मुख्यमंत्री का जनपद श्रावस्ती भ्रमण

मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ की स्थिति का निरीक्षण किया,
बाढ़ पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की और राहत सामग्री प्रदान की
 
प्रदेश सरकार बाढ़ पीड़ितों के दुख-दर्द में उनके साथ, बाढ़ पीड़ितों
को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी जायेगी, उन्हें
सरकार द्वारा हर सम्भव सहायता प्रदान की जायेगी

बाढ़ पीड़ित परिवार को समय से राहत सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता के लिये वैकल्पिक व्यवस्था की जाए

जिन लोगांे के मकान बाढ़ की चपेट में क्षतिग्रस्त हो गये या
बह गये हैं, उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना से आच्छादित किया जाये
 
सूखा के कारण जिन लोगों की फसल को नुकसान
हुआ है, उसका आकलन कर मुआवजा देने के निर्देश

स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैम्प लगाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण कराया जाए

पशुओं के लिये चारे की व्यवस्था के साथ-साथ
उनका शत-प्रतिशत टीकाकरण कराया जाए

पानी उतरने के बाद साफ-सफाई व ब्लीचिंग पाउडर आदि की व्यवस्था
सुनिश्चित की जाए, लोगों को शुद्ध पेयजल की कोई दिक्कत न होने पाए

लखनऊ: 12 अक्टूबर, 2022


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने आज जनपद श्रावस्ती का हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ की स्थिति का निरीक्षण किया। उन्होंने चौधरी रामबिहारी बुद्ध इण्टर कालेज में बाढ़ पीड़ितों से भेंटकर उनकी कुशलक्षेम पूछी और बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री प्रदान की। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा दी जा रही बाढ़ राहत सुविधाओं के बारे में जानकारी भी प्राप्त की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार बाढ़ पीड़ितों के दुख-दर्द में उनके साथ है। बाढ़ पीड़ितों को किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं होने दी जायेगी, उन्हें सरकार द्वारा हर सम्भव सहायता प्रदान की जायेगी। उन्हांेने बाढ़ पीड़ितों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बाढ़ से जनपद श्रावस्ती में 114 गांव प्रभावित हुए हैं, जिनमें लगभग 50 गांव पूरी तरह पानी से घिरे हैं। उन्होंने निर्देशित किया कि बाढ़ पीड़ित परिवार को समय से राहत सामग्री-10 किग्रा चावल, 10 किग्रा आटा, आलू, भुना चूरा, दलिया, साबुन, तेल, नमक, मोमबत्ती, डिग्निटी किट आदि उपलब्ध करायी जाएं। साथ ही, सभी बाढ़ पीड़ित परिवारों को लंच पैकेट, दवायें, फर्स्ट ऐड किट भी मुहैया करायी जाएं। किसी भी प्रकार की दिक्कत न होने पाये। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर एण्टी स्नेक वेनम एवं एण्टी रैबीज इन्जेक्शन उपलब्ध रहे। उन्हांेने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पेयजल की उपलब्धता के लिये वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। पशुओं के लिये चारे की व्यवस्था के साथ-साथ उनका शत-प्रतिशत टीकाकरण भी कराया जाए।
      मुख्यमंत्री जी ने कहा कि यह बाढ़ असमय आने से विभिन्न जनपदों में भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ा है। सभी प्रभावित जनपदों में युद्धस्तर पर राहत एवं बचाव कार्य कराये जा रहे हैं। जन-धन की हानि होने पर पीड़ित परिवार को प्रदेश सरकार द्वारा 04 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जायेगी। पशुओं की हानि होने पर आपदा राहत कोष से अनुमन्य सहायता राशि उपलब्ध करायी जाएगी। जिन लोगांे के मकान बाढ़ की चपेट में क्षतिग्रस्त हो गये या बह गये हैं, उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना से आच्छादित किया जायेगा। आंशिक क्षतिग्रस्त मकानों की भी हानि होने पर सरकार द्वारा पूरा सहयोग किया जाएगा। उन्होने यह भी कहा कि सूखा के कारण जिन लोगों की फसल को नुकसान हुआ है, उसका आकलन करने तथा बाढ़ प्रभावित जनपदों में मंत्री समूह को भेजने के साथ ही, उन जनपदों में नोडल अधिकारी भेजकर क्षतिग्रस्त फसल का आकलन कराकर मुआवजा देने के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने निर्देश दिए कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद बाढ़ प्रभावित गांवो में संक्रामक बीमारियां उत्पन्न होने की प्रबल संभावनाएं रहती हैं। इसके लिए कारगर कदम उठाये जाएं। ब्लीचिंग पाउडर के छिड़काव एवं साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा कैम्प लगाकर लोगों का स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाए। ऐसे हैण्डपम्प के चबूतरे जो बाढ़/जल जमाव के कारण डूब गये थे, वहां पर पानी उतरने के बाद साफ-सफाई व ब्लीचिंग पाउडर आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि लोगों को शुद्ध पेयजल की कोई दिक्कत न होने पाए।
इस अवसर पर जनप्रतिनिधिगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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