को तलाश कर खुश है।

पत्‍नी को लेकर वतन वापसी की-

दरअसल, जौनपुर के मछलीशहर निवासी असलम के पिता 60 साल पहले नौकरी और कुछ करने की चाहत लेकर अमेरिका चले गए। इस बीच अपने मां-बाप से असलम ने अपने पैतृक गांव मछलीशहर के बारे में कहानियां सुनता रहा। अचानक असलम को वतन वापसी का खुंमार चढ़ा, असलम ने अपनी पत्‍नी अलमास बानो को तैयार कर वतन वापसी का फैसला किया। लेकिन असलम के पास अपने पुरखों के नाम के अलावा कुछ नहीं पता था, कुछ दिन पहले ही असलम अपनी पत्‍नी के साथ गृह जनपद मछलीशहर पहुंच गया।

काफी खोजबीन के बाद मिल गया परिवार-
 
मछलीशहर पहुंचने पर उनकी मुलाकात वहीं के रहने वाले वकील प्रेम चंद्र विश्‍वकर्मा से हुई,असलम ने प्रेम चंद्र के साथ मिलकर अपने घरवालों का पता लगाने की कोशिश की। इसके बाद प्रेम चंद्र और असलम पुरखों का नाम लेकर तलाश शुरू कर दी,इस दौरान उनकी मुलाकात इकबाल कुरैशी से हुई। इस बीच बड़े बुजुर्गों को एकत्रित किया गया और असलम के पुरखों के बारे जानकारी ली गई। काफी खोजबीन के बाद पता चला कि असलम इकबाल के ही परिवार का है, जो 60 साल पहले चला गया था।

नगर भ्रमण कर पैतृक आवास गए-

जब असलम को अपने परिवार के बारे में पता चला कि वह गदगद हो गए। असलम अब अपने परिवार से मिलकर खुश है, इसके बाद इकबाल ने असलम और उनकी पत्नी को सम्मान सहित अपने घर ले जाकर आवभगत कर जामा मस्जिद, शाही रोड, जरी इमामबाड़ा ले गए. नगर भ्रमण के बाद इकबाल असलम को उनकी पैतृक आवास ले गए। असलम ने बताया कि आज मैं अपने परिवार के साथ हूं यह पल सदैव याद रहेगा।

पत्‍नी बोली, अर्से की तमन्‍ना पूरी हुई-
 
वहीं, असलम की पत्नी अलमास बानो ने कहा कि आज मैं अपने पति के वतन लौटकर खुश हूं, उनकी इच्‍छा वतन वापसी हम लोग अपने श्वसुर और उनके पिता के मुख से जौनपुर जिले के मछलीशहर में अपना वतन होना सुनी थी, लेकिन कभी देखा नहीं था। अर्से से वतन आने की तमन्ना थी जो आज पूरी हो गई, इस दौरान इकबाल ने कहा कि आज मैं अपने परिवार को अपने बीच पाकर बहुत खुश हूं।

Post a Comment

If you have any doubts, please let me know

और नया पुराने