हर्ष उल्लास के साथ मने पर्व-त्योहार, नागरिक सुविधाओं में न हो
कमी : मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने दीपावली एवं छठ पूजा आदि पर्वों के सुचारू आयोजन के
लिए दिए दिशा-निर्देश
आबादी से दूर हों पटाखों की दुकान/गोदाम, हर जगह हों फायर टेंडर
के पर्याप्त इंतज़ाम: मुख्यमंत्री
माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले अराजक तत्वों के साथ
कठोरता से निपटेगी पुलिस
लंपी वायरस संक्रमण के कारण स्थगित रहेगा बलिया ददरी मेले में
पशु मेले का आयोजन
सुरक्षा के हों पुख्ता इंतजाम, हर शहर में सुचारू ट्रैफिक का बनाएं
प्लान, संवेदनशील क्षेत्रों में करें अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती:
मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री का निर्देश, खान-पान की चीजों में मिलावटखोरी स्वीकार
नहीं, होगी कार्रवाई
● मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को आहूत प्रदेशस्तरीय
बैठक में आगामी दीपावली एवं छठ पूजा पर्व के सुचारु आयोजन,
अतिवृष्टि के बीच राहत कार्यों को तेज करने, आम जन को स्वास्थ्य
सुविधाओं की सुलभ उपलब्धता आदि महत्वपूर्ण विषयों के संबंध में
शासन-प्रशासन के अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
● बैठक में समस्त मंडलायुक्त, जिलाधिकारी, अपर पुलिस महानिदेशक
(क्षेत्र), समस्त पुलिस आयुक्त (कानपुर, गौतमबुद्धनगर, वाराणसी
लखनऊ), पुलिस महानिरीक्षक (क्षेत्र), पुलिस उप महानिरीक्षक (परिक्षेत्र),
मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला पंचायत राज अधिकारी, नगर
आयुक्त, नगर पालिकाओं के अधिशासी अधिकारी, जिला स्तर पर
तैनात अधीक्षण, अभियन्ता, अधिशासी अभियन्ता (विद्युत) आदि
अधिकारियों की सहभागिता रही।
बैठक में मुख्यमंत्री जी द्वारा दिए गए आवश्यक दिशा-निर्देश
● बेहतर कानून-व्यवस्था, सतत संवाद और सभी वर्गों से मिल रहे
सहयोग का ही परिणाम है कि हाल के वर्षों में प्रदेश में सभी पर्व-
त्योहार शांति और सौहार्द पूर्ण माहौल में सम्पन्न हो रहे हैं।
रक्षाबंधन, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी, दुर्गापूजा, दशहरा और श्रावणी मेले हों
या फिर ईद, बक़रीद, बरावफ़ात, मुहर्रम आदि पर्व, हर पर्व-त्योहार पर
प्रदेश में सुखद माहौल रहा। बेहतर टीमवर्क और जनसहयोग का यह
क्रम सतत जारी रखा जाए।
● आने वाले दिनों में दीपावली, गोवर्धन पूजा, भाई-दूज, देवोत्थान
एकादशी, अयोध्या दीपोत्सव, वाराणसी देव दीपावली और छठ महापर्व
जैसे विशेष त्योहार हैं। इसके अलावा बलिया का ददरी मेला, अयोध्या
में पंचकोसी, 84 कोसी परिक्रमा, प्रयागराज में कार्तिक पूर्णिमा स्नान,
हापुड़ का गढ़मुक्तेश्वर मेला आदि मेलों का आयोजन भी इसी अवधि
में है। लगभग ढाई साल के बाद सामान्य हुई स्थितियों के बाद इस
बार त्योहारों में लोगों में अधिक उल्लास होना स्वाभाविक है। कानून-
व्यवस्था के दृष्टिगत यह समय संवेदनशील है। अतः हमें सतत
सतर्क-सावधान रहना होगा।
● हर पर्व शांति और सौहार्द के बीच सम्पन्न हों, इसके लिए स्थानीय
जरूरतों को देखते हुए सभी जरूरी प्रयास किए जाएं। शरारतपूर्ण
बयान जारी करने वालों के साथ जीरो टॉलरेंस की नीति के साथ
कड़ाई से पेश आएं। माहौल खराब करने की कोशिश करने वाले
अराजक तत्वों के साथ पूरी कठोरता की जाए।
● दीपावली के अवसर पर माता लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापना की भी
