संवादाता:- राम कुमार यादव
डीएम ने महर्षि बालार्क जिला चिकित्सालय का किया औचक निरीक्षण,
व्यवस्थाएं मिली संतोषजनक, दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता
बहराइच 30 अक्टूबर। संचारी एवं संक्रामक रोगों की रोकथाम हेतु की गई व्यवस्थाओं का जायज़ा लेने के उद्देश्य से जिलाधिकारी डॉ. दिनेश चन्द्र ने मेडिकल कालेज के महार्षि बालार्क जिला चिकित्सालय बहराइच का औचक निरीक्षण किया। जिला चिकित्सालय के वार्डाें का निरीक्षण करते हुए डीएम डॉ. चन्द्र ने मरीज़ों एवं उनके तीमारदारों से चिकित्सालय द्वारा उपलब्ध कराई जा रही चिकित्सकीय सेवाओं एवं सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की। वार्ड के निरीक्षण के दौरान भर्ती मरीज़ सीमा देवी ने डीएम को बताया कि उसे जिला चिकित्सालय के बाहर की दवा लिखी गई है। इस सम्बन्ध में डीएम ने सीएमएस डॉ. ओ.पी. चौधरी को निर्देश दिया कि चिकित्सक द्वारा बाहर से दवा लिखने के औचित्य की जांच कराकर 02 दिवस में रिपोर्ट प्रस्तुत करें।
निरीक्षण के दौरान सीएमएस डॉ. चौधरी द्वारा बताया गया कि डेंगू के मरीज़ों के लिए अलग से 10 बेड का वार्ड स्थापित कर चिकित्सकों की ड्यूटी भी लगा दी गई है। डीएम डॉ. चन्द्र ने निर्देश दिया कि डेंगू वार्ड की क्षमता को 10 से बढ़ाकर 20 बेड कर दिया जाय। डॉ. चौधरी ने बताया कि चिकित्सालय में सभी प्रकार की दवाएं तथा ब्लड बैंक में पर्याप्त मात्रा में प्लाज़्मा व प्लेटलेट्स उपलब्ध है। इसके अलावा संक्रामक रोगों के दृष्टिगत चिकित्सालय में 30 बेड की क्षमता का एक वार्ड भी बना दिया गया है। जहॉ पर भी आवश्यकतानुसार चिकित्सकों की ड्यूटी लगा दी गई है।
सीएमएस डॉ. चौधरी ने डीएम डॉ. चन्द्र को बताया कि एक सप्ताह में जिला चिकित्सालय आने वाले 275 बुखार के मरीज़ों के खून की जांच की गई जिसमें से कोई भी मरीज़ डेंगू पाजीटिव नहीं पाया गया। उन्होंने बताया कि सामान्य बुखार में भी शरीर में प्लेटलेस की संख्या घटने के साथ-साथ कमज़ोरी भी आ सकती है। डॉ. चौधरी ने लोगों को सुझाव दिया कि बुखार के लक्षण होने पर घबराएं नहीं बल्कि अपने नज़दीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर उपचार कराएं। उन्होंने यह भी सलाह दी है कि मच्छर जनित रोगों से बचाव हेतु पूरी बांह का कपड़ा पहने, सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें तथा अपने घर के आस-पास सफाई रखें तथा पानी एकत्र न होने दें।
चिकित्सालय के निरीक्षण के दौरान डीएम ने सीएमएस कक्ष में चिकित्सकों के साथ बैठक कर निर्देश दिया कि सभी चिकित्सक ड्रेस प्रोटोकाल का पालन करें तथा चिकित्सालयों में आने वाले मरीज़ों को शासन द्वारा अनुमन्य चिकित्सा सुविधा मानक के अनुसार उपलब्ध कराएं। अपरिहार्य परिस्थितियों में ही मरीज़ को रिफर किया जाय ताकि अधिक से अधिक गरीब ज़रूरतमन्द लोगों को अपना इलाज कराने में असुविधा न हो। सभी डॉक्टर कतई तौर पर मरीज़ों को बाहर की दवा न लिखें। अन्यथा की स्थिति में सम्बन्धित के विरूद्ध कठोर कार्रवाई अमल में लाई जायेगी। चिकित्सक डॉ. अमर सिंह के बारे में निजी चिकित्सालय में ओपीडी करने सम्बन्धी शिकायत का संज्ञान लेते हुए डीएम डॉ. चन्द्र ने सम्बन्धित से स्पष्टीकरण प्राप्त करने के निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान चिकित्सालय की साफ-सफाई व अन्य व्यवस्थाएं संतोषजनक पायी गईं। इस अवसर पर मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. अनिल के साहनी, चिकित्सालय प्रबन्धक रिज़वान खान व अन्य चिकित्सक मौजूद रहे।
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