राम की अयोध्या में दीपोत्सव पर होंगे ब्रज के लोकनृत्य


धोबिया, फरुआही, राई, छाऊ लोकनृत्य को भी वैश्विक मंच दे रही योगी सरकार


लोक गायन, वादन के जरिये बहेगी लोकसंस्कृति की बयार


यूपी के साथ कई प्रदेशों की संस्कृति से रूबरू कराएगा दीपोत्सव


लखनऊ, 21 अक्टूबर। दीपोत्सव की सारी तैयारी हो गई है। महज कुछ घण्टे शेष, फिर विश्व फलक पर अयोध्या

के दीपोत्सव की गूंज एक बार फिर सबसे बड़े पैमाने पर गूंजेगी। आस्था और अध्यात्म के संगम के बीच योगी

सरकार लोकगीतों, वाद्ययंत्रों व सँस्कृति के प्रचार-प्रसार को भी नहीं भूली।

विलुप्त होने के कगार पर पहुंचे ग्रामीण परिवेश के धोबिया, फरुआही नृत्य के कलाकारों को भी सरकार ने

दीपोत्सव जैसा अविस्मरणीय मंच दिया। राम की अयोध्या में ब्रज के लोकनृत्य की भी बयार बहाने का अवसर

उपलब्ध कराया। अवध में ब्रज के कलाकार राम-कृष्ण की धरती की संस्कृति, भाषा और शैली से श्रोताओं को

मंत्रमुग्ध करेंगे।


आज से तीन दिनों तक रहेगा कई भाषा, बोली और संस्कृति का संगम

अयोध्या के छठवें दीपोत्सव में भारत के कई प्रांतों की भाषा, शैली/बोली व संस्कृति का भी संगम दिखेगा। 21

से 23 अक्टूबर तक यहां उत्तर प्रदेश व कई राज्यों के कलाकार प्रस्तुति देंगे। स्थानीय कलाकार विजय यादव व

मुकेश कुमार फरुआही नृत्य करेंगे तो आजमगढ़ के मुन्नालाल यादव धोबिया नृत्य पर प्रस्तुति देंगे। गाजीपुर के

कलाकार पारसनाथ यादव अयोध्या के मंच पर लोकगायन की प्रस्तुति देंगे। बिरहा सुनने का अवसर भी

अयोध्यावासियों को मिलेगा। भदोही के शेषमणि सरोज अपने बिरहा से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध करेंगे। झांसी के

रणसिंघा विधा की महक प्रशांत आर्या बिखेरेंगे।


कई प्रांतों के कलाकार भी अपनी संस्कृति से कराएंगे रूबरू

योगी सरकार ने जहां उत्तर प्रदेश के कई कलाकारों और विधा को मंच दिया है, वहीं अन्य प्रांतों की संस्कृति को

भी अवध की धरती पर अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर दिया है। हरियाणा के महावीर सिंह गुड्डू वहां के

लोकगीत और नृत्य से परिचित कराएंगे तो झारखंड के सृष्टि धर महतो छाऊ नृत्य के जरिये अपने प्रदेश की

सांस्कृतिक झलक दिखाएंगे। मुंबई की प्रीत प्रेरणा के भजन भी सांस्कृतिक मंच पर भगवान राम के श्रीचरणों में

अपनी हाजिरी लगाएंगे। नई दिल्ली की कथक कलाकार अरूपा लहरी की भी प्रस्तुति होगी। गुजरात सरकार के

संस्कृति मंत्रालय की तरफ से भी लोकनृत्य का आयोजन होगा।


जिलों के कलाकारों को भी मिलेगा मंच

योगी सरकार अधिक से अधिक कलाकारों को मंचीय प्रतिभा दिखाने का अवसर दे रही है। इसके लिए संस्कृति

विभाग ने काफी तैयारी भी की। यहाँ प्रदेश के लखनऊ, अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज, गोरखपुर, आजमगढ़,

भदोही, गोंडा, सोनभद्र, गाजीपुर, बाराबंकी, अमेठी, अकबरपुर, सुल्तानपुर, झांसी, बाँदा समेत कई भाषाओं व शैलियों

से जुड़ी संस्कृति की झलक भी अवध में देखने-सुनने को मिलेगी। यानी अवधी, भोजपुरी, ब्रज, बुंदेलखंडी समेत

कई शैलियों के संगम से श्रोता सराबोर होंगे।

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