मथुरा।।
मथुरा के जिलाधिकारी के बदलते ही आज चंदा ग्रीन्स वेलफेयर सोसाइटी ने  अपनी पुरानी मांगों को लेकर एक बार फिर नये डीएम पुलकित खरे मुलाकात करते हुए अपना एक ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा | ज्ञापन के माध्यम से जिलाधिकारी को अवगत कराया कि पूर्व डीएम नवनीत सिंह चहल जी के आदेश पर दिनांक 16.09.2022 को मथुरा वृंदावन विकास प्राधिकरण के सचिव राजेश कुमार ने बिल्डर  के.डी.अग्रवाल और चन्दा ग्रीन्स सोसाइटी कमेटी की एक बैठक आयोजित की थी। ध्यान देने योग्य बात यह है कि हम ने बिल्डर के खिलाफ़ शिकायत की थी उन शिकायतों की जांच किए बिना सीधे ही मीटिंग आयोजित कर दी। हम ने अपनी समस्याएं उनके सामने रखी लेकिन उन्होंने हमारी शिकायतों को दरकिनार करते हुए बिल्डर का सपोर्ट किया जो बिल्कुल निराधार है। जब हमारी ओर से इस पर आपत्ति जताई तो वे मीटिंग छोड़ कर ही चले गए। और मीटिंग बिना किसी निष्कर्ष के साथ समाप्त हो गई। उस मीटिंग के हमारे मुख्य बिन्दु इस प्रकार हैं : 
बिल्डर ने फ्लैट स्वामियों के काॅरपस फन्ड(रखरखाव का पैसा) को चंदाग्रीन्स सोसाइटी के खाते में न भेज कर अपने प्रोजेक्ट में लगाया जिसके कारण सोसाइटी के लोगों को धोखा दिया और स्वयं ने उस पैसे से अपना धंधा कर लाभ कमाया। 
मई 2021 में सोसाइटी की नई कमेटी के गठित होने के बाद दिनांक 25.06.2021 को बिल्डर के साथ एक बैठक आयोजित की थी उसमें कमेटी ने सोसायटी में पड़े हुए अधूरे कार्यों एवं अन्य आवश्यक कार्यों को पूरा करने के लिए एवं काॅरपस फंड के साथ सोसाइटी को हस्तांतरित करने के लिए आग्रह किया था। तदुपरांत दिनांक 12.07.2021 को फिर से बिल्डर के साथ कमेटी की मीटिंग हुई और इसमें भी पूर्व कार्य सूची, काॅरपस फन्ड एवं सोसाइटी हस्तांतरण की बातें दुहराईं गयीं। इसके बाद बिल्डर ने 20लाख रुपये का एक चैक तो दिया लेकिन अन्य कार्यों के लिए सिर्फ झूठे आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला। 
महोदय, सोसाइटी में कुछ अति आवश्यक सुविधाओं का अभाव है जैसे a. अग्निशमन सिस्टम नहीं है।b. एस टी पी का ढाँचा है, काम नहीं करता है। c. सोसाइटी का कोई ऑफिस नहीं बनाया है। आश्चर्य इस बात का है कि बिल्डर को सभी संबंधित विभागों से एन ओ सी मिला हुआ है।
बिल्डर ने कालोनी के रखरखाव एवं सुरक्षा के के नाम पर 1BHK वाले लोगों से 40000 /-रुपये, 2BHK वालों से 65000 /-एवं 3BHK वालों से 80000 /-रुपये एक मुश्त यह कह कर लिए थे कि यह फन्ड वन टाइम इन्वेस्टमेंट होगा। इस से सोसाइटी का दीर्घकालीन संचालन होता रहेगा अलग से मासिक पैसा देने की आवश्यकता नहीं है। इस तरह बिल्डर ने लोगों को गुमराह कर धोखा दिया। 
बिल्डर ने कालोनी में ग्राउंड फ्लोर की 7 दुकानों (जो एमवीडीए से स्वीकृत हैं) के ऊपर प्रथम तल पर 6 दुकानें तथा द्वितीय एवं तृतीय तल पर चार फ्लैट बने हुए हैं ये सभी निर्माण अवैध है क्योंकि एमवीडीए ने हमें मांगे जाने पर भी कोई प्रूफ नहीं दिया। विषेश बात यह है कि दुकानों के ऊपर के फ्लैटों को अब आफिस बता रहे हैं। यदि ये आफिस हैं तो यहां परिवार क्यों रह रहे हैं? और यदि ये फ्लैट्स किसी आफिस में बदल दिए जाते हैं तो रेसिडेंशियल एरिया में सुरक्षा की दृष्टि से कोई ऑफिस बनाना ठीक नहीं हैं। 
6. सोसाइटी के फ्लैट्स की गुणवत्ता पर दिनांक 10.09.2022 की रात्रि की घटना जो बताती है वो इस प्रकार है : कालोनी के मुख्य द्वार के पास की बिल्डिंग का ऊपरी हिस्सा अचानक भरभरा करके गिर गया। उस समय ईश्वर की कृपा से कोई जन हानि तो नहीं हुई लेकिन नीचे खड़ी एक बाइक के परखच्चे उड गये। इस घटना ने यहां बने भवनों की गुणवत्ता की पोल खोल दी है। बिल्डर ने एमवीडीए से इस सोसाइटी का कंप्लीशन सर्टिफिकेट महज 4 वर्ष पूर्व ही लिया है। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि बिल्डर ने सोसाइटी की बिल्डिंग पर फाइनल कोट भी नहीं कराया है।
          सभी बिन्दुओं पर बात करते हुए नए जिलाधिकारी पुलकित खरे ने कहा मथुरा विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को निर्देशित करते हुए चंदा ग्रीन्स सोसाइटी के पदाधिकारियों के साथ बैठक आयोजित की जाएगी जिससे सोसाइटी की समस्याओं का समाधान हो सके l ज्ञापन सौंपने वालों में सचिव एसपी सिंह, विजेंद्र सिंह, ओपी वाष्णेय, रणवीर सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता आदि मुख्य रूप रहे शामिल  l                                
राजकुमार गुप्ता 

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