बाढ़ की जद में तहसील क्षेत्र के सैकड़ों गांव आ गए हैं कई गांवों में बाढ़ का पानी घरों मैं घुस गया है जहां लोग छतों पर रहकर गुजारा करने को मजबूर हैं । बाढ़ तांडव इस बार इतना खतरनाक रहा कि सैकड़ो गैर बाढ़ प्रभावित गांवों को भी बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ी।
किसानों के सैकड़ो हेक्टेयर धान की फसल बरबाद हो गई है।ग्राम बौड़िहार, रसूलाबाद, टेढ़वा तप्पा बांक, गोनकट, हसनगढ़, डुढ़ुहिया,मस्जिदिया, कंचनपुर, गोवर्धनपुर, परसौना, चिचुहड़ी सहागियां, नंदौरी, भरवलिया, हासिम पारा, छितरपारा, पाला पाली, मटयरिया कर्मा, मिलौली बाघाजोत, मोहनजोत, गुरुदयाल डीह, अल्लीपुर बुजुर्ग, बभन पुरवा, महुआ धनी, बरायल, कटरा, बारम, फत्तेपुर, रुस्तम नगर, कोहिनिया, उपरौहौला, कर्मा, पिपरा एकडंगा, रसूलपुर, राजापुर, पनवापुर,रेहरा माफी,चीती,बनकटवा,गरीब नगर,लाल गंज,चपरहिया,फकीरी बनकट,चायडीह, कलंदर जोत समेत सैकड़ों गांव बाढ़ की जद में आ गए हैं। नदी से बाहर निकले पानी ने रास्तों को जलमग्न कर दिया है। जबकि खेतों में खड़ी किसानों की सैकड़ों एकड़ फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं। पुलिस प्रशासन के लोग ग्रामीणों को नदी व बाढ़ वाले रास्ते की ओर जाने से रोक रहे हैं। राप्ती नदी के पानी ने तबाही मचा रखा है। राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने से पिपरा घाट मार्ग से पानी होता हुआ उतरौला नगर कर्बला के पास मुख्य मार्ग पर आ गया है। नदी के किनारों से बाहर निकला पानी किसानों की खड़ी फसलों को बर्बाद कर रहा है।हालत यह है कि मनकापुर मार्ग पर लालगंज से इमलिया बनघुसरा तक सड़कों पर डेढ़ से दो फिट पानी बह रहा है पानी के तेज बहाव के चलते छोटे वाहनों का आवागमन पूरी तरह बाधित हो गई है।इसी तरह उतरौला से पचपेड़वा मार्ग पर सड़क पर चार फिट पानी बह रहा है। एक सप्ताह बीतने के बाद भी बाढ़ का पानी गांव, रास्तों व खेतों में कहर बरपा रहा है। क्षेत्र के सैकड़ों गांव बाढ़ के पानी से घिर गए हैं।
गांव से शहर आने वाले रास्ते जलमग्न हो चुके हैं। लोगों के सामने पीने के लिए साफ पानी व खाने के लिए भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई है। जानवरों के चारे के लिए बड़ा संकट खड़ा हो गया है। खेतों में खड़ी धान, सब्जियां, दलहन, गन्ना, सरसो की फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है।
असगर अली
उतरौला
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