हर माह की 15 तारीख को स्वास्थ्य इकाइयों पर मनाया जाएगा निक्षय दिवस 

जिले में 6500 टीबी मरीजों की अधिसूचना का लक्ष्य जिसमें 1800 प्राइवेट से 4700 पब्लिक के क्षय रोगियों को गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी,
बलगम के नमूने लेने के लिए खुले स्थान पर बनाये जाएंगे कफ कॉर्नर 

15 तारीख को अवकाश होने पर अगले दिन मनेगा दिवस  

रायबरेली। क्षय रोगियों को पूर्ण स्वस्थ बनाने तथा गुणवत्तापरक उपचारसुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जनपद के सभी जिला अस्पताल, नगरीय एवं ग्रामीण सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (पीएचसी) तथा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर हर माह की 15 तारीख को निक्षय दिवस का आयोजन होगा | इस संबंध में  राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन- उत्तर प्रदेश की मिशन निदेशक अपर्णा उपाध्याय ने संबंधित अधिकारियों को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिए हैं।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. वीरेंद्र सिंह  ने बताया कि क्षय रोग (टीबी) एक प्रमुख सामाजिक समस्या है।प्रधानमंत्री ने देश से साल 2025 तक क्षय उन्मूलन का लक्ष्य रखा है। जनपद में राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत 6500 क्षय रोगियों की अधिसूचना का लक्ष्य रखा गया है। इसी क्रम में सभी क्षय रोगियों को पूरी तरह से स्वस्थ होने तथा गुणवत्ता परक सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए जनपद के सभी जिला अस्पताल, नगरीय एवं ग्रामीण सामुदायिक स्वस्थ्य केंद्र (सीएचसी) तथा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) तथा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर हर माह की 15 तारीख को निक्षय दिवस मनाया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) के तहत स्वास्थ्य केंद्र पर नि:क्षय दिवस में उस दिन की ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या के सापेक्ष 10 फीसद लक्षण युक्त मरीजों की बलगम की जांच की जाएगी।सभी संभावित क्षय रोगियों की सूची के अनुसार उनकी जांच और उनके बैठने की व्यवस्था खुले स्थान पर की जाएगी। टीबी के इलाज पर चल रहे मरीजों के एचआईवी और डायबिटीज की जांच यदि नहीं हुई है तो अवश्य कराई जाएगी। बलगम के नमूने लेने के लिए स्वास्थ्य केंद्र के बाहर खुले स्थान पर कफ कॉर्नर बनाए जाएंगे। इसके साथ ही दवाओं का वितरण भी निशुल्क किया जाएगा। संभावित क्षय रोगियों को टीबी के लक्षण, जांच एवं उपचार संबंधी परामर्श दिया जाएगा। निजी चिकित्सकों को टीबी नोटिफिकेशन, कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग और फॉलो अप के लिए प्रेरित किया जाएगा। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि यदि माह की 15 तारीख को रविवार या कोई अन्य अवकाश पड़ेगा तो अगले कार्य दिवस पर निक्षय दिवस का आयोजन किया जाएगा। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन(आईएमए) को भी निक्षय दिवस के बारे में जानकारी दी जाएगी और निजी अस्पतालों में भी इसका आयोजन सुनिश्चित किया जाएगा।

निक्षय दिवस के आयोजन से पहले की कार्य योजना 
जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. अनुपम सिंह ने बताया कि निक्षय दिवस के आयोजन से पहले आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण के दौरान संभावित क्षय रोगियों का चिन्हीकरण करेंगी। वह ऐसे मरीजों की सूची बनायेंगी जिन्हें दो हफ्ते से ज्यादा खांसी या बुखार हो, वजन में लगातार कमी आ रही हो, भूख न लग रही हो और बलगम से खून आ रहा हो और उन्हें निकटतम हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर संदर्भित करेंगी। यदि मरीज स्वास्थ्य केंद्र पर जाने में असमर्थ है तो आशा कार्यकर्ता 15 तारीख को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर या निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर लेकर आएँगी। इसके अलावा वह संभावित क्षय रोगी के परिवार के सदस्यों की सूची भी बनायेंगी और इसे समुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी(सीएचओ) और आशा संगिनी के माध्यम से संबंधित सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर को उपलब्ध कराएंगी। सभी संभावित क्षय रोगियों को निक्षय दिवस से पहले ही आशा कार्यकर्ता द्वारा पहले से ही बलगम कंटेनर उपलब्ध करा दिया जाएगा ताकि मरीज अपने सुबह के बलगम के साथ स्वास्थ्य केंद्र पर आए। सीएचओ एवं आशा कार्यकर्ता द्वारा निक्षय दिवस पर प्रदान की जाने वाली सेवाओं का प्रचार प्रसार किया जाएगा। हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर सीएचओ द्वारा उन मरीजों की उपलब्धता के आधार पर प्रारम्भिक जांच-डायबिटीज, एचआईवी एवं अन्य जाँचें सुनिश्चित की जाएंगी और बलगम का नमूना एकत्र किया जाएगा। सभी संग्रह नमूनों को प्रिसंपटिव आईडी बनाते हुए नजदीकी टीबी जांच केंद्र पर भेजा जाएगा। ऐसे उपकेन्द्र जो हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में तब्दील नहीं हुए हैं उन्हें पास के हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर से टैग करना होगा।जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि सीनियर टीबी लैब सुपरवाइजर (एसटीएलएस) एवं लैब टैक्नीशियन द्वारा एचआईवी एवं डायबिटीज की जांच से छूटे हुए क्षय रोगी की जांच इस दिन सुनिश्चित की जाएगी। निक्षय पोर्टल के उन क्षय रोगियों, जिनकी दवा के प्रति संवेदनशीलता की जांच नहीं हुई है, सभी रोगियों के बलगम के नमूनों  को उसी दिन जांच के लिए  प्रयोगशाला भेजा जाएगा। इसके अलावा निक्षय पोषण योजना से संबंधित तकनीकी मसलों को भी हल किया जाएगा एवं बीच में इलाज छोड़ चुके मरीजों का फॉलो अप कर पुनः इलाज शुरू कराया जाएगा।

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