मुख्यमंत्री आदि कवि महर्षि वाल्मीकि जन्मोत्सव समारोह में सम्मिलित हुए

महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की

महर्षि वाल्मीकि की पावन जयन्ती के अवसर
पर प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं

भगवान श्रीराम के जीवन चरित पर आधारित महाकाव्य
रामायण की रचना महर्षि वाल्मीकि ने की थी: मुख्यमंत्री

मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पावन चरित्र को जनता तक पहुंचाने का
श्रेय त्रेता युग में महर्षि वाल्मीकि को और कलियुग में संत तुलसीदास को है

महर्षि वाल्मीकि ने देश और दुनिया को भगवान श्रीराम के
पावन चरित्र से साक्षात्कार कराकर प्रत्येक नागरिक के मन
में सकारात्मक ऊर्जा के भाव का संचार करने का कार्य किया

चित्रकूट में महर्षि वाल्मीकि की पावन साधना स्थली
तथा तुलसीदास जी की जन्मभूमि स्थित, दोनों स्थलों का
सुन्दरीकरण करके पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है

प्रदेश सरकार द्वारा वाल्मीकि समाज के हितों के लिए एक आयोग गठित किया गया है
लखनऊ: 09 अक्टूबर, 2022

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आज यहां महर्षि वाल्मीकि आश्रम, परिवर्तन चौक पर आयोजित आदि कवि महर्षि वाल्मीकि जन्मोत्सव समारोह में सम्मिलित हुए। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने रामचरितमानस की चौपाइयों को भी सुना। मुख्यमंत्री जी का महर्षि वाल्मीकि का चित्र एवं पुष्प देकर स्वागत किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने महर्षि वाल्मीकि की पावन जयन्ती के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज शरद पूर्णिमा का पावन पर्व भी है। मान्यता है कि आज चन्द्रमा सबसे अधिक चमकीला दिखाई देता है और धरती के सबसे नजदीक होता है। इसका अपना आध्यात्मिक महत्व है। इस धराधाम पर चन्द्रमा जैसी शीतलता प्रदान कर हम सभी को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम की भक्ति के साथ सराबोर करने वाले त्रिकालदर्शी महर्षि वाल्मीकी की आज पावन जयन्ती है। भगवान श्रीराम के जीवन चरित पर आधारित महाकाव्य रामायण की रचना महर्षि वाल्मीकि ने की थी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि दुनिया की कोई ऐसी भाषा नहीं है, जिसने वाल्मीकिकृत रामायण का आधार न बनाया हो। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के पावन चरित्र को जनता तक पहुंचाने का श्रेय अगर किसी को जाता है, तो वह त्रेता युग में महर्षि वाल्मीकि को और कलियुग में संत तुलसीदास को है। महर्षि वाल्मीकि ने अपनी अमर रचना के माध्यम से देश और दुनिया का भगवान श्रीराम के पावन चरित्र से साक्षात्कार कराकर प्रत्येक नागरिक के मन में सकारात्मक ऊर्जा के भाव का संचार करने का कार्य किया है। सौभाग्य है कि आज हम सभी एक साथ मिलकर इस त्रिकालदर्शी ऋषि के प्रति श्रद्धा व सम्मान का भाव व्यक्त कर रहे हैं। वहीं आज जनपद अयोध्या में भगवान श्रीराम की पावन जन्मभूमि पर भगवान श्रीराम के भव्य मन्दिर निर्माण का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि भगवान श्रीराम ने वनवास के दौरान सर्वाधिक समय चित्रकूट में व्यतीत किया था। चित्रकूट के लालापुर में महर्षि वाल्मीकि की पावन साधना स्थली तथा राजापुर में तुलसीदास जी की पावन जन्मभूमि स्थित है। प्रदेश सरकार द्वारा इन दोनों स्थलों का सुन्दरीकरण करके पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा रहा है। लालापुर में पहाड़ी की चोटी पर रोपवे के निर्माण की कार्यवाही भी युद्ध स्तर पर की जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उन्हें वाल्मीकि जन्मोत्सव समिति से जुड़े पदाधिकारियों द्वारा वाल्मीकि समुदाय से जुड़ी समस्याओं का प्रतिवेदन प्राप्त हुआ है। प्रदेश सरकार द्वारा वाल्मीकि समाज के हितों के लिए एक आयोग गठित किया गया है। इस आयोग का चेयरमैन वाल्मीकि समुदाय के एक व्यक्ति को बनाते हुए आयोग से कहा गया कि आयोग अपनी रिपोर्ट समय-समय पर सरकार को उपलब्ध कराता रहेगा, तो उस पर कार्यवाही भी होती रहेगी। आयोग अपनी रिपोर्ट अविलम्ब उपलब्ध कराएगा, तो राज्य एवं केन्द्र सरकार के स्तर पर वाल्मीकि समाज और सफाईकर्मियों के उत्थान हेतु अच्छी योजनायें तैयार करने में मदद मिलेगी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि महर्षि वाल्मीकि के जीवन चरित्र से सभी लोग प्रेरणा व प्रकाश प्राप्त कर देश और समाज के लिए अपने आपको समर्पित करेंगे।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री श्री ब्रजेश पाठक, जनपद लखनऊ की महापौर श्रीमती संयुक्ता भाटिया, विधायक श्री आशुतोष टण्डन, श्री नीरज बोरा, श्री योगेश शुक्ला सहित गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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