परंपरा है। धार्मिक परंपरा/आस्था को सम्मान दें। प्रतिमा विसर्जन के
लिए नदियों के स्थान पर तालाबों के प्रयोग के लिए लोगों को
जागरूक करें।
● दीपावली के लिए पटाखों की दुकानों/गोदामों का आबादी से दूर होना
सुनिश्चित कराएं। जहां पटाखों का क्रय/विक्रय हो, वहां फायर टेंडर के
पर्याप्त इंतज़ाम किए जाएं। पुलिस बल की सक्रियता भी बनी रहे।
पटाखों की दुकान खुले स्थान पर हो। इन्हें लाइसेंस/एनओसी समय से
जारी कर दिया जाए। पर्यावरण और हम सभी के स्वास्थ्य की दृष्टि
से अति संवेदनशील पटाखों के क्रय-विक्रय को हतोत्साहित किया
जाए।
● थाना, सर्किल, जिला, रेंज, जोन, मंडल स्तर पर तैनात वरिष्ठ
अधिकारीगण अपने-अपने क्षेत्र में समाज के प्रतिष्ठित जनों के साथ
संवाद बनाएं। लोगों के लिए सकारात्मक संदेश जारी कराएं।मीडिया
का सहयोग लें, ताकि शांति और सौहार्द का माहौल बना रहे।
● छोटी सी घटना लपरवाही के कारण बड़े विवाद का रूप ले सकती
है। ऐसे में अतिरिक्त सतर्कता आवश्यक है। त्वरित कार्यवाही और
संवाद-संपर्क अप्रिय घटनाओं को संभालने में सहायक होती है। किसी
भी अप्रिय घटना की सूचना पर बिना विलंब किए, जिलाधिकारी/पुलिस
कप्तान जैसे वरिष्ठ अधिकारी खुद मौके पर पहुंचे। संवेदनशील
प्रकरणों में वरिष्ठ अधिकारी लीड करें।
● पर्व और त्योहार खुशियों का अवसर होते हैं। हर व्यक्ति उल्लास-
उमंग और आह्लाद में होता है। शरारती तत्व दूसरे सम्प्रदाय के लोगों
को अनावश्यक उत्तेजित करने की कुत्सित कोशिश कर सकते हैं, ऐसे
मामलों पर नजर रखें। हर नगर की जरूरत के अनुसार ट्रैफिक प्लान
तैयार करें। यह सुनिश्चित करें कि बाजार आने वाले लोग ट्रैफिक
जाम में न फंसें। संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त पुलिस बल की
तैनाती की जाए। हर दिन सायंकाल पुलिस बल फुट पेट्रोलिंग जरूर
करे। पीआरवी 112 एक्टिव रहे।
● बलिया में ददरी मेले के दौरान पारंपरिक पशु मेले का भी आयोजन
होता रहा है। इस वर्ष दुधारु पशुओं में लंपी वायरस के संक्रमण की
स्थिति है। ऐसे में इस समय पशु मेले को स्थगित रखा जाना उचित
होगा। इस संबंध में पशुपालकों को समय से जानकारी दे दी जाए।
पशु मेला स्थगन के साथ-साथ उन्हें लंपी वायरस से बचाव के संबंध
में भी जागरूक किया जाना चाहिए।
● पर्व और त्योहारों के बीच ग्रामीण हो या कि शहरी क्षेत्र, पर्व-त्योहारों
के बीच बिजली अपूर्ति सुचारु रखी जाए। कहीं से भी अनावश्यक
कटौती की शिकायत न आए। इसकी नियमित समीक्षा की जाए।
● मिलावटखोरी आम जन के जीवन से खिलवाड़ है। किसी भी सूरत
में मिलावटखोरी को सहन नहीं किया जाएगा। पर्व-त्योहारों के
दृष्टिगत खाद्य पदार्थों की जांच की कार्रवाई तेज की जाए। मिलावटी
खाद्य पदार्थों के बिक्री की हर शिकायत पर तत्काल कार्यवाही हो।
मिशन रूप में प्रदेशव्यापी निरीक्षण किया जाना चाहिए। मिलावटखोरों
के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई की जाए।
● विगत दिनों असमय हुई तेज बरसात से 15 जिलों में लगभग 15
लाख की आबादी प्रभावित हुई है। यह समय संवेदना और सहयोग का
है। मैंने स्वयं भी ऐसे क्षेत्रों का दौरा किया है, प्रभावित लोगों से संवाद
किया है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों में कतई देर न हो। हर
गांव के लिए नोडल अधिकारी तैनात कर राहत कार्यों को तेज किया
