मथुरा।।
वृन्दावन।वंशीवट क्षेत्र स्थित श्रीनाभापीठ सुदामा कुटी में श्रीरामानंदीय वैष्णव सेवा ट्रस्ट के तत्वावधान में इन दिनों ठाकुर कौशल किशोर भगवान का त्रिदिवसीय 50 वाँ पाटोत्सव, श्रीसीताराम विवाह महोत्सव एवं नाभापीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज का आविर्भाव महोत्सव अत्यंत धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है।जिसमें ठाकुर कौशल किशोर भगवान के नित्य नवीन भव्य श्रृंगार व छप्पन भोग निवेदित किए जा रहे हैं।साथ ही श्रीसीताराम विवाह की लीला का अत्यंत नयनाभिराम व चित्ताकर्षक मंचन मथुरा की प्रख्यात रामलीला मंडली के द्वारा हो रहा है।इसी के अंतर्गत समूचे नगर में भगवान श्रीराम की बारात अत्यंत धूमधाम व गाजे - बाजे के साथ निकाली गई।जिसका नगर वासियों ने जगह- जगह पुष्प वर्षा करके व आरती उतार के स्वागत किया। कई बैंडों के मध्य मधुर भजनों व पदों का गायन किया गया।रंग-बिरंगी आतिशबाजी चलाई गई।साथ ही रुपए, कपड़े, बर्तन, मेवा-मिष्ठान, खिलौने आदि लुटाए गए।
तत्पश्चात संत-विद्वत सम्मेलन का आयोजन किया गया।जिसकी अध्यक्षता करते हुए संत प्रवर गोविंदानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि सुदामा कुटी भगवद साधना के अलावा  समाजसेवा में भी अग्रणीय है।यहां संतों, विप्रो,निर्धनों, निराश्रितों व पशु-पक्षियों की सेवा नारायण सेवा की भांति की जाती है।
पीपाद्वाराचार्य बाबा बलरामदास देवाचार्य महाराज व महामंडलेश्वर नवल गिरि महाराज ने कहा कि नाभापीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज अपने सदगुरुदेव गोलोकवासी सुदामा दास महाराज की परम्परा का निर्वाह पूर्ण निष्ठा व समर्पण के साथ कर रहे हैं उन्होंने अपने सदगुरुदेव के द्वारा छोड़ी गई विरासत का निरन्तर संवर्धन व उन्नयन किया है और कर रहे हैं।
ब्रज साहित्य सेवा मंडल के अध्यक्ष डॉ. गोपाल चतुर्वेदी व पुराणाचार्य डॉ. मनोजमोहन शास्त्री ने कहा कि सुदामा कुटी लोक कल्याण के कार्य करने के लिए विश्व प्रसिद्ध है।श्रीधाम वृन्दावन में आने वाला प्रत्येक निर्धन,निराश्रित व असहाय व्यक्ति सुदामा कुटी में ही आश्रय पाता है।
इस अवसर पर श्रीमहंत फूलडोल बिहारीदास महाराज, श्रीमहंत अमरदास महाराज, श्रीमहंत राघव दास महाराज (काशी), पंडित बिहारीलाल वशिष्ठ, संगीताचार्य देवकीनंदन शर्मा,महंत हरिबोल बाबा महाराज, अशोक व्यास रामायणी, विपिन बापू, डॉ. राधाकांत शर्मा, डॉ. अनूप शर्मा, नेत्रपाल शास्त्री, महंत जगन्नाथ दास शास्त्री,महंत रामसंजीवन दास शास्त्री महाराज, डॉ. कृष्ण मुरारी महाराज, रसिक शर्मा, महामंडलेश्वर राधाप्रसाद देव जू महाराज, महंत मोहिनी बिहारी शरण महाराज,महंत रामदास महाराज, मोहन शर्मा, निखिल शास्त्री, गोपेश महाराज आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
श्रीनाभापीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी सुतीक्ष्णदास देवाचार्य महाराज ने सभी संतों व विद्वानों का शॉल ओढ़ाकर व स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया।
संचालन डॉ. मनोज मोहन शास्त्री व रामसंजीवन दास महाराज ने संयुक्त रूप से किया।

राजकुमार गुप्ता 

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