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बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में बच्चों को बेहतर
ढंग से शिक्षा प्रदान किये जाने का कार्य किया जा रहा है
प्रदेश के 20 जिलों में उच्च माध्यमिक कम्पोजिट एवं कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में जलवायु परिवर्तन से जुडी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया गया
उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के स्कूलों में जलवायु परिवर्तन
सम्बन्धी जागरूकता कार्यक्रम कराये जाये
पढ़ाई के साथ-साथ जल वायु परिवर्तन में जागरूकता लाने का
जो कार्य किया जा रहा है, यह सराहनीय कार्य है
जलवायु परिवर्तन से सम्बन्धी लघु फिल्म व बच्चों द्वारा
लघु नाटक का मंचन किया गया
-प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा श्री दीपक कुमार
लखनऊ: 18 नवम्बर, 2022
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव श्री दीपक कुमार ने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री जी के दिशा-निर्देशन में बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा संचालित विद्यालयों में बच्चों को बेहतर ढंग से शिक्षा प्रदान किये जाने का कार्य किया जा रहा है। बच्चों की शिक्षा में बेहतर सुधार हो रहा है। उन्होने कहा कि यूनीसेफ के सहयोग से प्रदेश के 20 जिलों में उच्च माध्यमिक कम्पोजिट एवं कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में जलवायु परिवर्तन से जुडी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन करते हुए बच्चों एवं अभिभावकों में जागरूकता लाने का कार्य किया गया। उन्होने कहा कि इस तरह के कार्यक्रमों से बच्चों में जागरूकता आयेगी इसलिये उत्तर प्रदेश के सभी जिलों के स्कूलों में जलवायु परिवर्तन सम्बन्धी जागरूकता कार्यक्रम कराये जाये। जिससे जलवायु परिवर्तन के बारे में बच्चों एवं अभिभावकों में जागरूकता आयेगी और लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
यह बातें श्री दीपक कुमार प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा ने आज इन्दिरा गांधी प्रतिष्ठान में विश्व बाल दिवस के उपलक्ष्य में जलवायु परिवर्तन के सम्बन्ध में बेसिक शिक्षा विभाग एवं यूनीसेफ के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में कही। उन्होने कहा कि आज यहां बच्चों के बीच में आकर बहुत खुशी हो रही है। बच्चों द्वारा जल वायु परिवर्तन के सम्बन्ध में बच्चों द्वारा बनाए गए पोस्टर का भी प्रदर्शन किया गया जो सराहनीय है, पढ़ाई के साथ-साथ जल वायु परिवर्तन में जागरूकता लाने का जो कार्य किया जा रहा है। यह एक सराहनीय कार्य है। उन्होने कहा कि आज के इस कार्यक्रम में बच्चों द्वारा कहा गया कि जल वायु परिवर्तन हमारे पाठ्यक्रम का हिस्सा होना चाहिए, हमारे शिक्षकों को इसकी ट्रेनिंग दी जाये ताकि वे हमें जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए तथा उसे रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने की प्रेरणा दे सके। हमारी सरकार को यह सुनिश्चति करना चाहिए कि जो बच्चे बाढ़ या सूखे के कारण आम क्षेत्रों में पलायन करते है वे अपनी शिक्षा को जारी रख सके। हम ऐसे वातारण में रहना चाहते है जो स्वच्छ, हरित और स्वस्थ्य हो, हमें पीने के लिए सुरक्षित पानी मिलना चाहिए, लड़कियों, लड़कों और विकलांग बच्चों के लिए अलग-अलग चालू हालत में स्वच्छ शौचालय होने चाहिए, सभी शौचालयों में पानी और साबुन होना चाहिए, हर स्कूल में खेल का मैदान तथा हर स्कूल में आग बुझाने वाला यन्त्र सम्बन्धी किट होनी चाहिए। इस पर उन्होने कहा कि बच्चों द्वारा जो बाते कहीं गई है उसमें ज्यादातर व्यवस्थायें स्कूलों में उपलब्ध है जो नहीं होगी उन व्यवस्थाओं को कराये जाने का प्रयास किया जायेगा। इस अवसर पर प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा श्री दीपक कुमार ने OUR YOUNG CLIMATE WARRIORS नामक पुस्तक का विमोचन भी किया तथा जलवायु परिवर्तन से सम्बन्धी लघु फिल्म व पूर्व माध्यमिक विद्यालय महमूदपुर ब्लाक गोसाईगंज, लखनऊ के बच्चों द्वारा लघु नाटक का मंचन किया गया।