जाए। प्रभावित परिवारों को हर जरूरी मदद तत्काल उपलब्ध कराई
जाए। तैयार भोजन और सूखा राशन वितरण कराएं। जहां जलभराव
की स्थिति हो, वहां पशुओं को अन्यत्र सुरक्षित स्थल पर शिफ्ट कराया
जाए। इन स्थलों पर पशु चारे की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए। एंटी
स्नेक वेनम की कमी न हो। मंडलीय भ्रमण के लिए जा रहे मंत्री
समूह को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की जानकारी दी जाए।
● बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बाढ़ चौकियों को एक्टिव रखें। एनडीआरएफ,
एसडीआरएफ/पीएसी तथा आपदा प्रबंधन की टीमें 24×7 एक्टिव मोड
में रहें। आपदा प्रबंधन मित्र, सिविल डिफेंस के स्वयंसेवकों की
आवश्यकतानुसार सहायता ली जानी चाहिए। जिलाधिकारी गण
नौकाओं, राहत सामग्री आदि का पर्याप्त प्रबंध रखें।
● बाढ़ अथवा जलभराव के कारण डेंगू, कॉलरा, डायरिया मलेरिया सहित
वायरल बीमारियों के प्रसार की आशंका होती है। ऐसे में हमें सतर्क
रहते हुए समय से जरूरी इंतज़ाम करने होंगे। अस्वस्थ लोगों के
उपचार के लिए सभी अस्पतालों में प्रबंध किए गए हैं। सर्विलांस को
बेहतर करते हुए हर एक मरीज के स्वास्थ्य की सतत निगरानी की
जाए।
● प्रदेश के हर सीएचसी/पीएचसी का सर्वेक्षण कराते हुए वहां उपलब्ध
चिकित्सकों और दवाओं की उपलब्धता की रिपोर्ट तैयार करें। जहां
डॉक्टर की जरूरी हो, वहां बिना विलंब चिकित्सक तैनात करें। ग्रामीण
क्षेत्रों में हेल्थ एटीएम और टेलीकन्सल्टेशन को और प्रोत्साहित किए
जाने की जरूरत है।
● लगातर प्रयासों से प्रदेश के हर जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं
उपलब्ध हैं। इस बीच कुछ जिलों से इमरजेंसी केस को लखनऊ रेफर
करने की प्रवृत्ति देखी जा रही है। यह उचित नहीं है। यह सुनिश्चित
कराएं कि अपरिहार्य स्थिति को छोड़ कोई भी मेडिकल इमरजेंसी केस
रेफर न किया जाए। हर मेडिकल कॉलेज में इमरजेंसी में आने वाले
मरीजों का विवरण भी तैयार कराएं।
● ग्रामीण व नगरीय क्षेत्र में व्यापक स्वच्छता, सैनिटाइज़ेशन और
फॉगिंग का कार्य मिशन मोड में किया जाए। अतिरिक्त मानव शक्ति
की जरूरत हो तो समय से प्रबंध करें। स्वच्छता कार्य की शासन स्तर
पर नियमित समीक्षा की जाए।
● पहले कम बरसात और फिर अतिवृष्टि के कारण फसलों पर भी बुरा
असर देखा जा रहा है। राज्य सरकार हर एक किसान के हितों की
सुरक्षा करने के लिए प्रतिबद्ध है। फसल सर्वेक्षण के कार्य यथाशीघ्र
पूरा कर रिपोर्ट तैयार कर ली जाए। ताकि प्रभावित किसानों को समय
से राहत राशि दी जा सके। राहत के संबंध में कार्ययोजना तय करते
समय बटाईदारों के हित का भी ध्यान रखा जाए।
● सड़क निर्माण के साथ-साथ उसके रखरखाव का भी पूरा ध्यान रखा
जाना चाहिए। समय-समय पर सड़कों की मरम्मत किया जाना भी
जरूरी होता है। पीडब्ल्यूडी, नगर विकास, सिंचाई, आवास एवं शहरी
नियोजन, ग्राम्य विकास, ग्रामीण अभियंत्रण, गन्ना विकास विभाग,
औद्योगिक विकास विभाग सहित सड़क निर्माण से जुड़े सभी विभाग
प्रदेशव्यापी सड़क गद्धमुक्ति अभियान को तेज करें।
● पर्व और त्योहारों के इस उल्लासपूर्ण माहौल में लोगों के आवागमन
में बढ़ोतरी स्वाभाविक है। बड़ी संख्या में लोग अपने घर जाते हैं। ऐसे
में परिवहन विभाग द्वारा ग्रामीण रुट पर बसों की संख्या बढ़ाई जाए।
खराब हालत वाली बसों को सड़क पर कतई न चलने दें।
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