महानिदेशक स्कूल शिक्षा श्री विजय किरण आनंद ने कहा, कि “बच्चों ने जलवायु परिवर्तन को पाठ्यक्रम की मुख्य धारा से जोड़ने की बात कही है, जिस पर विचार किया जायेगा और जलवायु परिवर्तन के संबंध में बच्चों द्वारा बनाये गये पोस्टर का भी प्रदर्शन किया गया जो सराहनीय है।
कार्यक्रम में यूनिसेफ, नई दिल्ली के शिक्षा विशेषज्ञ श्री रामचन्द्र राव बेगुर ने बताया कि “जल वायु परिवर्तन के विषय में बच्चों को जागरूक करने के लिए 12-18 अक्टूबर के बीच उत्तर प्रदेश के 20 जिलों के 240 उच्च प्राथमिक एवं कंपोजिट विद्यालयों में एक अभियान चलाया गया। इस अभियान का उद्देश्य जल वायु परिवर्तन के प्रति बच्चों को जागरूक करना और इसके लिए सक्रीय भूमिका निभाने के लिए बच्चों को प्रेरित करना था”। उन्होने बताया कि एक सप्ताह तक चले इस अभियान में लगभग 6000 बच्चों ने हिस्सा लिया एवं विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से जल वायु परिवर्तन के शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण एवं आपदा जोखिम में कमी, आदि विषयों पर जानकारी एकत्रित की। बच्चों ने अपने गाँव में बैठकों का आयोजन किया एवं साल-दर-साल होने वाले परिवर्तन को समझने के लिए किसानों, बड़े बुज़ुर्गों एवं संबन्धित हितधारकों के साक्षात्कार भी लिये गए है। इन सब गतिविधियों के बाद बच्चों द्वारा एक मांग पत्र बनाया गया जिसमें सभी मुद्दों को शामिल किया गया। उन्होने बताया कि जल वायु परिवर्तन पर बच्चों की समझ की सराहना करते हुए प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा श्री दीपक कुमार ने कहा, “जल वायु परिवर्तन के सम्बन्ध में जानकारी होना आवश्यक है। हमे गर्व है की उत्तर प्रदेश के सरकारी स्कूलों के बच्चों को इस विषय की इतनी गहरी समझ है और वे इस समस्या के प्रति जागरूक हैं।
यूनिसेफ, नई दिल्ली के शिक्षा विशेषज्ञ श्री रामचन्द्र राव बेगुर ने बताया कि चार्टर ऑफ डिमांड में स्कूली बच्चों की हर माह नि:शुल्क स्वास्थ्य जांच, मच्छरों से होने वाली बीमारियों से बचने के लिए नियमित छिड़काव एवं साफ-सफाई के प्रबंध, मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों से निपटने के लिए स्कूलों में काउंसिलिंग की व्यवस्था की भी मांग बच्चों द्वारा की गई। उन्होने बताया कि आपदा जोखिम को कम करने के लिए पेड़ों की कटाई पर रोक, रासायनिक खाद की जगह जैविक खाद के इस्तेमाल को बढ़ावा देना एवं नदियों के प्रदूषण रोकने के प्रबंध की मांगों को भी बच्चों ने अपने पत्र में शामिल किया।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी लोगों ने जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव से बचने के लिए उचित व्यवहार अपनाने के शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किया। इस अवसर पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, लखनऊ श्री अरूण कुमार सहित अन्य विभागीय अधिकारी, बड़ी संख्या में स्कूल के बच्चों, शिक्षक/शिक्षकाओं तथा यूनीसेफ के डा0 अमित मेहरोत्रा, श्री रितविक पात्रा आदि उपस्थित रहे।
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